Jagdeep Dhankhar: मंगलवार का दिन भारतीय राजनीति के लिए एक अहम मोड़ साबित हुआ, जब उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की आधिकारिक घोषणा हुई। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसद घनश्याम तिवारी, जो उस समय चेयर पर बैठे थे, ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने धनखड़ के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया है। इस घोषणा के बाद उप राज्यसभा चेयरमैन हरिवंश नारायण सिंह को कार्यवाही का चार्ज संभालते देखा गया।
तिवारी जी ने स्पष्ट किया, कि गृह मंत्रालय ने अपनी नोटिफिकेशन के जरिए संविधान की धारा 67A के तहत उपराष्ट्रपति के इस्तीफे की जानकारी दी है, जो तत्काल प्रभाव से लागू होगी। यह महत्वपूर्ण ऐलान संसद के ऊपरी सदन को दोपहर 2:00 बजे तक के लिए स्थगित करने से ठीक पहले किया गया था।
#JagdeepDhankhar resigns.
— Rahul Seeker (@sunshine_rahul) July 21, 2025
In the Parliament History his legacy will be marked as a lesson in how to not misuse the constitutional high chair, bending spine first, Law later. pic.twitter.com/aMvlasam2F
पीएम मोदी का भावनात्मक संदेश-
इस खबर के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने X (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, “जगदीप धनखड़ जी को उपराष्ट्रपति सहित विभिन्न पदों पर देश की सेवा करने के कई अवसर मिले हैं। उन्हें अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूँ।” पीएम का यह संदेश धनखड़ जी के योगदान के लिए कृतज्ञता और उनके भविष्य के लिए शुभकामनाओं से भरा था।
Shri Jagdeep Dhankhar Ji has got many opportunities to serve our country in various capacities, including as the Vice President of India. Wishing him good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 22, 2025
श्री जगदीप धनखड़ जी को भारत के उपराष्ट्रपति सहित कई भूमिकाओं में देश की सेवा करने का अवसर मिला है। मैं उनके उत्तम…
कांग्रेस नेताओं ने उठाए सवाल-
धनखड़ के अचानक इस्तीफे पर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने मंगलवार सुबह कहा, कि उपराष्ट्रपति और केंद्र के बीच रिश्ते पहले जैसे नहीं लग रहे। गोगोई जी ने धनखड़ के इस्तीफे को “अचानक और दुर्भाग्यपूर्ण” करार देते हुए बताया, कि उपराष्ट्रपति ने सोमवार को बिजनेस एडवाइजरी कमेटी (बीएसी) की बैठकों की अध्यक्षता की थी।
उन्होंने यह भी जताया, कि धनखड़ और केंद्र सरकार के रिश्तों में खटास आ गई हो सकती है, क्योंकि सोमवार दोपहर की निर्धारित बीएसी मीटिंग में एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल नहीं हुए थे। यह बात राजनीतिक ऑबज़र्वर्स के लिए काफी चिंताजनक मानी जा रही है।
भूपेश बघेल का राजनीतिक विश्लेषण-
पूर्व छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने धनखड़ के इस्तीफे के लिए दिए गए “स्वास्थ्य कारणों” पर संदेह जताया। उन्होंने इसे “आने वाले राजनीतिक तूफान” का संकेत बताया। बघेल जी का कहना है, कि धनखड़ का इस्तीफा दो मंत्रियों, जिनमें केंद्रीय मंत्री और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हैं, के सोमवार की दोपहर की बैठक में शामिल नहीं होने के बाद आया है।
बघेल ने रिपोर्टर्स से कहा, “कल मैं भी वहां था और वे भी मीटिंग में मौजूद थे। वे बिल्कुल ठीक थे और तंदुरुस्त लग रहे थे। दूसरी मीटिंग में केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा शामिल नहीं हुए और उसके बाद इस्तीफा आया, तो यह हेल्थ इसूज़ से रिलेटिड नहीं है। यह एक सिरियस मैटर है, कि वीपी ने चल रहे सेशन के दौरान इस्तीफा दिया। यह आने वाले (राजनीतिक) तूफान का इशारा है।”
स्वास्थ्य के नाम पर इस्तीफा-
सोमवार को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए, अपने इस्तीफे की घोषणा की थी। उनके इस्तीफे के पत्र में लिखा था, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सा सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(a) के अनुसार भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं।” हालांकि, विपक्षी नेताओं का मानना है, कि यह सिर्फ फॉर्मेलिटी है और असली कारण कुछ और हो सकते हैं।
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राजनीतिक गलियारों में हलचल-
धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने राजनीतिक सर्कल में एक नई बहस छेड़ दी है। कई पॉलिटिकल ऑबज़र्वर का मानना है, कि यह भारतीय राजनीति में आने वाले बड़े बदलावों का संकेत हो सकता है। विपक्षी पार्टियां इसे सरकार की इंटरनल पॉलिटिक्स का नतीजा मान रही हैं, जबकि सत्तारूढ़ पार्टी इसे पर्सनल डिसिज़न बता रही है।
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