Assembly Fight
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    Assembly Fight: महाराष्ट्र की राजनीति में एक और विवाद का अध्याय जुड़ गया है। गुरुवार को राज्य विधानसभा परिसर में BJP विधायक गोपीचंद पडालकर और NCP (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड के समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई। यह घटना इतनी गंभीर थी, कि इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और पूरे देश की नजरें महाराष्ट्र की राजनीति पर टिक गईं।

    Assembly Fight परिसर में हुई मारपीट-

    विधानसभा के मुख्य प्रवेश द्वार के पास लॉबी में दोनों दलों के बीच हुई, इस मारपीट का मंजर देखकर हर कोई हैरान रह गया। वायरल वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है, कि दोनों तरफ के समर्थक एक-दूसरे पर मुक्के बरसा रहे हैं, जबकि सुरक्षा कर्मचारी उन्हें अलग करने की कोशिश कर रहे हैं। यह दृश्य किसी आम गली-मोहल्ले का नहीं बल्कि उस जगह का है, जो लोकतंत्र की गरिमा का प्रतीक मानी जाती है।

    इस पूरे मामले की जड़ें एक दिन पहले बुधवार को हुई घटना में छुपी हैं। उस दिन विधानसभा भवन के प्रवेश द्वार पर पडालकर और आव्हाड के बीच गरमागरम बहस हुई थी। आव्हाड का आरोप था, कि पडालकर ने जानबूझकर अपनी गाड़ी का दरवाजा उन पर पटका था। इस घटना के बाद तनाव बढ़ते गए और अगले दिन यह मारपीट के रूप में सामने आया।

    पडालकर की माफी और राजनीतिक प्रतिक्रिया-

    मारपीट के बाद BJP विधायक गोपीचंद पडालकर को वरिष्ठ BJP नेता चंद्रशेखर बावनकुले से मिलना पड़ा। मुलाकात के बाद पडालकर ने पत्रकारों के सामने माफी मांगी। उन्होंने कहा, “जो कुछ यहां हुआ है, उससे मैं वास्तव में दुखी हूं। यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। विधानसभा के एक सदस्य के रूप में मैं अपना खेद व्यक्त करता हूं और विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद के सभापति से माफी मांगता हूं।”

    मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना को “बिल्कुल अनुचित” बताया। उन्होंने पत्रकारों से कहा, “जो स्थिति पैदा हुई है, वह सही नहीं है। यह महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष और विधान परिषद सभापति के अधिकार क्षेत्र में आता है। विधान भवन में ऐसी लड़ाई नहीं होनी चाहिए। मैंने उनसे उचित जांच करने का आग्रह किया है।”

    आव्हाड की चिंताएं और सुरक्षा के सवाल-

    NCP (शरद पवार गुट) के विधायक जितेंद्र आव्हाड ने विधान भवन के अंदर सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, “अगर विधायक विधान भवन के अंदर भी सुरक्षित नहीं हैं, तो जनप्रतिनिधि बनने का क्या मतलब है? मुझे लगता है, कि वे मुझ पर हमला करने आए थे।”

    आव्हाड ने आगे आरोप लगाया, “पूरा महाराष्ट्र जानता है, कि हमलावर कौन था। हमसे बार-बार सबूत मांगा जा रहा है, जबकि पूरे देश ने देखा है, कि हमला किसने किया। विधानसभा में गुंडों को प्रवेश करने दिया जा रहा है और विधायकों की सुरक्षा खतरे में है। मुझे गाली दी गई, जान से मारने की धमकी दी गई। ‘कुत्ता’, ‘सुअर’ जैसे अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल किया गया। क्या विधानसभा में ऐसा होने की उम्मीद थी?”

    राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया-

    शिवसेना (उद्धव बाला) के मुखिया उद्धव ठाकरे ने भी इस सुरक्षा उल्लंघन की आलोचना की। उन्होंने कहा, “अगर गुंडे विधानसभा तक पहुंच गए हैं, तो राज्य गृह मंत्री और मुख्यमंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। विधानसभा में ऐसा आचरण उचित नहीं है।” NCP (शरद पवार गुट) के विधायक रोहित पवार ने सत्तारूढ़ BJP पर सुरक्षा में चूक और राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर आलोचना की। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में महिलाएं और आम नागरिक अब सुरक्षित नहीं हैं। अब विधान भवन के अंदर भी नियोजित हमले हो रहे हैं। महाराष्ट्र बिहार से भी बदतर हो गया है।”

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    जांच और कार्रवाई-

    इस घटना के बाद विधान भवन सुरक्षा ने दो लोगों को हिरासत में लिया है। BJP सूत्रों के मुताबिक, पडालकर को घटना के बाद विधानसभा परिसर छोड़ने के बाद मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने वापस बुलाया था। बावनकुले ने बाद में इस झड़प को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि “हमारे विधायक गोपीचंद पडालकर ने माफी मांगी है। महाराष्ट्र विधान भवन की गरिमा और समृद्ध परंपरा के लिए यह उचित नहीं है कि ऐसी घटनाएं हों।”

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