Putin-Trump Phone Call
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    Putin-Trump Phone Call: रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के बीच हुई टेलीफोन वार्ता को क्रेमलिन ने एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। रविवार को क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि इस फोन कॉल का बड़ा संदेश यह है कि अब रूस और अमेरिका युद्ध की नहीं, बल्कि शांति की बात करेंगे। रूस के राज्य टेलीविजन के क्रेमलिन रिपोर्टर पावेल ज़ारुबिन को दिए गए एक इंटरव्यू में पेसकोव ने कहा, "यह एक शक्तिशाली संकेत है कि हम अब संवाद के माध्यम से समस्याओं को हल करने का प्रयास करेंगे। अब हम युद्ध नहीं, शांति की बात करेंगे।"

    Putin-Trump Phone Call पश्चिमी प्रतिबंधों पर पेसकोव का बयान-

    न्यूज़18 के मुताबिक, पेसकोव ने वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पुतिन और ट्रम्प के बीच पहली मुलाकात को विशेष महत्व का बताया। उन्होंने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंध रूस-अमेरिका वार्ता में बाधा नहीं बनेंगे, क्योंकि "ये प्रतिबंध जितनी जल्दी लगाए गए थे, उतनी ही जल्दी हटाए भी जा सकते हैं।"

    "हमारे बीच की बातचीत से यह साफ हो गया है कि दोनों देश अब टकराव की जगह सहयोग पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं। यह दुनिया के लिए एक सकारात्मक संदेश है," पेसकोव ने आगे कहा।

    Putin-Trump Phone Call इंटरनेशनल रिलेशन्स पर इम्पैक्ट-

    विश्लेषकों का मानना है कि पुतिन-ट्रम्प की यह वार्ता अंतरराष्ट्रीय राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। पिछले कुछ वर्षों में रूस और अमेरिका के बीच तनाव चरम पर रहा है, खासकर यूक्रेन संघर्ष के कारण।

    मॉस्को विश्वविद्यालय के अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञ प्रोफेसर सेर्गेई कुज़नेत्सोव ने बताया, "यह पहली बार नहीं है जब ट्रम्प और पुतिन ने बातचीत की है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों में इस वार्ता का महत्व कई गुना बढ़ जाता है। यह न केवल द्विपक्षीय संबंधों में सुधार का संकेत है, बल्कि वैश्विक शांति प्रक्रिया में एक नई शुरुआत हो सकती है।"

    जनता की प्रतिक्रिया-

    मॉस्को के निवासी इवान स्मिरनोव, जो एक IT प्रोफेशनल हैं, ने कहा, "हमें उम्मीद है कि यह बातचीत सिर्फ दिखावा न हो। आम लोगों को युद्ध नहीं, शांति चाहिए। हम चाहते हैं कि प्रतिबंध हटें और हमारी इकोनॉमी पहले जैसी मजबूत हो।"

    वहीं, सेंट पीटर्सबर्ग की एलेना कोवालेवा ने कहा, "बड़े नेताओं की बातचीत अच्छी है, लेकिन हमें रिजल्ट चाहिए। प्राइस राइज और आर्थिक तंगी से आम लोग परेशान हैं।"

    आगे की संभावनाएं-

    राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि इस फोन कॉल के बाद दोनों नेताओं के बीच जल्द ही एक औपचारिक बैठक हो सकती है। अमेरिकी मीडिया में भी ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि ट्रम्प प्रशासन रूस के साथ संबंधों को नया आकार देने की योजना बना रहा है।

    मॉस्को स्थित अमेरिकी मामलों के विशेषज्ञ अलेक्सेई वोरोनिन के अनुसार, "यह बातचीत एक शुरुआत है, लेकिन अभी लंबा रास्ता तय करना बाकी है। दोनों देशों के बीच कई मुद्दे हैं जिन पर सहमति बनाना आसान नहीं होगा। फिर भी, संवाद की शुरुआत एक सकारात्मक कदम है।"

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    विश्व समुदाय की प्रतिक्रिया-

    यूरोपीय यूनियन और नाटो देशों ने इस वार्ता पर अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। हालांकि, अनौपचारिक रूप से कई यूरोपीय नेताओं ने चिंता जताई है कि अमेरिका-रूस के बीच नजदीकियां बढ़ने से यूरोप की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है। चीन ने इस वार्ता का स्वागत किया है और कहा है कि बड़ी शक्तियों के बीच संवाद से वैश्विक स्थिरता को बढ़ावा मिलेगा।

    पुतिन-ट्रम्प फोन कॉल ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई चर्चा छेड़ दी है। क्रेमलिन का यह बयान कि "अब हम युद्ध नहीं, शांति की बात करेंगे" दुनिया भर में आशा की एक नई किरण जगा सकता है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि इस वार्ता के वास्तविक परिणामों का आकलन करने के लिए अभी और समय इंतजार करना होगा।

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