I Love Muhammad Controversy
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    I Love Muhammad Controversy: उत्तर प्रदेश में जुम्मे की नमाज के बाद “आई लव मुहम्मद” के पोस्टर को लेकर शुरू हुए प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया है। दशहरे के त्योहार से ठीक पहले यह घटना राज्य भर में तनाव का माहौल बना रही है। बरेली से शुरू हुए इन प्रदर्शनों की आग अब कई अन्य शहरों में भी फैल गई है, जिससे प्रशासन और पुलिस को सख्त कार्रवाई करनी पड़ रही है।

    मामला तब शुरू हुआ, जब कानपुर पुलिस ने 4 सितंबर को बारहवफात के जुलूस के दौरान लगाए गए “आई लव मुहम्मद” के बोर्ड पर एफआईआर दर्ज की थी। इस एफआईआर के विरोध में मौलाना तौकीर रजा खान ने जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर तक जुलूस निकालने और प्रधानमंत्री मोदी को ज्ञापन सौंपने का आह्वान किया था। यही आह्वान बाद में बरेली में बड़े पैमाने पर हिंसक प्रदर्शनों का कारण बना।

    बरेली में हिंसक प्रदर्शन और गिरफ्तारियां-

    शुक्रवार को बरेली में स्थिति तब बिगड़ी जब बड़ी संख्या में लोग इस्लामिया ग्राउंड पर जमा हुए। हालांकि प्रशासन की तरफ से इस सभा की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन भीड़ ने जबरदस्ती जुलूस निकालने की कोशिश की। जब पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी। इस हिंसा में इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के मुखिया मौलाना तौकीर रजा खान समेत 50 लोगों को हिरासत में लिया गया।

    पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहर के तीन से चार थानों में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और तलाशी अभियान जारी है। बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया, कि जब भीड़ ने पुलिस की बात नहीं मानी, तो न्यूनतम बल का उपयोग करके भीड़ को तितर-बितर किया गया। उन्होंने कहा, कि जो लोग इस हिंसा में शामिल थे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

    मुख्यमंत्री योगी का सख्त रुख-

    दशहरे से पहले बढ़ते तनाव को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है, कि हर बदमाश की पहचान की जाए, वीडियो फुटेज और सोशल मीडिया निगरानी के जरिए कोई भी गुंडा न बचे। मुख्यमंत्री योगी ने कहा, “दशहरा बुराई और आतंक को जलाने का प्रतीक है, बदमाशों के खिलाफ कार्रवाई के लिए यही सही समय है।”

    मुख्यमंत्री ने अफवाह फैलाने वालों और जातीय तनाव भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ भी चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, कि अफवाह फैलाने वालों को गिरफ्तार किया जाए और त्योहारी माहौल में स्थानीय अधिकारी और चौकीदार पूरी सतर्कता बरतें।

    धार्मिक नेताओं ने की शांति की अपील-

    इस तनावपूर्ण माहौल में कई धार्मिक नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है। बरेली में आल इंडिया मुस्लिम जमीयत के अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने इन घटनाओं को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और सभी से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, कि पैगम्बर-ए-इस्लाम से प्रेम करने का सबसे बड़ा तरीका यह है, कि किसी को चोट न पहुंचाएं, न शब्दों से न कार्यों से और शांति बनाए रखें।

    मौलाना ने कहा, कि पैगम्बर ने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया है, इसलिए सभी मुसलमानों को कानून व्यवस्था बनाए रखनी चाहिए, कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए और न ही पुलिस या प्रशासन के साथ टकराव पैदा करना चाहिए।

    ओवैसी का सवाल-

    इस पूरे मामले पर एआईएमआईएम के मुखिया और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी अपनी बात रखी है। बिहार के पूर्णिया में बोलते हुए उन्होंने सवाल उठाया, “प्रेम में राष्ट्रविरोधी क्या है? क्या हम प्रेम से हिंसा को बढ़ावा दे रहे हैं? समस्या क्या है? इसका मतलब यह है, कि आप प्रेम के खिलाफ हैं।”

    ओवैसी ने कहा, कि एशिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी भारत में रहती है और इस तरह की प्रतिक्रिया से क्या संदेश जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा, कि हैप्पी बर्थडे प्रधानमंत्री और हैप्पी बर्थडे मुख्यमंत्री के पोस्टर की अनुमति है, लेकिन यह नहीं है।

    प्रदर्शनों की आग फैली अन्य राज्यों में-

    यह विवाद अब सिर्फ बरेली तक सीमित नहीं रहा है। मऊ, वाराणसी, मुरादाबाद के अलावा उत्तराखंड, कर्नाटक, गुजरात, बिहार और महाराष्ट्र में भी इसी तरह के प्रदर्शन हुए हैं। मऊ में मुख्यतः बच्चों के साथ एक अनधिकृत जुलूस निकाला गया, जिसे पुलिस ने तितर-बितर कर दिया और चार-पांच लोगों से पूछताछ की। महाराष्ट्र के बीड में पुलिस ने एक धर्मगुरु के खिलाफ मामला दर्ज किया है, जिन पर आरोप है, कि 23 सितंबर के प्रदर्शन के दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणियां की थीं।

    त्योहारी सीजन में सुरक्षा के विशेष इंतजाम-

    दशहरे से पहले इस तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए पुलिस को विशेष निर्देश दिए गए हैं। बूचड़खानों की अचानक जांच, उत्सवों के नजदीक यातायात प्रबंधन और दुर्गा पूजा, रावण दहन कार्यक्रमों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के विशेष प्रबंध किए गए हैं। मूर्ति की ऊंचाई सुरक्षा मानदंडों के अंतर्गत रखी जानी चाहिए और विसर्जन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी करनी होगी।

    मुख्यमंत्री योगी ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए भी मजबूत कदम उठाने पर जोर दिया है। गरबा और डांडिया कार्यक्रमों में निगरानी बढ़ाई गई है और मिशन शक्ति 5.0 को प्रभावी रूप से लागू करने पर भी जोर दिया गया है।

    पुलिस की सफाई-

    द् टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, बरेली के एसएसपी अनुराग आर्य ने शुक्रवार की हिंसा को स्वीकार करते हुए कहा, कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, कि पूरे दिन कोई अशांति नहीं थी और जिले के लगभग सभी स्थानों पर शुक्रवार की नमाज सुरक्षित रूप से अदा हुई।

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    एसएसपी ने बताया, कि केवल कोतवाली क्षेत्र में, जहां इस्लामिया ग्राउंड पर जमावड़े का आह्वान किया गया था, दोपहर 2:30 बजे के आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हुए और विभिन्न चौराहों पर इस्लामिया ग्राउंड जाने की जिद करने लगे। विभिन्न स्थानों पर बैठकें की गईं और सभी को बताया गया, कि इस्लामिया ग्राउंड पर मांगी गई अनुमति सरकार, प्रशासन या पुलिस द्वारा नहीं दी गई है।

    जो लोग आए थे, उन्होंने पुलिस के साथ बदसलूकी की और उन पर पत्थरबाजी की। जब लोगों ने बात नहीं मानी तो पुलिस ने अपनी ट्रेनिंग के अनुसार न्यूनतम बल का उपयोग करके भीड़ को तितर-बितर कर दिया।

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