Mock Drill: भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे तनाव के दौरान एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, गुरुवार शाम को पाकिस्तान से लगी सीमा वाले राज्यों में एक विशेष मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इस अभ्यास में गुजरात, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के लोगों को शामिल होना होगा। हाल ही में समाप्त हुए चार दिवसीय संघर्ष के दौरान इन राज्यों पर सीमा पार से भारी हमले हुए थे, जिसके बाद यह निर्णय लिया गया है।
इंडिया टुडे के अनुसार, इस ड्रिल के दौरान स्थानीय लोगों को विशेष रूप से सतर्क रहने के निर्देश दिए जाएंगे। यह पहली बार नहीं है जब इस तरह का अभ्यास किया जा रहा है। पिछले महीने 7 मई को भी गृह मंत्रालय द्वारा ‘ऑपरेशन अभ्यास’ नाम से एक राष्ट्रव्यापी मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया था, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के कुछ घंटे पहले हुआ था।
Mock Drill ऑपरेशन अभ्यास का व्यापक प्रभाव-
पिछली मॉक ड्रिल में एक अभूतपूर्व पहल देखने को मिली थी। हवाई हमले की चेतावनी देने वाले साइरन बजाए गए थे और आम नागरिकों तथा छात्रों को सिविल डिफेंस प्रोटोकॉल की जानकारी दी गई थी। लोगों को बताया गया था कि किसी भी प्रकार के हमले की स्थिति में वे अपनी और अपने आसपास के लोगों की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं। यह अभ्यास 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया गया था।
इस व्यापक अभ्यास में 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 250 स्थानों पर यह ड्रिल की गई थी। इससे यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है और आम जनता को भी इसमें शामिल करना चाहती है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हुए उपाय-
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पंजाब, जो पाकिस्तान के साथ 532 किलोमीटर की सीमा साझा करता है, ने अपने सभी सीमावर्ती जिलों को हाई अलर्ट पर रखा था। इस दौरान किसी भी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम रद्द कर दिए गए थे। फिरोजpur, पठानकोट , फाजिल्का, अमृतसर, गुरदासपुर और तरन तारन जिलों में स्कूलों को बंद रखने के आदेश दिए गए थे।
इसी तरह राजस्थान, जो पाकिस्तान के साथ 1,037 किलोमीटर की सबसे लंबी सीमा साझा करता है, के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को बंद कर दिया गया था। यह कदम बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया था।
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जनता की भागीदारी जरूरी-
इस तरह के अभ्यास केवल सरकारी एजेंसियों तक सीमित नहीं रह सकते। आम जनता की सक्रिय भागीदारी इसकी सफलता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रत्येक नागरिक को यह समझना होगा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की जिम्मेदारी केवल सेना या पुलिस की नहीं है, बल्कि हर व्यक्ति का इसमें योगदान होना चाहिए।
इस आने वाली मॉक ड्रिल के दौरान लोगों से अपेक्षा है कि वे न केवल निर्देशों का पालन करें, बल्कि इस अवसर का उपयोग करके यह भी सीखें कि आपातकाल की स्थिति में क्या करना चाहिए। यह knowledge आने वाले समय में बहुत काम आ सकती है।
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