Andhra Pradesh Mysterious Disease: आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में एक भयावह स्थिति पैदा हो गई है। पिछले दो महीनों में एक रहस्यमय बीमारी की वजह से लगभग 20 लोगों की जान चली गई है। यह खबर सुनते ही पूरे राज्य में तनाव का माहौल छा गया है। इस गंभीर हालात को देखते हुए, मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को गुंटूर जिले में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की है।
अचानक फैली अजीब बीमारी से बढ़ी परेशानी-
तुरकापालेम गांव के लोग एक ऐसी बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसका कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है। शुरुआत में लोगों को लगा था, कि यह सामान्य बुखार या सर्दी-जुकाम है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता गया, हालात गंभीर होते गए। कई लोगों को तेज बुखार और खांसी की शिकायत हुई और फिर अचानक से उनकी हालत बिगड़ गई।
स्थानीय लोगों का कहना है, कि पहले तो किसी को ज्यादा चिंता नहीं हुई थी, लेकिन जब मौतों का सिलसिला बढ़ने लगा, तो सभी के होश उड़ गए। गांव के बुजुर्गों का कहना है, कि उन्होंने ऐसी बीमारी पहले कभी नहीं देखी थी। परिवारों में मातम का माहौल है और लोग डरे हुए हैं, कि कहीं यह बीमारी और न फैल जाए।
STORY | Rare brain infection claims one more life in Kerala
— Press Trust of India (@PTI_News) September 6, 2025
A 45-year-old man died from amoebic meningoencephalitis, a rare and often fatal brain infection, while undergoing treatment at Kozhikode Medical College Hospital, health officials said on Saturday.
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विशेषज्ञ टीम की तुरंत पहुंचाई गई मदद-
मुख्यमंत्री की तरफ से तुरंत एक्शन लेते हुए मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ. राघुनंदन के नेतृत्व में एक एक्सपर्ट टीम को तुरकापालेम गांव भेजा गया है। यह टीम अब तक हुई मौतों की विस्तृत जांच कर रही है और इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही है, कि आखिर यह बीमारी क्या है और इसका इलाज क्या हो सकता है।
चंद्रबाबू नायडू ने सभी गांववासियों से अपील की है, कि अगर कोई भी व्यक्ति अपने अंदर कोई भी अनजान लक्षण महसूस कर रहा है, तो देर न करते हुए तुरंत हॉस्पिटल जाएं। उन्होंने कहा है, कि जल्दी पता लगाने और सही इलाज से कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।
बड़े पैमाने पर होगी स्वास्थ्य जांच-
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है, कि शनिवार और रविवार को गांव में व्यापक हेल्थ कैंप का आयोजन किया जाएगा। इन कैंप में सभी गांववासियों की पूरी मेडिकल टेस्टिंग होगी। इसमें किडनी फंक्शन टेस्ट, ब्लड शुगर लेवल की जांच और ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग शामिल है। यह एक बहुत ही जरूरी कदम है, क्योंकि इससे पता चल जाएगा, कि कौन से लोग संभावित रूप से संक्रमित हैं।
नायडू ने अधिकारियों को कहा है, कि वे स्थानीय लोगों का हेल्थ प्रोफाइल तैयार करें। यह डेटा भविष्य में बहुत काम आएगा और डॉक्टरों को पैटर्न समझने में मदद मिलेगी। अगर जरूरत पड़े, तो एम्स मंगलागिरी और अंतरराष्ट्रीय मेडिकल एक्सपर्ट से भी सहायता ली जा सकती है।
मेलियोइडोसिस बैक्टीरियल इंफेक्शन-
जांच के दौरान अधिकारियों को संदेह हो रहा है, कि यह मेलियोइडोसिस नामक बैक्टीरियल इंफेक्शन हो सकता है। हालांकि यह अभी केवल प्रारंभिक लैब रिपोर्ट पर आधारित है, लेकिन इससे एक दिशा मिल गई है। मेलियोइडोसिस एक ऐसा बैक्टीरियल इंफेक्शन है, जो मुख्य रूप से मानसून के मौसम और बाढ़ के समय फैलता है।
यह बीमारी गंभीर तो है, लेकिन अच्छी बात यह है, कि इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से संभव है। इसके लक्षणों में बुखार और खांसी शामिल हैं, लेकिन अगर सही इलाज न मिले तो यह फेफड़ों को गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है। यही कारण है, कि जल्दी पता लगाना और इलाज करना इतना महत्वपूर्ण है।
सबसे ज्यादा खतरे में कौन हैं?
अधिकारियों के अनुसार, सबसे ज्यादा पीड़ित लगभग 55 साल की उम्र के पुरुष हैं, जिन्हें पहले से ही कोई न कोई स्वास्थ्य समस्या थी। यह पैटर्न बताता है, कि पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों को अतिरिक्त सावधान रहना चाहिए। अगर आपके परिवार में कोई बुजुर्ग व्यक्ति है या किसी को पुरानी बीमारी है, तो उनकी विशेष देखभाल करना बहुत जरूरी है।
सीएम नायडू ने अधिकारियों को 24 घंटे सतर्क रहने का निर्देश दिया है, क्योंकि इस संदिग्ध बैक्टीरियल बीमारी के पीने के पानी, खाने की चीजों और हवा के जरिए फैलने की अधिक संभावना है। यह बात सभी को गंभीरता से लेनी चाहिए और सही एहतियात बरतने चाहिए।
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सुरक्षा के उपाय और सरकारी कदम-
इस गंभीर स्थिति को संभालने के लिए सीएम नायडू ने स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिया है, कि गांव में सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति की जाए। यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि दूषित पानी अक्सर इस तरह की बीमारियों का मुख्य कारण होता है। लोगों को अपनी सुरक्षा के लिए कुछ बुनियादी एहतियात बरतने चाहिए, जैसे कि उबला हुआ पानी पीना, उचित स्वच्छता बनाए रखना और किसी भी असामान्य लक्षण की स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना। सरकार ने यह भी कहा है, कि अगर कोई व्यक्ति बीमार महसूस कर रहा है तो उसे तुरंत मेडिकल सहायता लेनी चाहिए।
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