New Fastag Rules: भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग से जुड़े दो बड़े बदलावों की घोषणा की है। सरकारी संस्था ने लेनदेन प्रक्रिया और चार्जबैक के लिए कड़े दिशानिर्देश लागू करने का फैसला किया है, जिसका उद्देश्य टोल भुगतान को सुव्यवस्थित करना और विवादों को कम करना है।
17 फरवरी 2025 से, नए फास्टैग नियम उन उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करेंगे जो भुगतान में देरी करते हैं या जिनके टैग ब्लैकलिस्टेड हैं। इसके अलावा, चार्जबैक प्रक्रिया और कूलिंग पीरियड में भी बदलाव किए गए हैं, साथ ही लेनदेन अस्वीकृति के नियमों में भी परिवर्तन किए गए हैं।
New Fastag Rules देरी से हुए लेनदेन पर लग सकते हैं अतिरिक्त शुल्क-
फास्टैग उपयोगकर्ताओं को अतिरिक्त शुल्क देना पड़ सकता है, अगर उनके टोल लेनदेन की प्रक्रिया वाहन के टोल रीडर से गुजरने के समय से 15 मिनट से अधिक समय के बाद पूरी होती है। अपडेटेड नेशनल इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन (NETC) दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर लेनदेन में देरी होती है और उपयोगकर्ता के फास्टैग खाते में अपर्याप्त बैलेंस है, तो टोल ऑपरेटर को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। हालांकि, अगर राशि कट जाती है, तो उपयोगकर्ता शुल्क पर विवाद कर सकते हैं, लेकिन केवल अनिवार्य 15 दिन के कूलिंग पीरियड के बाद।
"यह बदलाव फास्टैग सिस्टम को और ज्यादा भरोसेमंद बनाने के लिए किया गया है," सड़क परिवहन मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा। "हमारा मकसद है कि ड्राइवर्स को टोल प्लाजा पर समस्याओं का सामना न करना पड़े और सिस्टम भी सुचारू रूप से चले।"
New Fastag Rules चार्जबैक प्रक्रिया में बड़ा बदलाव-
नए नियमों के तहत, बैंक ब्लैकलिस्टेड या कम बैलेंस वाले फास्टैग से संबंधित गलत कटौती के लिए चार्जबैक केवल 15 दिनों के बाद ही उठा सकते हैं। अगर कूलिंग पीरियड से पहले चार्जबैक दायर किया जाता है, तो इसे सिस्टम एरर कोड (5290 - कूलिंग पीरियड पूरा नहीं हुआ) के साथ स्वचालित रूप से अस्वीकार कर दिया जाएगा।
दिल्ली के नियमित यात्री राजेश शर्मा ने कहा, "पहले हम गलत कटौती होने पर तुरंत शिकायत कर सकते थे, लेकिन अब 15 दिन इंतजार करना पड़ेगा। यह थोड़ा परेशान करने वाला है, खासकर उन लोगों के लिए जो रोजाना यात्रा करते हैं।" NETC सिस्टम में इन बदलावों के कार्यान्वयन की तारीख अलग से घोषित की जाएगी। उपयोगकर्ताओं को पता होना चाहिए कि देरी से हुए लेनदेन के कारण कटी हुई टोल राशि पर केवल इस प्रतीक्षा अवधि के बाद ही विवाद किया जा सकता है।
New Fastag Rules निष्क्रिय फास्टैग पर नया नियम-
एक अलग नियम अपडेट उन फास्टैग को प्रभावित करता है जो ब्लैकलिस्टेड, कम बैलेंस वाले या निष्क्रियता के कारण हॉटलिस्टेड हैं। अगर कोई फास्टैग वाहन के टोल से गुजरने से 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय रहा है और गुजरने के बाद 10 मिनट तक निष्क्रिय रहता है, तो लेनदेन अस्वीकार कर दिया जाएगा। सिस्टम ऐसे भुगतानों को रीजन कोड 176 के साथ अस्वीकार कर देगा। यह नियम 17 फरवरी, 2025 से लागू होने वाला है।
