Jio Coin: हाल ही में Reliance Jio के यूज़र्स ने जियोस्पीयर वेब ब्राउज़र में एक नया फीचर जियोकॉइन देखा है। यह एक क्रिप्टोकरेंसी टोकन है, जो Ethereum लेयर 2 पर आधारित है और पॉलिगन ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर लिस्टेड है। हालांकि अभी तक कोई ऑफिशियल घोषणा नहीं की गई है, फिर भी एंड्रॉयड और iOS यूज़र्स ने अपने डिवाइस पर जियोकॉइन से जुड़ी सुविधाओं को देखा है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जियोस्पीयर के FAQ सेक्शन में बताया गया है, कि जियोकॉइन एक ब्लॉकचेन-आधारित रिवॉर्ड टोकन है, जिसे जियो प्लेटफॉर्म्स लिमिटेड के अलग-अलग ऐप्स के माध्यम से यूज़र्स कमा सकते हैं।
जियोकॉइन से जुड़े फ़ीचर्स-
जियोकॉइन का प्राइस यूज़र को जियो के ऐप्स और सेवाओं के साथ इंटरएक्शन पर निर्भर करता है। यानी जितना ज़्यादा यूज़र्स जियो के ऐप्स जैसे, कि MyJio और JioCinema का इस्तेमाल करेंगे, उतना अधिक जियोकॉइन वह कमा सकेंगे। वर्तमान में, जियोस्पीयर ब्राउज़र का उपयोग करने से यूज़र्स को मुफ्त में जियोकॉइन मिलते हैं और ये टोकन Polygon Labs वॉलेट में स्टोर होते हैं।
हालांकि जियोकॉइन के इस्तेमाल के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन यह माना जा रहा है, कि इसे जियो के इकोसिस्टम में मोबाइल रिचार्ज, यूटिलिटी बिल पेमेंट्स और अन्य सेवाओं में उपयोग किया जा सकता है। यूज़र्स को जियोकॉइन को रिडीम या कन्वर्ट करने के लिए UPI-लिंक्ड बैंक अकाउंट की ज़रुरत हो सकती है, जो यह संकेत देता है, कि जियोकॉइन को करेंसी में बदला जा सकता है।
पार्टनरशिप की घोषणा-
15 जनवरी 2025 को जियो ने Polygon Labs के साथ पार्टनरशिप की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य ब्लॉकचेन तकनीक को अपने सेवाओं में एकीकृत करना था। हालांकि इस घोषणा में जियोकॉइन का सीधे तौर पर जिक्र नहीं किया गया था, फिर भी जियो का यह कदम भारत में Web3 और ब्लॉकचेन क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा सकता है।
2018 के रिपोर्ट्स के अनुसार, जियो प्लेटफॉर्म्स ने एक 50 सदस्यीय टीम बनाई थी, जो ब्लॉकचेन टोकन पर काम कर रही थी, और यह टीम आकाश अंबानी के नेतृत्व में काम कर रही थी। इसके बाद से यह स्पष्ट हो गया था कि Reliance इस क्षेत्र में गहरी दिलचस्पी रखता है।
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असर जनता के विश्वास पर-
भारत में क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन पर 30 प्रतिशत फ्लैट टैक्स और 1 प्रतिशत TDS (Tax Deducted at Source) लागू है। यह संरचना जियोकॉइन पर भी लागू हो सकती है। भारतीय क्रिप्टोकरेंसी बाजार में पिछले कुछ समय में कई सुरक्षा breaches हुए हैं, जिनका असर जनता के विश्वास पर पड़ा है, जैसे कि WazirX की घटना। फिर भी वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी के कीमत में बढ़ोतरी के चलते इस क्षेत्र में रुचि बनी हुई है।
क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन तकनीक के प्रति बढ़ती रुचि को देखते हुए, जियोकॉइन के आने से Reliance अपने डिजिटल इकोसिस्टम को और सशक्त बना सकता है। जियो के ऐप्स के जरिए, यूज़र्स को क्रिप्टो रिवॉर्ड्स देने का तरीका Web3 और ब्लॉकचेन के बड़े इकोसिस्टम में Reliance की एंट्री करवा सकता है।
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