Bengaluru Crime News
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    Bengaluru Crime News: बेंगलुरु के पश्चिमी इलाके में एक ऐसी घटना हुई है, जो यह सोचने पर मजबूर कर देती है, कि आखिर छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा कहां तक ले जा सकता है। शनिवार (1 नवंबर) की सुबह गोविंदराजनगर के MC लेआउट के पास स्थित एक डिजिटल वॉल्ट और फोटो-एडिटिंग फर्म में एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने सभी को हिला कर रख दिया। दो सहकर्मियों के बीच ऑफिस की लाइट बंद करने को लेकर हुई बहस इतनी भयानक हो गई, कि एक की जान चली गई।

    द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, फर्म में काम करने वाले 41 वर्षीय कर्मचारी की उनके ही सहकर्मी ने डंबल से बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी। यह घटना शनिवार की तड़के करीब एक बजे हुई, जब ऑफिस में सिर्फ कुछ ही लोग काम कर रहे थे।

    कौन था आरोपी और क्या थी पीड़ित की कहानी-

    आरोपी की पहचान सोमाला वामशी, 24 साल, के रूप में हुई है। वामशी आंध्र प्रदेश का रहने वाला है और फर्म में टेक्निकल एग्जीक्यूटिव के पद पर काम करता था। वह बेंगलुरु के नयनदहल्ली इलाके में रहता था। घटना के बाद वामशी ने गोविंदराजनगर पुलिस स्टेशन में खुद को सरेंडर कर दिया। पुलिस ने तुरंत उसे गिरफ्तार कर लिया और केस दर्ज किया गया।

    पीड़ित की पहचान भीमेश बाबू के रूप में की गई है, जो चित्रदुर्ग से ताल्लुक रखते थे। भीमेश फर्म में मैनेजर के पद पर कार्यरत थे और अपने काम में काफी मेहनती माने जाते थे। रिपोर्ट के अनुसार, भीमेश को तेज रोशनी से परेशानी होती थी। उनकी आंखें संवेदनशील थीं, जिसके कारण वे अक्सर अपने सहकर्मियों से कहते थे, कि जब जरूरत न हो तो लाइट्स बंद कर दें।

    कैसे एक छोटी सी बात बन गई मौत की वजह-

    घटना की रात, यानी शुक्रवार से शनिवार की दरमियानी रात करीब एक बजे, वामशी ऑफिस में वीडियो एडिटिंग का काम कर रहा था। उस समय भीमेश बाबू ने एक बार फिर उससे लाइट्स बंद करने को कहा, क्योंकि उन्हें तेज रोशनी से दिक्कत हो रही थी। लेकिन इस बार वामशी को यह बात नागवार गुजरी। वह पहले से ही काम के तनाव में था और भीमेश की बार-बार की टोकाटोकी से चिढ़ गया था।

    दोनों के बीच शुरू हुई, मौखिक बहस तेजी से बढ़ती गई। आवाजें ऊंची होने लगीं और माहौल गरमाने लगा। अचानक, गुस्से में आकर वामशी ने भीमेश की तरफ मिर्च पाउडर फेंक दिया। इससे भीमेश की आंखों में जलन होने लगी और वे परेशान हो गए। लेकिन वामशी का गुस्सा यहीं नहीं रुका। उसने पास पड़ा एक आयरन डंबल उठाया और भीमेश पर हमला कर दिया।

    वामशी ने बेरहमी से डंबल से भीमेश के सिर, चेहरे और छाती पर बार-बार वार किए। भीमेश जमीन पर गिर गए और खून से लथपथ हो गए। यह दृश्य इतना भयावह था कि वामशी खुद भी घबरा गया। उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और वह डर गया।

    घटना के बाद क्या हुआ-

    भीमेश को जमीन पर गिरा हुआ देखकर वामशी घबरा गया और तुरंत ऑफिस से भाग निकला। वह सीधे नयनदहल्ली में अपने सहकर्मी गौरी प्रसाद से मिलने गया। उसने गौरी प्रसाद को पूरी घटना के बारे में बताया। गौरी प्रसाद भी स्तब्ध रह गया और उसने तुरंत अपने एक दोस्त से मदद मांगी।

    कुछ समय बाद तीनों वापस ऑफिस पहुंचे। जब उन्होंने भीमेश को बेजान पड़ा देखा, तो गौरी प्रसाद और उसके दोस्त ने तुरंत एंबुलेंस को कॉल किया। मेडिकल स्टाफ जल्द ही मौके पर पहुंच गया। डॉक्टरों ने भीमेश को चेक किया और उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर से सभी सहकर्मी सदमे में आ गए। किसी ने कल्पना भी नहीं की थी, कि एक साधारण सी बहस इतने भयानक अंजाम तक पहुंच सकती है।

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    पुलिस को तुरंत सूचना दी गई और गोविंदराजनगर पुलिस स्टेशन की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने मर्डर का केस दर्ज किया और जांच शुरू कर दी। वामशी ने कुछ घंटों बाद खुद को पुलिस के हवाले कर दिया। डिप्टी कमिश्नर (वेस्ट) गिरीश एस ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा, कि ऑफिस की लाइट्स को लेकर हुई बहस ने इस पूरी घटना को अंजाम दिया।

    यह घटना हमें कई सवाल छोड़ जाती है। क्या वर्कप्लेस में तनाव को मैनेज करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं? क्या कंपनियां अपने कर्मचारियों की मानसिक सेहत का ध्यान रख रही हैं? लंबे घंटों तक काम करने का दबाव, डेडलाइन का तनाव और सहकर्मियों के साथ तालमेल की कमी – ये सब मिलकर कभी-कभी विस्फोटक स्थिति पैदा कर सकते हैं।

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