भाषा बदलें

    Meteor Shower
    Photo Source - Pexels

    Meteor Shower: अपनी आखों से देख पाएंगे तारों की बारिश, नासा ने बताई..

    Last Updated: 1 मई 2024

    Author: sumit

    हमें फ़ॉलो करें >

    Meteor Shower: जल्द ही आपको आसमान में टूटते हुए तारों की बारिश देखनवे को मिलने वाली है। इस वीकेंड पर ही उल्कापिंडो की बौछार होने वाली है। यह उल्का पिंड हेली धूमकेतु से जुड़ा हुआ है। जिसे एट एक्वायर्ड कहा जाता है, 19 अप्रैल से 28 मई के बीच हर साल इन तारों यानी उल्का पिंडों कि बारिश की होती है। अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने इस बार तारों की तारीख का खुलासा कर दिया है। नासा के मुताबिक इस साल उल्का पिंडों की बारिश 4 से 6 में के बीच होने वाली है। इस समय आसमान में हर मिनट में उल्का पिंड नजर आते हैं।

    नॉर्मल आंखों से भी देख सकते हैं Meteor Shower-

    उनकी रफ्तार 1,48,000 मील प्रति घंटे के आसपास की होती है। यह आतिशबाजी इतनी चमकीली होती है कि इन्हें आप अपनी नॉर्मल आंखों से भी देख सकते हैं। इसके साथ ही अगले विस्फोट की बात की जाए तो ये आज से लगभग 20 साल बाद यानी साल 2046 में होने वाली है। समाचार वेबसाइट ज़ी न्यूज़ के मुताबिक, जो उल्का पिंड यानी टूटे तारे दिखाई देते हैं, वह हेली धूमकेतु से सैकड़ों साल पहले अलग हो गए थे। हेली धूमकेतु की वर्तमान कक्षा पृथ्वी से इतने करीब से नहीं गुजरती की उल्का पात हो सके।

    Meteor Shower कब देख पाएंगे आप-

    वैसे तो उल्का पिंडों यानी तारों की बारिश अभी भी जारी है, लेकिन 5 और 6 मई को यह ज्यादा होते हैं। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक, इस समय पर उल्कापात पीक पर रहते हैं और यह 5 मई की रात 8:43 बजे होने वाला है। इसे को 5 और 6 मई की सुबह होने के कुछ घंटे पहले आसानी से देखा जा सकता है। उनकी बौछार को आप अपनी नॉर्मल आंखों से देख सकते हैं। आप चाहे तो आप इसे टेलीस्कोप या बयानाक्युलर का इस्तेमाल करके भी देख सकते हैं।

    ये भी पढ़ें- Pakistan को मिला जमीन में अरबों का खज़ाना, क्या संकट से मिलेगी निजात?

    बेहद दुर्लभ स्थिति-

    ऐसी खगोलीय घटना होती है, जो की रात के समय आसमान में नजर आती है। यह ब्रह्मांड के मलबे की तरह धाराओं में चलते रहते हैं, जिन्हें उल्का पिंड कहा जाता है। यह काफी तेज रफ्तार के साथ वायुमंडल में प्रवेश करती हैं और ज्यादातर यह छोटे दानों की तरह से नजर आते हैं। इसलिए उनमें लगभग सारी गल जाती है। यह बेहद दुर्लभ स्थिति में पृथ्वी की सतह से टकराती हैं। यह तारों की बारिश दक्षिणी गोलार्ध में सबसे अच्छी तरह से नजर आता है। मध्य रेखा के उत्तर में मौजूद लोग भी आदर्शवादी आसानी से देख सकते हैं।

    ये भी पढ़ें- China Building Road in Kashmir: सैटेलाइट की तस्वीर ने खोली चीन का पोल, कश्मीर में बना रहा सड़क..