Indian Railway: आज भारत के आधे से ज्यादा लोग एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए रेलवे का सहारा लेते हैं। भारतीय रेलवे का एक लंबा और शानदार इतिहास रह चुका है, जो कि करीब 160 साल पुराना है। 16 अप्रैल 1853 को मुंबई के बोरी बंदर में पहली यात्रा 16 अप्रैल 1853 को शुरू हुई, जो बोरी बंदर से थाने तक 24 किलोमीटर की यात्रा के लिए चली थी। सिंध, सुल्तान और शाहिद वह इंजन थे जो इसे चला रहे थे।
भारतीय रेलवे देशभर में 7349 स्टेशनों पर संचालन करता है। भारतीय रेलवे के इंजीनियरों ने उसे पहली ट्रेन के कुछ ही सालों के अंदर गोरे घाट पर ट्रैक बिछाने की बड़ी चुनौती को स्वीकार किया। मुंबई और पुणे को जोड़ने के लिए 2000 फीट की ऊंचाई पर इसे बनाया गया था। उसमें पुल और सुरंग भी शामिल है। इसे पूरा करने में गरीब 9 साल का समय लगा।
छत्रपति शिवाजी टर्मिनल (Indian Railway)-
प्राचीन काल में बना छत्रपति शिवाजी टर्मिनल जो एक यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है को 19वीं शताब्दी में बनवाया गया था। इसे सबसे पहले विक्टोरिया टर्मिनस के नाम से जाना जाता था और इसकी पूरी संरचना विक्टोरिया, बौद्धिक, पुनरुद्धार और पारंपरिक भारतीय वास्तु कला के मिश्रण से की गई थी। पूरे मुंबई में बोरीबंदर शहर बहुत से व्यावसायिक और व्यापार गतिविधियों का केंद्र दिए हुआ करती थी। (Indian Railway)
काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन (Indian Railway)-
काचीगुड़ा रेलवे स्टेशन अपने चारों ओर फैले शहर की हलचल में खोया रहता था। फिर भी यह इस रेलवे स्टेशन की संरचनात्मक और ऐतिहासिक महत्व को उजागर करने का काम करता है। यह स्टेशन 1911 में निगम इस्लाम अली खान के शासनकाल में बनाया गया था। अपनी आकर्षक वास्तुकला में 100 साल पुरानी लकड़ी की सीडीओ के अलावा कांजीगुडा रेलवे स्टेशन में पर्दा दीवार के साथ एक अलग महिला अनुभाग भी था, जो की महिलाओं को एकांत में ट्रेनों में चढ़ने और बाहर निकालने की भी अनुमति देता था। यानी जैसे आज के जमाने में ट्रेनों और मेट्रो में महिलाओं के लिए अलग डिब्बे होते हैं। ऐसे ही पिछले समय में 100 साल पहले भी महिलाओं के लिए एक अलग डिब्बा हुआ करता था।
उपमहाद्वीप में सबसे ज्यादा पुराना स्टेशन-
मुंबई ठाने स्टेशन अब मौजूद नहीं है। वहीं आज रोयापुरम शायद पूरे उपमहाद्वीप में सबसे ज्यादा पुराना स्टेशन है। मद्रास प्रेसीडेंसी के तत्कालीन गवर्नर लॉर्ड हैरीश ने 1 जुलाई 1856 को रॉयपुरम स्टेशन को समर्पित किया था। रॉयपुरम तिल्लुवापुरम स्थापित होने वाले पहले मार्ग थे। कालका शिमला मार्ग पर एक खूबसूरत छोटा सा रेलवे स्टेशन है। जिसका इतिहास काफी पुराना और दिलचस्प है, जो 1903 में बनाया गया था। यह शानदार पहाड़ी दृश्य और शैली चित्रों से घिरा हुआ है। बाद में बाबा भालकू नामक एक स्थानीय पवित्र व्यक्ति की मदद से एक ब्रिटिश इंजीनियर ने एक सुरंग का निर्माण किया। यह कभी आकर्षण था। (Indian Railway)
हावड़ा ब्रिज-
हावड़ा ब्रिज के बारे में तो आपने सुना ही होगा, जो हुगली नदी तक फैला हुआ है। यह एक प्रसिद्ध स्मारक है और हावड़ा स्टेशन से जुड़ता है। कोलकाता का सबसे प्रसिद्ध यह स्टेशन भारत का दूसरा सबसे पुराना स्टेशन है और देश के सबसे बड़े रेलवे परिसरों में से भी एक है। हावड़ा स्टेशन ने 1 दिसंबर 2021 को अपनी 116 वर्षगांठ बनाई थी। 1905 में इसी दिन स्टेशन 6 प्लेटफार्म के साथ व्यापार के लिए खोला गया था। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन की बात की जाए तो अजमेरी गेट और पहाड़गंज के बीच में मौजूद है और 1926 में दिल्ली के प्रमुख रेलवे स्टेशन के रूप में काम कर रहा है।
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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन-
इस स्टेशन में 16 प्लेटफार्म और प्रतिदिन लगभग 400 ट्रैनें यहां से चलती हैं। जो इससे शुरू होती है, खत्म होती है या फिर गुजरती है। कानपुर सेंट्रल रेलवे स्टेशन के साथ-साथ नई दिल्ली रेलवे स्टेशन को दुनिया का सबसे बड़ा रूट इंटरलॉकिंग सिस्टम होने का खिताब मिला हुआ है। गिनीज बुक के रिकॉर्ड के मुताबिक, यह दुनिया का सबसे बड़ा रूट रिले इंटरलॉकिंग सिस्टम। (Indian Railway)
भारत में रेलवे स्टेशन लंबी और दूर यात्रा दूर की यात्राओं के लिए काफी लोकप्रिय साधन माना जाता है। यह सस्ता भी होता है और हर कोई ट्रेन से यात्रा करने का आनंद होता है। इसे दुनिया के सबसे बड़े ट्रेन नेटवर्क में गिना जाता है।
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