Viral Video: बेंगलुरु की ट्रैफिक पुलिस पर लगे उत्पीड़न और जबरन वसूली के आरोपों ने सोशल मीडिया पर तूफान खड़ा कर दिया है। महिंद्र नामक एक यूजर ने देवनाहल्ली इलाके में हुई कथित घटना का विवरण शेयर करते हुए दावा किया, कि ट्रैफिक चालान काटने के बावजूद एक पुलिस अधिकारी ने उनके साथ अभद्रता की, धमकाया और पैसे की जबरन वसूली की। यह पोस्ट तेजी से वायरल हुई और हजारों लोगों ने इसे शेयर करते हुए, पुलिस की जवाबदेही, बेहतर प्रक्रिया और बॉडी कैमरा के इस्तेमाल की मांग उठाई।
सड़क पर छीनी गई चाबियां-
एन्सिएंट न्यूज़ के मुताबिक, अपनी पोस्ट में महिंद्र ने बताया, कि उन्हें ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए रोका गया और उन्होंने चालान भी मान लिया। लेकिन इसके बाद स्थिति बिगड़ती चली गई। उनके अनुसार, अधिकारी ने सड़क के बीच में उनकी बाइक की चाबियां छीन लीं, अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और खुलेआम अपनी ताकत दिखाते हुए कहा, “मैं ही वो इंसान हूं, जो तुम्हें जाने दे सकता हूं।
A citizen was stopped in #Bengaluru's #Devanahalli and accepted the challan issued to him. Despite this, the officer snatched the bike keys in the middle of the road, used abusive language, and said, “I’m the only one who can let you go. Whatever fine I decide, you will pay.”… pic.twitter.com/y6K9IBwgYL
— Hate Detector 🔍 (@HateDetectors) December 26, 2025
मैं जो भी जुर्माना बोलूंगा, वो तुम्हें देना पड़ेगा।” जब महिंद्र ने प्रक्रिया के बारे में सवाल किया, तो अधिकारी ने उन्हें 5,000 रुपये के अतिरिक्त जुर्माने की धमकी दी और तीन घंटे तक सड़क किनारे खड़ा रखा। महिंद्र ने यह भी आरोप लगाया, कि अधिकारी ने उन्हें अश्लील इशारा किया।
पुलिस स्टेशन में जबरन वसूली का आरोप-
महिंद्र का दावा है, कि आखिर में उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया और वहां 3,000 रुपये देने के लिए मजबूर किया गया, तब जाकर उन्हें जाने दिया गया। अपनी पोस्ट में महिंद्र ने पेशेवर और नैतिक आचरण की कमी पर सवाल उठाते हुए पूछा, कि क्या अथॉरिटी से सवाल करना एक अपराध बन गया है, जो कानून से ज्यादा अहंकार की चलती है।
यूजर्स ने शेयर किए अपने अनुभव-
इस पोस्ट ने कई लोगों के दिल की बात कह दी और जल्द ही तीखी प्रतिक्रियाएं मिलीं। कई यूजर्स ने अलग-अलग राज्यों में ट्रैफिक पुलिस के साथ अपने अनुभव शेयर किए। स्टॉक मार्केट एनालिस्ट प्रवीण खेतान ने बिहार में हुई एक घटना याद करते हुए बताया, कि वहां संबंधित ट्रैफिक पुलिसवाले को अगले ही दिन सस्पेंड कर दिया गया था।
उन्होंने सवाल किया, कि क्या बेंगलुरु भी इतनी तेजी से एक्शन लेगा। दूसरे यूजर जॉन दावा किया, कि गाड़ी की चाबियां छीनना, गाली-गलौज करना और यहां तक कि फिजिकल धमकी देना कई इलाकों में आम बात हो गई है, वो भी महिलाओं और बच्चों की मौजूदगी में। अन्य यूजर ने कहा, कि उन्होंने भी हाल ही में ऐसी ही स्थिति का सामना किया और भगवान के न्याय की उम्मीद में पैसे देकर आगे बढ़ गए।
जवाबदेही और बॉडी कैमरा की मांग-
कई यूजर्स ने इस बात पर जोर दिया, कि भारतीय कानून पुलिस की वसूली को स्पष्ट रूप से अपराध मानता है, जिसमें इंडियन पीनल कोड (IPC)/भारतीय न्याय संहिता (BNS) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के प्रावधान शामिल हैं। एक यूजर ने सवाल किया, कि भारत की टेक कैपिटल में पुलिस अधिकारी अभी भी बिना बॉडी कैमरा के क्यों काम कर रहे हैं।
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सुधार और जांच की बढ़ती मांग-
कई यूजर्स ने निष्पक्ष जांच, गलती करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, ट्रैफिक स्टॉप के दौरान स्पष्ट प्रक्रिया और नागरिकों तथा ईमानदार पुलिसकर्मियों दोनों की सुरक्षा के लिए बॉडी कैमरा जैसी टेक्नोलॉजी के व्यापक इस्तेमाल की मांग की। अभी तक बेंगलुरु ट्रैफिक पुलिस की ओर से इस वायरल पोस्ट पर कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है।
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