Budget 2024
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    Budget 2024: बजट से एक दिन पहले ही यानी कि बुधवार को सरकार ने मोबाइल निर्माण और निर्यात के प्रोत्साहन के लिए मैन्युफैक्चरिंग से जुड़ी बहुत से कॉम्पोनेंट्स के आयात के शुल्क में 5% की कटौती करने का फैसला सुनाया है। इसके बाद से आने वाले समय में भारत में बनाए जाने वाले फोन की लागत 3 से 5% तक कम होने के अनुमान जताए जा रहे हैं। जिससे कि फोन की कीमत में इतनी कमी आ सकती है। घरेलू स्तर पर मोबाइल फोन के निर्माण की लागत कम होने से मोबाइल फोन के आयात की गुंजाइश कम हो जाएगी और विदेशी कंपनियां भी भारत में बनने वाले मोबाइल की ओर आकर्षित होंगी। चीन और वियतनाम जैसे देशों में निर्माण लागत कम भारत के मुकाबले अब भी कम है।

    आयात शुल्क में कमी-

    जिससे विदेशी कंपनियां उन देशों में निर्माण करने के लिए आकर्षित हो सकती हैं। हालांकि सरकार के फैसले के बाद से मोबाइल कॉम्पोनेंट्स के निर्माण के इकोसिस्टम पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि आयात कॉम्पोनेंट्स के सस्ता होने से घरेलू स्तर पर निर्माण के लिए बड़े कंपटीशन का सामना करना पड़ेगा। वित्त मंत्रालय ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े बैटरी, कवर, बैक कवर, एंटीना, सिम सॉकेट और अन्य मैकेनिक आइटम्स के आयत शुल्क को 15% से घटाकर 10% करने का फैसला किया है। मोबाइल फोन से जुड़ी रिसर्च कंपनी काउंटर पॉइंट के मुताबिक, आयात शुल्क में कमी से फोन के निर्माण की लागत 3 से 5% तक कम होगी।

    मोबाइल फोन की कीमत कम-

    निर्माता कंपनी इसका फायदा ग्राहकों को देती है या नहीं यह उन पर ही निर्भर करता है। पुराने स्टॉक खत्म होने के बाद कंपनियां मोबाइल फोन की कीमत कम कर सकती हैं। फिलहाल 10,000 से कम कीमत वाले फोन की बिक्री पहले के मुकाबले कम हो गई है और कीमत में कमी से इनकी बिक्री भी बढ़ सकती है। इंडियन सेल्यूलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स संगठन के अध्यक्ष का कहना है कि कॉम्पोनेंट्स पर आयात शुल्क ज्यादा होने से घरेलू स्तर पर बनने वाले फोन की लागत ज्यादा रही थी। जिससे कंपनियां फोन की कीमत बढ़ा सकती थी। ऐसे में सस्ते मोबाइल फोन का आयात बढ़ सकता है। जिससे कि घरेलू फोन निर्माण पर प्रतिकूल असर होगा।

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    आयात शुल्क में कटौती की मांग-

    इसीलिए फोन निर्माता कंपनियों की तरफ से कॉम्पोनेंट्स के आयात शुल्क में कटौती की मांग की जा रही है। भारत में वर्तमान में बिकने वाले 98% फोन घरेलू निर्मित होते हैं और भारत में एक तरफ से ज्यादा लोग फोन का इस्तेमाल करते हैं। मोबाइल फोन के निर्माण और निर्यात का प्रोत्साहन करने के लिए वर्ष 2020 में भी सरकार ने प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव की घोषणा की थी। जिसके बाद से मोबाइल फोन का निर्यात लगातार बढ़ रहा है और पिछले साल भारत में 3.9 अरब डॉलर के फोन का निर्यात किया गया था। इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य स्थानीय उत्पादन और निर्यात को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय बाजारों में उत्पादों की कीमत कम करना है। इसके अलावा आईफोन जैसी कंपनियों को भारत में महंगे स्मार्टफोंस बनाने में मदद मिलेगी।

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