Delhi NCR Mysterious Lights
    Photo Source - Google

    Delhi NCR Mysterious Lights: शनिवार की सुबह जब दिल्ली और एनसीआर के लोग गहरी नींद में सो रहे थे, तभी आसमान में कुछ ऐसा दिखा, जिसने सभी को हैरान कर दिया। रात के एक बजकर बीस मिनट पर अचानक आसमान में तेज़ रोशनी की लकीरें दिखाई दीं, जो किसी फिल्मी दृश्य की तरह लग रही थीं। लोग अपनी छतों पर दौड़े, फोन निकालकर वीडियो बनाने लगे और सोशल मीडिया पर अपनी हैरानी साझा करने लगे।

    लोगों की हैरानी और सवालों का तूफान-

    इस रहस्यमय घटना को दिल्ली के अलावा गुरुग्राम, नोएडा और जयपुर के लोगों ने भी देखा। सभी का एक ही सवाल था, यह क्या था? कोई कह रहा था उल्कापिंड है, कोई कह रहा था अंतरिक्ष का कचरा। लेकिन अभी तक किसी सरकारी विभाग या अधिकारी ने इस बारे में कोई पुष्टि नहीं की है।

    गुरुग्राम के एक निवासी ने एक्स पर लिखा, “अभी-अभी रात के आसमान में यह अविश्वसनीय आग की लकीर देखी। लगता है, कि यह कोई उल्कापिंड है या फिर किसी रॉकेट का हिस्सा जो वायुमंडल में जल रहा है। प्रकृति का अपना लाइट शो मेरी छत से। क्या किसी और ने भी इसे देखा?”

    सेक्टर 77 गुरुग्राम से जयपुर तक दिखा नजारा-

    गुरुग्राम के सेक्टर 77 से एक और पोस्ट आई जिसमें लिखा था, “रात 1:25 बजे गुरुग्राम के ऊपर उल्कापिंड की बारिश। यह रोशनी की एक चमकती लकीर थी। बेहद खूबसूरत और देखने का सौभाग्य मिला।” नोएडा के एक व्यक्ति ने लिखा, “ग्रेटर नोएडा में आधी रात का तमाशा! करीब 1:22 बजे एक जलता हुआ क्षुद्रग्रह नोएडा के आसमान को रोशन कर गया, यह एक दुर्लभ फिल्मी पल था।”

    दिल्ली के भीकाजी कामा प्लेस के पास काम से घर लौट रहे एक व्यक्ति ने बताया, कि उसने और उसके साथी ने यह नजारा देखा। उन्होंने अपना स्कूटर रोककर इसका वीडियो बनाया। उसने लिखा, “मैं अपने एक साथी के साथ ऑफिस से आ रहा था और रात 1:25 बजे हमने दिल्ली के आसमान में उल्कापिंड की बारिश देखी। हमने स्कूटर रोका और इसे रिकॉर्ड करना शुरू कर दिया।”

    चीनी रॉकेट का मलबा या उल्कापिंड?

    सोशल मीडिया पर तमाम अटकलें लगाई जा रही हैं। एक्स पर ग्रोक नामक एआई टूल ने सुझाया कि यह संभावित रूप से चीनी सीजेड-3बी रॉकेट बॉडी का मलबा हो सकता है जो वायुमंडल में दोबारा प्रवेश कर रहा था। इस निष्कर्ष के पीछे वीडियो की विशेषताओं जैसे धीमी गति और टुकड़ों में बिखराव को आधार बनाया गया। कुछ विशेषज्ञों ने इसे बोलाइड कहा है, लेकिन सबूत अंतरिक्ष मलबे की ओर इशारा करते हैं। अभी भी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है।

    पर्सियड शावर की संभावना पर बहस-

    द पेज टुडे नामक एकाउंट ने अमेरिकी मीटियर सोसाइटी का हवाला देते हुए कहा, कि यह रहस्यमय रोशनी संभवतः पर्सियड शावर का हिस्सा है। पर्सियड उल्कापिंड की बारिश एक वार्षिक खगोलीय घटना है। जहां पृथ्वी धूमकेतु स्विफ्ट-टटल के मलबे से गुजरती है। लेकिन पर्सियड शावर आमतौर पर अगस्त के मध्य में चरम पर होता है, सितंबर में नहीं।

    पोस्ट में लिखा था, “19 सितंबर 2025 को दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम के आसमान में दुर्लभ उल्कापिंड की रोशनी, संभावित रूप से पर्सियड शावर का हिस्सा। चमकता बोलाइड देखा गया, संभवत टुकड़ों में बिखर रहा था।”

    रेडिट पर अलग मत-

    रेडिट पर एक उपयोगकर्ता ने एक अलग राय दी। उसने लिखा कि यह संभावित रूप से अंतरिक्ष का मलबा है क्योंकि उल्कापिंड की बारिश इस तरह नहीं दिखती। “यह कोई उल्कापिंड नहीं है। सितंबर में कोई उल्कापिंड की बारिश भी नहीं होती! यह सिर्फ अंतरिक्ष का मलबा था और फिर भी इसे देखना दुर्लभ है।”

    ये भी पढ़ें- भारत की पहली प्राइवेट गोल्ड माइन, इस राज्य में सोने की खुदाई जल्द शुरू

    वैज्ञानिक स्पष्टीकरण का इंतजार-

    इस पूरी घटना ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों में जबरदस्त उत्साह और जिज्ञासा पैदा की है। सोशल मीडिया पर हजारों लोगों ने इसके वीडियो और तस्वीरें साझा की हैं। लेकिन अभी भी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि यह वास्तव में क्या था।

    क्या यह चीनी रॉकेट का मलबा था, कोई उल्कापिंड, या फिर कुछ और? इसका जवाब तभी मिलेगा जब कोई आधिकारिक संस्थान इस बारे में अपना बयान देगी। तब तक लोग अपनी अटकलें लगाते रहेंगे और इस खूबसूरत प्राकृतिक तमाशे की यादों में खो जाएंगे।

    ये भी पढ़ें- सोहना-रेवाड़ी में सस्ते घर का सपना होगा साकार, अगले महीने आएंगी चार नई आवास योजनाएं