Delhi-NCR GRAP-1: दिवाली की रौनक से ठीक एक हफ्ते पहले दिल्ली-NCR के लोगों के लिए एक चिंताजनक खबर आई है। मंगलवार को राजधानी की हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में पहुंच गई, जिसके बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने GRAP-1 के तहत कई प्रतिबंध लागू कर दिए हैं। एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) मंगलवार को 211 तक पहुंच गया और भारतीय मौसम विभाग (IMD) की चेतावनी के मुताबिक ,आने वाले दिनों में यह स्थिति बनी रह सकती है।
क्यों बढ़ता है इस मौसम में प्रदूषण?
हर साल इस समय दिल्ली-NCR में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है। इसके पीछे कई कारण हैं – वाहनों से निकलने वाला धुआं, पराली जलाना, पटाखे फोड़ना और मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां। ठंड शुरू होते ही हवा की गति कम हो जाती है, जिससे प्रदूषण के कण हवा में ही घुले रहते हैं और सांस लेना मुश्किल हो जाता है। खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारी से जूझ रहे लोगों के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।
#WATCH | Delhi Minister Manjinder Singh Sirsa says, "GRAP-1 has been implemented. As the weather department has informed that the next 4 days are very important… Under GRAP-1, some restrictions have been imposed, the purpose of which is that the people of Delhi get clean… pic.twitter.com/Fxb0WAt1tE
— ANI (@ANI) October 15, 2025
GRAP क्या है और कैसे काम करता है?
GRAP यानी Graded Response Action Plan एक तरह का एक्शन प्लान है, जो हवा की गुणवत्ता के हिसाब से चार स्तरों में बंटा है। स्टेज-1 तब लागू होता है, जब AQI 201 से 300 के बीच हो (खराब), स्टेज-2 में 301 से 400 (बहुत खराब), स्टेज-3 में 401 से 450 (गंभीर) और स्टेज-4 में 450 से ऊपर (अत्यंत गंभीर) हो। हर स्तर पर सरकार अलग-अलग प्रतिबंध लगाती है, जिससे ताकि प्रदूषण को काबू में किया जा सके।
GRAP-1 के तहत क्या-क्या प्रतिबंध लगे हैं?
अब जब स्टेज-1 लागू हो चुका है, तो NCR की सभी एजेंसियों को 27 निवारक उपायों को सख्ती से लागू करना होगा। इन प्रतिबंधों का मकसद है, कि प्रदूषण और न बढ़े और लोगों को साफ हवा मिल सके।
पुराने वाहनों पर पाबंदी–
अगर आपके पास 10 साल से पुरानी डीजल गाड़ी या 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ी है, तो वो सड़क पर नहीं चल सकती। ट्रैफिक सिग्नल पर लाल बत्ती पर इंजन बंद करना भी अनिवार्य है। पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल (PUC) सर्टिफिकेट की भी सख्ती से जांच होगी, और नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना या गाड़ी जब्त की जा सकती है।
खुले में कुछ भी जलाना मना-
कूड़ा, पत्ते, बायोमास या नगरपालिका का कचरा खुले में जलाना पूरी तरह प्रतिबंधित है। ढाबों और रोडसाइड खाने की दुकानों पर कोयला और लकड़ी इस्तेमाल नहीं हो सकता, सिर्फ बिजली या गैस का उपयोग किया जा सकता है।
पटाखों पर रोक-
दिवाली नजदीक है, लेकिन पटाखे फोड़ने पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई है। यह फैसला भले ही कुछ लोगों को निराश करे, लेकिन यह सेहत के लिए बेहद जरूरी है।
कंस्ट्रक्शन पर नियंत्रण-
बड़े निर्माण कार्यों में धूल रोकने के उपाय अपनाए बिना काम नहीं हो सकता। Construction & Demolition (C&D) का कचरा भी वैज्ञानिक तरीके से निपटाना होगा।
सरकारी एजेंसियों की जिम्मेदारी-
विभिन्न सरकारी एजेंसियों और प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को भी कई कदम उठाने होंगे। सड़कों पर नियमित रूप से मशीनों से सफाई और पानी का छिड़काव किया जाएगा। एंटी-स्मॉग गन्स का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा। लैंडफिल साइट्स पर नजर रखी जाएगी, जिससे वहां कुछ भी न जलाया जाए।
ट्रैफिक पुलिस को भीड़भाड़ वाले इलाकों में ट्रैफिक मैनेजमेंट मजबूत करना होगा। ऑफिसों को भी प्रोत्साहित किया जाएगा, कि वे अपने कर्मचारियों के लिए साझा परिवहन की व्यवस्था करें, ताकि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम हो।
दिल्ली के लिए नॉन-डेस्टिनेशन ट्रक ट्रैफिक को इर्स्टन और वेस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से डायवर्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी सख्ती से लागू किया जाएगा।
आम लोगों को क्या करना चाहिए?
इन सरकारी उपायों के साथ-साथ हम सभी को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें। कारपूलिंग एक बेहतरीन विकल्प है। बिना जरूरत गाड़ी न चलाएं। पटाखे न फोड़ें, क्योंकि आपकी कुछ मिनटों की खुशी किसी की सेहत पर भारी पड़ सकती है।
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अगर आपको सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन, या गले में खराश महसूस हो, तो घर से बाहर निकलते समय N95 मास्क जरूर पहनें। बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर सुबह-शाम बाहर जाने से बचना चाहिए, क्योंकि उस समय प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा होता है।
दिल्ली-NCR में GRAP-1 की घोषणा एक चेतावनी है, कि स्थिति गंभीर हो रही है। अगर हम सभी मिलकर जिम्मेदारी से काम नहीं करेंगे, तो यह खराब से बहुत खराब और फिर गंभीर श्रेणी में पहुंच सकता है। यह सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हम सभी को मिलकर इस लड़ाई में शामिल होना होगा। साफ हवा हमारा बुनियादी हक है और इसके लिए हमें आज से ही कदम उठाने होंगे। इस दिवाली, रोशनी तो मनाइए लेकिन प्रदूषण नहीं फैलाइए।
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