मुंबई के एक बिजनेसमैन अनिल गुप्ता, जो हर महीने पुणे-मुंबई हाईवे पर यात्रा करते हैं, ने बताया, "मैंने कई बार देखा है कि कई दिनों तक फास्टैग का इस्तेमाल न करने पर कभी-कभी प्रॉब्लम आती है। अब हमें और सावधान रहना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि टैग एक्टिव रहे।"
उपयोगकर्ताओं के लिए सुझाव-
फास्टैग उपयोगकर्ता अप्रत्याशित शुल्क और लेनदेन विफलताओं से बचने के लिए निम्नलिखित कदम उठा सकते हैं, यात्रा से पहले फास्टैग वॉलेट में पर्याप्त बैलेंस सुनिश्चित करें, कटौती में देरी की जांच के लिए लेनदेन समय पर नज़र रखें, अगर कोई शुल्क गलत तरीके से काटा जाता है, तो विवाद उठाने से पहले 15 दिन के कूलिंग पीरियड का इंतजार करें, निष्क्रियता के कारण अस्वीकृति से बचने के लिए फास्टैग स्टेटस के बारे में जानकारी रखें।
बैंगलोर की सॉफ्टवेयर इंजीनियर प्रिया मेहता ने कहा, "मुझे मेरे ऑफिस ट्रैवल के लिए रोज़ फास्टैग का इस्तेमाल करना पड़ता है। मैं अब अपने फोन पर रिमाइंडर सेट करूंगी ताकि रेगुलर इंटरवल पर फास्टैग चेक कर सकूं।" विशेषज्ञों का कहना है कि ये नए नियम फास्टैग सिस्टम को और अधिक विश्वसनीय बनाने में मदद करेंगे, लेकिन उपयोगकर्ताओं को इन बदलावों के बारे में जागरूक रहना होगा।
फास्टैग एक्सपर्ट की राय-
फास्टैग और डिजिटल पेमेंट के विशेषज्ञ डॉ. सुनील वर्मा ने इस बदलाव पर टिप्पणी करते हुए कहा, "यह एक सकारात्मक कदम है जो सिस्टम में होने वाले फ्रॉड और मिसयूज को कम करेगा। हालांकि, उपयोगकर्ताओं को इन नए नियमों के बारे में अच्छी तरह से जानकारी दी जानी चाहिए ताकि वे अपनी यात्रा की योजना बना सकें।" उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि NPCI को एक हेल्पलाइन स्थापित करनी चाहिए जहां उपयोगकर्ता इन नए नियमों के बारे में अपने सवालों का जवाब पा सकें।
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परिवर्तन का प्रभाव-
15 मिनट के बाद प्रोसेस किए गए लेनदेन के परिणामस्वरूप देरी से कटौती और अतिरिक्त शुल्क लग सकते हैं। ऐसे मामलों के लिए चार्जबैक केवल 15 दिन के कूलिंग पीरियड के बाद ही उठाया जा सकता है। टोल पार करने से 60 मिनट से अधिक समय तक निष्क्रिय फास्टैग को स्वचालित अस्वीकृति का सामना करना पड़ सकता है। ये बदलाव 17 फरवरी, 2025 से प्रभावी होंगे।
केरल के एक परिवार, जो उत्तर भारत की यात्रा पर जाने की योजना बना रहे हैं, के मुखिया राजन नायर ने कहा, "हमने सुना है कि नए नियम आ रहे हैं, इसलिए हम अपनी यात्रा से पहले अपने फास्टैग अकाउंट को अपडेट करेंगे और पर्याप्त बैलेंस रखेंगे। हमें नहीं चाहते कि हमारी फैमिली ट्रिप में कोई परेशानी हो।" NPCI के एक प्रवक्ता ने बताया कि वे जल्द ही इन बदलावों के बारे में एक विस्तृत FAQs जारी करेंगे और उपयोगकर्ताओं को जागरूक करने के लिए एक अभियान भी शुरू करेंगे।
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