PM Modi: सोमवार को दिल्ली के भारत मंडपम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छात्रों से परीक्षा पर चर्चा की। पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को एग्जाम की टेंशन से दूर करने का मंत्र दिया है और देशभर में अध्यापकों और अभिभावकों से संवाद भी किया। पीएम मोदी ने बहुत से उदाहरण देकर बच्चों को मोटिवेट किया है। दबाव से निपटने के बारे में किस तरह से तैयार रहना चाहिए, इसके बारे में बताया है। पीएम ने कोरोना काल का भी जिक्र किया और कहा कि कैसे मुश्किल समय का सामना बहादुरी से करना चाहिए। उनका कहना है कि कोरोना कल में देशवासियों से ताली बजाने के लिए कहा था। हालांकि इससे कोरोना को खत्म नहीं होता।
लेकिन एक सामूहिक शक्ति को यह जन्म देता है। खेल के मैदान में पहले हमारे लोग जाते थे। कभी कोई जीत कर आता था तो कभी-कभी कोई जीत कर नहीं आता था। पहले कोई नहीं पूछता था, लेकिन मैंने कहा कि मैं ढोल पीटता हूं। जिसके पास जितना सामर्थ, था उसका सही उपयोग करना चाहिए। इन समस्याओं के समाधान के लिए भी नीचे से ऊपर की तरफ सही जानकारी और गाइडेंस ज़रुरी है।
पीएम का कहना है-
उनका कहना है कि अगर यह सही रहा तो आप चीजों को संभाल सकते हैं। कोरोना इसका बहुत बड़ा उदाहरण है, मैंने छोटी-छोटी सी खिड़की भी खुली नहीं रखी है, कि निराशा वहां से भी आ जाए। पीएम ने बच्चों से कहा कि कितनी भी मुश्किल आ जाए, आपको कभी भी घबराना नहीं चाहिए। उसका सामना कर जीतना चाहिए। पीएम का कहना है कि मुझे भी पता है कि ताली बजाने या फिर दिया जलाने से कोरोना से छुटकारा तो नहीं मिलेगा। उससे कोरोना की बीमारी भी ठीक नहीं होगी।
एकजुट करने के लिए-
लेकिन ऐसा हमने देश के लोगों को कोरोना के खिलाफ जंग में एकजुट करने के लिए किया था। जब पूरे देश के लोगों ने एक ही समय पर ताली बजाई, एक ही समय पर दिए जलाए तो इससे उन्हें एकता का महत्व महसूस हुआ, कि कोरोना के खिलाफ वह अकेले नहीं रहे हैं, पूरा देश एक साथ है, सबको मिलकर उसका सामना करना है, सब मिलकर संघर्ष करेंगे, तो परेशानी से निकाल पाएंगे। मोदी का कहना है कि कोरोनावायरस एक वैश्विक महामारी थी, पूरी दुनिया परेशान थी। चाहता तो मैं भी कह सकता था कि मैं क्या कर सकता हूं। लेकिन मैंने ऐसा नहीं किया, मैंने सोचा कि मैं अकेला तो नहीं हूं, देश में 140 करोड लोग रहते हैं।
मुश्किल घड़ी से बाहर-
सब साथ मिलकर सामना करेंगे तो इस मुश्किल घड़ी से बाहर जरूर निकालेंगे। इसीलिए मैं टीवी पर आता रहता था और लोगों से बात भी करता था। पीएम का कहना है कि मुझे कभी नहीं लगा कि मैं अकेला हूं, मुझे विश्वास है कि सभी देशवासी मेरे साथ हैं। हम हर चुनौती को पार कर लेंगे और यह मेरे अंदर विश्वास है। इसीलिए मैं अपनी शक्ति देश के समर्थको को आगे बढ़ाने में ला रहा हूं। आपकी जानकारी के लिए बता दें की 2020 में कोरोना में देश के एंट्री होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना को विश्व युद्ध से भी भयानक बताया था और देशवासियों को चुनौती से निपटने के लिए एकजुटता का मंत्र भी दिया।
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कोरोनावायरस के खिलाफ जंग-
पीएम ने 22 मार्च 2020 की सुबह 7:00 बजे से रात 9:00 बजे तक जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था। लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में जुटे डॉक्टर, मीडिया कर्मियों को धन्यवाद अर्पित किया था। प्रधानमंत्री ने धन्यवाद देने का एक तरीका भी बताया था। उन्होंने कहा था कि 22 मार्च की शाम ठीक 5:00 बजे घर के दरवाजा खिड़की बालकनी में खड़े होकर 5 मिनट तक ताली बजाएं और ताली बजाकर धन्यवाद दें। पीएम मोदी ने प्रशासन से भी शाम 5:00 बजे सायरन बजाकर लोगों को इसकी याद दिलाने के लिए कहा था। कोरोनावायरस से संक्रमित होने के खतरे के बावजूद यह सभी इसके खिलाफ जारी जंग में सक्रिय हैं।
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