Parrot: तोता इंसानों के पसंदीदा पक्षियों में से एक माना जाता है। यह सदियों से इंसानों के साथ है। अगर आप किसी तोते को पालते हैं और उसे हर रोज अपनी भाषा सीखाने की कोशिश करते हैं तो एक समय बाद वह आपकी कई बातों को दोहराने भी लगता है। यही कारण है कि इंसानों के मन में यह सवाल जरूर आता है कि आखिर ऐसा क्या खास है कि तोता इंसानों की भाषा की नकल कर सकता है। चलिए आज जानते हैं कि आखिर तोता इंसानों की भाषा कैसे बोल लेता है।
विज्ञान ने काफी तरक्की की-
करीब 100 साल पहले जब भी कुछ ऐसा होता था, जिसे इंसान समझ नहीं पाते थे, तो वह उसे चमत्कार मानते थे या फिर उसे भगवान से जोड़कर देखा जाता था। लेकिन विज्ञान ने काफी तरक्की की है, जिसके बाद से इंसान तकनीक और मशीनों की मदद से हर घटना के पीछे की वजह को जान लेता है। यही कारण है कि तोते के बोलने के पीछे के साइंस का भी पता चलता है।
तोते के शरीर-
वैज्ञानिकों के मुताबिक जब तोते के शरीर पर शोध किया गया तो यह पता चला कि उनके गले में एक सेविंग्स नाम का अंग होता है जो कि उसकी श्वास नाली में मौजूद होता है। यही तोते को इंसानी भाषा बोलने में मदद करता है। दरअसल वैज्ञानिक बीते 34 सालों से तोते के दिमाग पर शोध कर रहे हैं।
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तोते के दिमाग के बाहरी रिंग में-
जिसमें पता चला कि तोते के दिमाग के बाहरी रिंग में मौजूद सेल इन्हें कोई भी भाषा सीखने में मदद कर सकते हैं। ऐसे देखा जाए तो यह सेल हर पक्षी के दिमाग के बाहरी हिस्से में मौजूद होते हैं। लेकिन तोते की सेल अन्य पक्षियों के मुकाबले में बड़ी होती है। यानी कि यह किसी और पक्षी के मुकाबले में तेजी से किसी भी भाषा को सिखाते हैं और उसे समझ कर दोहरा पाते हैं।
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