Priyanka Gandhi
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    Priyanka Gandhi: आम आदमी की जेब पर पड़ते महंगाई के बोझ और युवाओं के सामने मंडराते बेरोजगारी के संकट के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट जवाब विपक्ष के निशाने पर आ गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने वित्त मंत्री के जवाब पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए उन पर वास्तविकता से कटे होने का आरोप लगाया है।

    Priyanka Gandhi महंगाई पर सवाल-

    संसद के बाहर मीडिया से बातचीत में प्रियंका गांधी ने कहा, "मुझे नहीं पता वित्त मंत्री किस धरती पर रह रही हैं। वे कह रही हैं कि कोई महंगाई नहीं है, बेरोजगारी नहीं बढ़ी है, कीमतें नहीं बढ़ी हैं।" उन्होंने कहा कि जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है, जहां आम लोग महंगाई से त्रस्त हैं और युवा रोजगार की तलाश में भटक रहे हैं।

    Priyanka Gandhi सरकार का दावा-

    वित्त मंत्री ने बजट पर चर्चा के दौरान दावा किया था, कि खाद्य महंगाई में कमी आ रही है। उन्होंने यह भी कहा, कि वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार अपने लगभग सभी उधार का उपयोग पूंजीगत व्यय के वित्तपोषण के लिए करेगी। लेकिन विपक्ष का कहना है, कि ये दावे जमीनी हकीकत से मेल नहीं खाते।

    कांग्रेस का पलटवार-

    कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल ने वित्त मंत्री के जवाब को दोष मढ़ने और सच्चाई से ध्यान भटकाने का मास्टर क्लास करार दिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया में उन्होंने कहा, "विपक्ष द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण मुद्दों को उनका अहंकारपूर्ण खारिज करना दिखाता है कि उनका वास्तविक इरादा बजट में उजागर की गई कमियों का जवाब देने का नहीं, बल्कि राजनीतिक अंक हासिल करने का था।"

    आंकड़ों की राजनीति-

    वेणुगोपाल ने आगे कहा कि वित्त मंत्री ने अपने जवाब में वर्तमान आर्थिक संकेतकों, जैसे जीडीपी विकास दर या डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत में गिरावट की व्याख्या करने के बजाय यूपीए काल के आंकड़ों को चुन-चुनकर पेश करना ज्यादा उचित समझा। उन्होंने कहा, कि प्रमुख सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए बजट आवंटन में ठहराव या कमी के लिए राज्य सरकारों पर दोष मढ़ दिया गया।

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    जनता की चिंताएं-

    आम जनता के लिए महंगाई एक बड़ी चिंता बनी हुई है। दाल, सब्जियां, तेल जैसी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से मध्यम वर्ग का बजट बिगड़ा हुआ है। इसके साथ ही युवाओं के लिए रोजगार की कमी एक बड़ी चुनौती है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार इन मूलभूत समस्याओं को नजरअंदाज कर रही है।

    बजट पर बहस के दौरान उठे सवालों से स्पष्ट है कि सरकार और विपक्ष के बीच आर्थिक मुद्दों पर गहरा मतभेद है। जहां सरकार विकास के आंकड़ों और योजनाओं का हवाला दे रही है, वहीं विपक्ष जमीनी स्तर पर लोगों की परेशानियों की ओर इशारा कर रहा है। आने वाले समय में इन मुद्दों पर और गहन चर्चा की आवश्यकता है।

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