IGI Airport: दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे ने एक ऐतिहासिक प्रस्ताव पेश किया है, जो भारतीय विमानन क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है। जीएमआर ग्रुप के स्वामित्व वाले इस एयरपोर्ट ने बिजनेस क्लास और पीक आवर्स में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए अधिक शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा है।
IGI Airport टैरिफ दस्तावेज के अनुसार-
एयरपोर्ट की ओर से दायर टैरिफ दस्तावेज के अनुसार, अप्रैल 2025 से अंतरराष्ट्रीय बिजनेस क्लास यात्रियों को यूजर डेवलपमेंट फी (यूडीएफ) के रूप में 570 रुपए का भुगतान करना होगा। यह इकोनॉमी या प्रीमियम इकोनॉमी यात्रियों द्वारा भुगतान किए जाने वाले 280 रुपए का दोगुना है। यह प्रस्ताव एयरपोर्ट इकोनॉमिक रेगुलेटरी अथॉरिटी (एईआरए) के पास विचाराधीन है।
IGI Airport पीक आवर्स का प्रभाव-
दिल्ली एयरपोर्ट ने दो पीक-आवर विंडो निर्धारित की हैं: सुबह 5 बजे से 8:55 बजे तक और शाम 5 बजे से 8:55 बजे तक। इन समयों के दौरान यात्रा करने वाले घरेलू यात्रियों को भी अधिक लैंडिंग और पार्किंग शुल्क का भुगतान करना होगा।
IGI Airport एयरपोर्ट का विकास और निवेश-
दिल्ली एयरपोर्ट, जो देश के कुल हवाई यातायात का लगभग 20 प्रतिशत संभालता है, में भारी निवेश किया जा रहा है। टर्मिनल 1 के विस्तार, 2.4 किलोमीटर की नई एलिवेटेड टैक्सीवे, सड़क बुनियादी ढांचे के उन्नयन और ट्रांसफर सुविधाओं में लगभग 12,900 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है।
यात्रियों पर प्रभाव-
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया मॉडल एयरपोर्ट पर शुल्क में तेजी से वृद्धि को रोकेगा। एयरपोर्ट का उद्देश्य है कि किफायती यात्रा करने वाले इकोनॉमी यात्रियों पर कम प्रभाव पड़े। यह रणनीति अतिरिक्त यात्रियों को आकर्षित करने में मदद करेगी, क्योंकि प्रीमियम कॉन्फिगरेशन वाले विमान कम यात्रियों को ले जाते हैं।
भीड़भाड़ प्रबंधन की रणनीति-
उच्च पीक-आवर शुल्क एयरलाइंस को गैर-पीक घंटों के दौरान अधिक उड़ानें संचालित करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। इससे एयरपोर्ट की परिचालन दक्षता में सुधार होगा और भीड़भाड़ को नियंत्रित किया जा सकेगा।
नियामक प्रक्रिया और भविष्य की योजनाएं-
एईआरए पांच साल के लिए कई मानकों के आधार पर एयरपोर्ट राजस्व का लक्ष्य तय करता है। इनमें परिचालन लागत, मूल्यह्रास, गैर-हवाई राजस्व और कर शामिल हैं। यह नया टैरिफ मॉडल एयरपोर्ट के विकास और आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
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यात्रियों के लिए सुझाव-
नए टैरिफ ढांचे को देखते हुए, यात्रियों को अपनी यात्रा की योजना बनाते समय पीक आवर्स और यात्रा श्रेणी के बारे में सोच-समझकर निर्णय लेना चाहिए। गैर-पीक घंटों में यात्रा करने से न केवल किराए में बचत होगी, बल्कि यात्रा भी अधिक आरामदायक होगी।
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