Delhi Liquor Case: गुरुवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी के मामले में अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय ने उत्पाद शुल्क नीति के संबंध में एक मामला दर्ज किया है। ED इस बात की जांच कर रही है कि क्या पॉलिसी का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग की गई थी। केजरीवाल के साथ AAP के दो अन्य शीर्ष नेता और भारत राष्ट्रीय समिति नेता और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी कविता भी जेल में है। यह मामला जुलाई 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार द्वारा उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को प्रस्तुत की गई, एक रिपोर्ट में से शुरू हुआ था।
580 करोड रुपए से ज्यादा की हानि-
रिपोर्ट में नीति के विकास में गठित प्रक्रियात्मक कर्मियों को दिखाया गया था और उन मामलों पर नजर डाली गई थी, जहां मनमाने और एक तरफा निर्णय लिए गए थे। दिल्ली के पूर्व मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा जो तत्काल उत्पादक शुल्क मंत्री भी थे, के निर्णय से सरकारी खजाने की 580 करोड रुपए से ज्यादा की हानि हुई। रिपोर्ट में यह आरोप लगाया गया था कि दिल्ली सरकार और AAP नेताओं को शराब कारोबार से मिली रिश्वत ने 2022 की शुरुआत में पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव को प्रभावित किया। जिससे आप की पंजाब में सरकार बनानी पड़ी।
लाइसेंस शुल्क में छूट-
रिपोर्ट में कहा गया कि शराब कारोबार के मालिकों और संचालकों को लाइसेंस शुल्क में छूट और कोविड-19 महामारी के दौरान व्यवधान से राहत के रूप में मिला है। इसके बाद रिपोर्ट को सीबीआई के पास भेज दिया गया। जिसके बाद सिसोदिया की गिरफ्तारी हो गई। इस सब के बाद जब सीबीआई ने AAP के संचार प्रभारी विजय नायर, रमेश सिसोदिया और अन्य 14 को नामित किया, तो ईडी ने मार्च में अदालत को सूचित किया कि अपराध की कथित तौर पर 292 करोड रुपए से ज्यादा का है और कार्यप्रणाली स्थापित करने की जरूरत है। ईडी ने आरोप लगाया कि घोटाले में थोक शराब कारोबारी और निजी संस्थाओं को क्रमश: 20%, 12% मार्जिन के साथ 6% की बैंक अनुमति देना शामिल है।
Delhi Liquor Case में अब तक कितने लोग गिरफ्तार-
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल-
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप संचार प्रभावी विजय नायर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से काम कर रहे थे। जब उन्होंने एक निश्चित साउथ ग्रुप के साथ मिलकर थोक विक्रेताओं को लाभ मार्जिन दिया। नीति निर्माण के दौरान मंत्रियों के एक समूह की बैठक के कार्यरत में इसका उल्लेख नहीं किया गया है।
उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया-
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले में न्याय हिरासत में हैं। उन पर लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए नीति में बदलाव करने का आरोप है। उन पर अवैध लाभ कमाने का और मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगाया गया है।
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दिनेश अरोड़ा-
दिनेश अरोड़ा जो कि दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सरकारी गवाह बन गए। कथित तौर पर सिंह से संबंध रखने वाले अरोड़ा ने सिंह के कहने पर आप के दिल्ली विधानसभा चुनाव अभियान के लिए 82 लाख रुपए की व्यवस्था करने का खुलासा किया। उन्होंने यह भी दावा किया है कि सिंह ने अपने रेस्टोरेंट में एक पार्टी में उन्हें दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से मिलवाया और उन्होंने सिसोदिया और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।
पूर्व सांसद कविता-
वही तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की 46 वर्षीय बेटी और पूर्व सांसद कविता को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए पिछले सप्ताह गिरफ्तार किया गया था। उन पर यह आरोप लगाया गया की कविता उपरोक्त साउथ ग्रुप का हिस्सा थी और उन पर सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने और अब लागू की गई दिल्ली शराब नीति से लाभ उठाने का आरोप है।
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