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    Jantar-Mantar: हाल ही में संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्षी विधायकों के निलंबन के विरोध में आज जंतर मंतर पर भारतीय गठबंधन के सांसद एकत्र हुए हैं। वरिष्ठ नेता कांग्रेस राहुल गांधी ने सरकार उनके प्रतिनिधियों को सदन से हटाकर करोड़ों भारतीय को चुप करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक सांसद के पास लाखों वोट होते हैं आपने न सिर्फ सांसदों को निलंबित किया है, बल्कि उन करोड़ों लोगों को चुप करा दिया है, जिन्होंने उन प्रतिनिधियों को वोट दिया था। उन्हें लग रहा है कि वह मीडिया को कंट्रोल में कर सकते हैं। उन्हें लगता है कि वह देश की संपत्ति अडानियों को दे सकते हैं।

    युवाओं को कभी नहीं समझ पाएंगे-

    हालांकि मुझे यकीन है कि वह देश के युवाओं को कभी नहीं समझ पाएंगे, राहुल गांधी का कहना की यह लड़ाई नफरत और प्यार के बीच है। 'जैसा कि मैंने कहा कि नफरत के बाजार में हम मोहब्बत की दुकान खोल रहे हैं, 13 दिसंबर को संसद पर हुए हमले पर बोलना जारी रखते हुए वरिष्ठ नेता ने संसद परिसर में सुरक्षा जांच पर सवाल उठाए और कहा कि दो युवक के गैस कैन लेकर संसद में कैसे प्रवेश कर सकते हैं। अगर वह सुरक्षा जांच में सफल हो सकते हैं तो वह कुछ भी कर सकते हैं और कुछ भी ले जा सकते हैं। उल्लंघन के दौरान मौजूद भाजपा सांसदों पर कटाक्ष करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के सांसद साहब, जो अपने आपको देशभक्त कहते हैं, "हवा निकल गई, उनकी वह टीवी पर आपको नहीं दिखा पर अंदर हम देख रहे थे।"

    सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया-

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने दावे को दोहराते हुए नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। 'सरकार ने युवाओं को रोजगार नहीं दिया है, यही कारण है कि वह संसद में प्रवेश कर गए, यह सत्र में लोकसभा राज्यसभा के कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया, जो भारतीय संसद के इतिहास में सबसे ज्यादा बुरा है।" अब सवाल यह है कि आखिर एक साथ इतने सांसदो को निलंबित कैसे किया गया। सभी को निंलबित करने के पीछे एक ही कारण तो नहीं हो सकता। दरअसल संसद में सुरक्षा के बाद और केंद्रीय गृह मंत्री अमित के बयान की मांग को लेकर संसद में हंगामा शुरू हो गया। जिसके बाद से संसदीय कार्यवाही करने के लिए दोनों सदनों के सांसदों को निलंबित किया गया।

    विपक्ष द्वारा शाह के बयान की मांग-

    विपक्ष द्वारा शाह के बयान की मांग की जा रही थी। जिस दौरान सांसदों ने तख्ता लहराया और कई आसन की ओर भी बढ़ने लगे। इसके बाद से राज्यसभा और लोकसभा दोनों सदनों में ऐसा ही हाल रहा और राज्यसभा में नारेबाजी शुरू हो गई। जिसकी वजह से संसद की कार्यवाही बाधित हुई और सभी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। जिसके बाद से निलंबित हुए सांसदो ने संसद के बाहर उनका विरोध करना शुरु कर दिया। वहीं इस दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। जिसमें वह संसद के फैसले का विरोध करते हुए उपराष्ट्रीयपति जगदीप धनखड़ की मिमिकरी करते हुए नज़र आ रहे हैं।

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    सोशल मीडिया पर बवाल-

    इस वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। कई लोग इसे असभ्य बताते हुए नज़र आए। इसके साथ ही विपक्ष की काफी निंदा भी की जा रही है और बहुत से लोगों ने इसे जाट समाज का अपमान भी घोषित कर दिया। इसके अलावा सन 1989 में जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे और अक्टूबर 1984 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद से चुनाव हुए तो कांग्रेस 1414 वोटो से पूर्ण बहुमत से जीती। 1989 मार्च में संसद का बजट सत्र चल रहा था। इस दौरान राजीव गांधी के नेतृत्व वाली सरकार ने इंदिरा गांधी हत्याकांड की जांच के लिए जस्टिस ठक्कर आयोग का गठन किया। जांच के बाद से मार्च 1989 को जस्टिस एमपी ठक्कर के नेतृत्व वाली जांच आयोग की रिपोर्ट पेश की गई थी।

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