Bihar School Viral Video: बिहार में शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल उठ गए हैं। मंसूरचक प्रखंड के उच्चतर माध्यमिक विद्यालय नैपुर बहरामपुर में एक ऐसा वीडियो सामने आया है, जिसमें 9वीं कक्षा के छात्र बिना किसी निगरानी के परीक्षा देते हुए दिख रहे हैं। इतना ही नहीं, कक्षा में फिल्मी गाने तेज आवाज़ में बज रहे हैं और विद्यार्थी खुलेआम नकल कर रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद शिक्षा विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
Bihar School Viral Video गाने पर देते रहे परीक्षा-
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कक्षा के ब्लैकबोर्ड पर एक मोबाइल फोन रखा हुआ है, जिसपर बॉलीवुड फिल्म 'खलनायक' का प्रसिद्ध गाना 'चोली के पीछे क्या है' तेज आवाज़ में बज रहा है। छात्र गाने का आनंद लेते हुए परीक्षा दे रहे हैं। कमरे में मौजूद छात्रों के बेंच पर भी कई मोबाइल फोन रखे हुए हैं और वे आपस में बातें करते हुए उत्तर पुस्तिकाओं पर लिख रहे हैं। वीडियो से साफ जाहिर होता है कि परीक्षा कक्ष में कोई शिक्षक या निरीक्षक मौजूद नहीं है।
ये एकदम टटका नज़ारा बिहार के एक एग्जाम हॉल का है। #बेगूसराय के माध्यमिक स्कूल नैपुर बहरामपुर में 9वीं की परीक्षा चल रही है। बैकग्राउंड से मधुर आवाज़ में बज रहा है चोली के पीछे क्या है। टीचर निश्चिन्त हैं छात्र मस्त हैं।
— shambhu nath (@shambhunath1993) March 22, 2025
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सूत्रों के अनुसार, विद्यालय में शुक्रवार (21 मार्च, 2025) से 9वीं कक्षा की परीक्षाएं शुरू हुई थीं। पहले दिन गणित और अंग्रेजी विषय की परीक्षा आयोजित की गई थी। अन्य विद्यालयों की तरह यहां भी छात्र परीक्षा देने आए, लेकिन कक्षा में कोई शिक्षक निगरानी के लिए उपस्थित नहीं था। इस अवसर का फायदा उठाते हुए छात्रों ने ब्लैकबोर्ड पर मोबाइल रखकर तेज आवाज़ में गाना बजा दिया और बिना किसी डर के परीक्षा देने लगे।
Bihar School Viral Video वीडियो वायरल होने के बाद मची खलबली-
यह वीडियो सोशल मीडिया पलेटफॉर्म्स पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। कई लोगों ने सवाल उठाया है कि आखिर यह कैसी परीक्षा व्यवस्था है, जहां कक्षा में शिक्षक मौजूद नहीं हैं और छात्र खुलेआम अश्लील गाने बजाकर परीक्षा दे रहे हैं। वीडियो वायरल होने के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधि विद्यालय पहुंच गए और पूरे मामले की जानकारी ली। स्थानीय मुखिया ने इस मामले में जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यह विद्यालय की प्रतिष्ठा और शिक्षा व्यवस्था पर एक बड़ा सवाल है। ऐसी परिस्थितियों में छात्रों का भविष्य दांव पर लग जाता है और समाज में गलत संदेश जाता है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
Bihar School Viral Video प्रिंसिपल का दावा-
इस पूरे प्रकरण पर विद्यालय की प्रिंसिपल नेहा कुमारी ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि वायरल वीडियो उनके ही विद्यालय का है और वे इसकी जांच कर रही हैं। हालांकि, उन्होंने इसे एक साजिश करार दिया है। प्रिंसिपल का कहना है, "ये बच्चे गांव वालों से मिलकर सुनियोजित तरीके से वीडियो बनाकर वायरल किया गया है। बच्चे मेरे स्कूल के ही हैं, लेकिन यह लोग नियमित रूप से स्कूल नहीं आते थे, बगैर यूनिफॉर्म के आते थे, इसलिए उन्हें परीक्षा देने नहीं दिया गया था।"
उन्होंने आगे बताया, "विद्यालय की ऊपरी मंजिल पर जो कक्षा है, वह खुला रहता है। इन लोगों ने जानबूझकर वहां जाकर वीडियो बनाया है। यह ग्रामीणों और कुछ छात्रों द्वारा साजिश के तहत किया गया है।" प्रिंसिपल ने यह भी दावा किया कि जब से वे इस विद्यालय में नियुक्त हुई हैं, तब से वहां होने वाले गलत कार्यों का विरोध करती आ रही हैं, और इसी कारण उन्हें बदनाम करने के लिए यह वीडियो बनाया गया है।
शिक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल-
इस घटना ने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। पिछले कुछ वर्षों में राज्य में परीक्षाओं के दौरान नकल और अनियमितताओं के कई मामले सामने आए हैं। शिक्षाविदों का मानना है कि ऐसी घटनाएं न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करती हैं, बल्कि छात्रों के नैतिक मूल्यों पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। एक स्थानीय शिक्षाविद् ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "परीक्षा एक ऐसा माध्यम है जिससे छात्रों के ज्ञान और समझ का आकलन किया जाता है। लेकिन अगर परीक्षाएं ही इस तरह आयोजित की जाएंगी, तो छात्रों का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा। यह केवल एक विद्यालय की समस्या नहीं है, बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था पर प्रश्नचिह्न है।"
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आगे की कार्रवाई-
प्रिंसिपल नेहा कुमारी ने बताया कि उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को पूरे मामले की लिखित शिकायत दी है और जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि वे अपने विद्यालय में अनुशासन और शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगी।
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा, "हम इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। अगर जांच में यह साबित होता है कि परीक्षा के दौरान अनुचित गतिविधियां हुई हैं और शिक्षक अपनी जिम्मेदारी से चूके हैं, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हमारा उद्देश्य परीक्षा प्रणाली की पवित्रता और विश्वसनीयता को बनाए रखना है।" इस घटना ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है और अब सभी की नज़र है कि शिक्षा विभाग इस मामले में क्या कदम उठाता है। क्या यह सिर्फ एक अलग घटना है या बिहार की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार की आवश्यकता है - यह सवाल अब हर किसी के मन में है।
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