Arvind Kejriwal: दिल्ली की रोज़ एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला सुनाते हुए आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल और पार्टी के अन्य नेताओं के खिलाफ FIR दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला 2019 में द्वारका में सार्वजनिक धन का इस्तेमाल करके बड़े पार्टी होर्डिंग लगाने से जुड़ा है। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट नेहा मित्तल की अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और अधिकारियों को FIR दर्ज करने का निर्देश दिया।
यह आदेश ऐसे समय आया है जब कुछ हफ्ते पहले ही अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय राजधानी में 10 साल से अधिक समय तक शासन करने के बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा सत्ता से बाहर कर दिया गया है। वर्तमान में केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति मामले में जमानत पर रिहा हुए हैं।
Arvind Kejriwal नई दिल्ली सीट और आबकारी नीति विवाद-
हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा के प्रवेश वर्मा से चुनाव हार गए थे। इससे पहले, केजरीवाल और उनके डिप्टी मनीष सिसोदिया को दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस देने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में FIR के आदेश के बाद महीनों जेल में बिताने पड़े थे। बाद में यह नीति रद्द कर दी गई थी।
Arvind Kejriwal CAG रिपोर्ट ने खोली पोल-
पिछले महीने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) की दिल्ली के शराब क्षेत्र की ऑडिट रिपोर्ट ने दावा किया था कि पूर्ववर्ती आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार द्वारा तैयार की गई 2021-2022 की आबकारी नीति के परिणामस्वरूप राष्ट्रीय राजधानी के खजाने को 2000 करोड़ रुपये से अधिक का संचयी नुकसान हुआ है। इस रिपोर्ट ने AAP सरकार की नीतियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं और भ्रष्टाचार के आरोपों को और मजबूत किया है।
Delhi: Regarding Delhi court orders FIR against Kejriwal, BJP President Virendra Sachdeva says, "...It was repeatedly alleged that Delhi taxpayers' money was being used for self-promotion. Today, the court ruled that Arvind Kejriwal misused these funds improperly..." pic.twitter.com/c5oCURBKIE
— IANS (@ians_india) March 11, 2025
Arvind Kejriwal मोहल्ला क्लिनिक पर भी विवाद-
पिछले हफ्ते, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने AAP सरकार द्वारा संचालित 'मोहल्ला क्लिनिक' में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन और केजरीवाल पर मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के नाम पर "भ्रष्टाचार की दुकानें" चलाने का आरोप लगाया।
सचदेवा की प्रतिक्रिया तब आई जब AAP के वरिष्ठ नेता जैन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिल्ली में भाजपा सरकार की 250 'मोहल्ला क्लिनिक' बंद करने की कथित योजना की कड़ी आलोचना की थी। "AAP नेता हम पर उनके क्लिनिक बंद करने का आरोप लगाते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि हम उनकी भ्रष्टाचार की दुकानें बंद कर रहे हैं," सचदेवा ने कहा।
Arvind Kejriwal विपासना पर केजरीवाल, BJP का तंज-
वर्तमान में अरविंद केजरीवाल पंजाब में अपने 10-दिवसीय विपासना ध्यान शिविर पर हैं। भाजपा ने उन पर विलासितापूर्ण जीवनशैली का आदी होने का आरोप लगाया है। "चुनाव हारने के बाद, वह (केजरीवाल) अब राज्यसभा की सीट की तलाश में हैं क्योंकि वह विलासितापूर्ण जीवनशैली के आदी हो गए हैं। विपासना सिर्फ एक बहाना है, पंजाब में उनकी उपस्थिति का असली कारण AAP के पंजाब इकाई में मची उथल-पुथल है," सचदेवा ने इस महीने की शुरुआत में पीटीआई वीडियोज को बताया।
क्या अब बच पाएंगे केजरीवाल?
दिल्ली की अदालत का यह फैसला अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के लिए एक और बड़ा झटका है। पहले से ही आबकारी नीति मामले में परेशानियों का सामना कर रहे केजरीवाल अब सार्वजनिक धन के दुरुपयोग के आरोपों का भी सामना करेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इस मामले में FIR दर्ज होने के बाद AAP और केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों में AAP ने कई बड़े झटके खाए हैं - चाहे वह दिल्ली विधानसभा चुनाव हारना हो, या फिर आबकारी नीति मामले में केजरीवाल और सिसोदिया की गिरफ्तारी। अब इस नए मामले में FIR का आदेश AAP के लिए चिंता का एक और विषय बन गया है।
जनता की प्रतिक्रिया-
आम जनता में इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएँ देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग मानते हैं कि यह राजनीतिक बदला है, जबकि अन्य का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए, चाहे वह किसी भी पार्टी का नेता हो। "हम दसों साल से AAP को वोट दे रहे थे क्योंकि उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का वादा किया था। अगर अब वे खुद ही इसमें शामिल हैं, तो उन्हें भी कानून का सामना करना चाहिए," द्वारका के एक निवासी राजेश कुमार ने कहा।
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वहीं, आम आदमी पार्टी के समर्थकों का कहना है कि यह केंद्र सरकार द्वारा पार्टी को परेशान करने का एक और प्रयास है। "जब से AAP ने भाजपा को दिल्ली में हराया है, तब से यह सिलसिला चल रहा है। हर हफ्ते कोई न कोई नया मामला आता है," पार्टी के एक कार्यकर्ता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या नया मोड़ आता है और AAP इस नई चुनौती का सामना कैसे करती है।
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