Maha Mrityunjaya Mantra: भगवान शिव एक सर्वोच्च शक्ति है और उन्हें सबसे महान दाता के रूप में माना जाता है। वह सबसे शक्तिशाली भगवान हैं, भगवान शिव को त्रिकालदर्शी भी कहा जाता है। जिनकी तीन आंखें हैं और वह भूत वर्तमान और भविष्य देख सकते हैं। भगवान शिव ही अपने भक्तों को अच्छा स्वास्थ्य और लंबी उम्र प्रदान करते हैं। हिंदू धर्म ग्रंथो में भगवान शिव की पूजा करने के बहुत ही तरीके बताए गए हैं।
जिसमें व्रत रखना, अभिषेक करना और ओम नमः शिवाय का जाप करना है। लेकिन सबसे शक्तिशाली तरीका महामृत्युंजय मंत्र का जाप है। ज्यादातर लोग इसके बारे में जानते हैं लेकिन बहुत कम लोग इस मंत्र के पीछे की कहानी और उसके महत्व को जानते होंगे। आज इस लेख में हम आपको कुछ समझने वाले हैं कि आपको इस मंत्र का जाप कैसे करना चाहिए। आप इस मंत्र का ज्यादा लाभ और शक्ति प्राप्त कैसे कर सकते हैं।
सबसे शक्तिशाली मंत्र-
महामृत्युंजय मंत्र सबसे शक्तिशाली मंत्र माना जाता है, इसका उल्लेख हिंदू धर्म ग्रंथ ऋग्वेद में किया गया है। महामृत्युंजय के नाम से जाना जाने वाला एक शक्तिशाली और सदियों पुराना संस्कृत मंत्र उपचार सुरक्षा और मृत्यु के भय पर काबू पाने के लिए किया जाता है। शब्द जय का अर्थ विजय या जीत है। मृत्यु का अर्थ मृत्यु है और महा का अर्थ महान है। इस प्रकार महामृत्युंजय को मृत्यु पर विजय पाने का महान मंत्र कहा जाता है। कभी-कभी इसे एक शब्द के रूप में या अंतिम अंक के बिना लिखा जाता है।
ओम त्र्यंबकम यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम उर्वरा रुकमणी बंद नान मृत्यु और मोक्ष यमामृत्व।
इस मंत्र का अर्थ है-
मैं खुद को भगवान शिव को समर्पित करता हूं। जिनकी तीन आंखें हैं, जो मीठी सुगंध वाली धूप के समान आनंद दायक हैं और जो भक्त को सेवा करने के लिए जीवन शक्ति देते हैं। जैसे खीरा अपने तने से स्वाभाविक रूप से मुक्त हो जाता है, वैसे ही मुझ पर दया करो और मुझे अमरता से नहीं बल्कि मृत्यु के बंधन से मुक्त करो।
मंत्र के जाप से फायदे-
महामृत्युंजय मंत्र के जाप से बहुत से फायदे होते हैं। इसके जप से अकाल मृत्यु या किसी भी भय से मुक्ति में मिलती है, जो लोग चिंता की समस्या और पैनिक अटैक का सामना करते हैं। उन्हें शक्तिशाली मंत्र का जाप जरुर करना चाहिए। यह मंत्र इतना शक्तिशाली है कि लोगों को अकाल मृत्यु से बचा देता है। यह मंत्र दुर्घटनाओं से बचाता है जिन लोगों को कालसर्प दोष है, उन्हें महामृत्युंजय मंत्र का जप जरुर करना चाहिए।
यह व्यक्ति के एकाग्रता स्तर को बढ़ाता है। इस मंत्र का जाप करने से लोगों की रोगो से रक्षा होती है। इस मंत्र की मदद से कोई भी सर्वोच्च से जुड़ सकता है। मंत्र के अंतिम पंक्ति का मतलब समझे तो जीवन मृत्यु के चक्कर से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति की बात कहती है।
ये भी पढ़ें- Maha Shivratri 2024: ये पांच चीजें दिलाएंगी भगवान शिव का आशीर्वाद..
मंत्र के जप के कुछ नियम-
वहीं इस मंत्र के जप के कुछ नियम भी हैं, व्यक्ति को सुबह सूर्य उदय से पहले उठना चाहिए। पवित्र स्नान कर साफ कपड़े पहने। भगवान शिव की मूर्ति के आगे दिया जलाएं, भक्तों को इस मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए। लोगों को बैठने और मंत्र जाप के लिए कूश के आसन का इस्तेमाल करना चाहिए। लोगों को महामृत्युंजय मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए।
ये भी पढ़ें- Upay For office Problem: ये चमत्कारी उपाय दूर करेंगे सारी परेशानी..