Cholesterol Control: अगर आप स्टैटिन दवाएं लेने के बावजूद भी हाई बैड कोलेस्ट्रॉल यानी लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन की समस्या से परेशान हैं, तो आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मेडिकल साइंस की दुनिया में एक नई उम्मीद की किरण नजर आ रही है। मर्क कंपनी द्वारा विकसित एक प्रयोगात्मक दवा Enlicitide ने हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन साइंटिफिक सेशंस 2025 में अपने शानदार परिणाम पेश किए हैं, जिसने दुनिया भर के कार्डियोलॉजिस्ट को उत्साहित कर दिया है।
इस नई दवा ने क्लीनिकल ट्रायल में एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को लगभग 55.8 प्रतिशत तक कम करने में सफलता हासिल की है। यह बात इसलिए और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब तक बाजार में उपलब्ध PCSK9 इनहिबिटर्स को इंजेक्शन के जरिए लेना पड़ता था, लेकिन Enlicitide दुनिया का पहला ऐसा ओरल PCSK9 इनहिबिटर है, जिसे रोजाना एक गोली के रूप में लिया जा सकता है। मरीजों के लिए यह एक बड़ी राहत है, क्योंकि इंजेक्शन की तुलना में गोली लेना कहीं ज्यादा आसान और सुविधाजनक होता है।
क्लीनिकल ट्रायल के चौंकाने वाले नतीजे-
लेट-स्टेज क्लीनिकल ट्रायल में यह पाया गया, कि जो मरीज पहले से ही स्टैटिन दवाएं ले रहे थे, उनके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में औसतन 55 से 60 प्रतिशत तक की कमी आई। यह आंकड़े वर्तमान में उपलब्ध बेस्ट इंजेक्शन ट्रीटमेंट के बराबर हैं। इस ट्रायल के मुख्य अन्वेषक डॉ क्रिस्टी बैलेंटाइन ने बताया, कि “यह कोलेस्ट्रॉल मैनेजमेंट में एक वास्तविक ब्रेकथ्रू हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए, जो इंजेक्शन की दवाएं लेने में असमर्थ हैं या लेना नहीं चाहते हैं।”
यह ट्रायल 2023 से 2025 के बीच 14 देशों में किया गया, जिसमें लगभग 3,000 वयस्कों ने हिस्सा लिया। इन प्रतिभागियों की औसत आयु 63 वर्ष थी। शोधकर्ताओं ने पाया, कि जिन प्रतिभागियों ने स्टैंडर्ड स्टैटिन के साथ Enlicitide ली, उनके एलडीएल कोलेस्ट्रॉल में 24 सप्ताह के रोजाना उपचार के बाद 60 प्रतिशत तक की कमी देखी गई। यह आंकड़ा उन लोगों की तुलना में था जिन्हें स्टैटिन के साथ प्लेसीबो दिया गया था। सभी प्रतिभागियों में एलडीएल का स्तर ऊंचा था और वे या तो कार्डियोवैस्कुलर इवेंट के हाई रिस्क में थे या पहले इसका सामना कर चुके थे।
क्या Enlicitide स्टैटिन को रिप्लेस कर सकती है?
यह समझना जरूरी है, कि स्टैटिन और Enlicitide दोनों अलग-अलग तरीके से काम करती हैं। स्टैटिन आमतौर पर लिवर में HMG-CoA रिडक्टेस एंजाइम को रोककर एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करती हैं, जिससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन कम हो जाता है। साथ ही, यह लिवर को अपनी सतह पर एलडीएल रिसेप्टर्स की संख्या बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है, जो ब्लडस्ट्रीम से ज्यादा एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को बाहर निकालते हैं। स्टैटिन आपके ट्राइग्लिसराइड्स को भी कम करती हैं और लिवर को ज्यादा कोलेस्ट्रॉल से छुटकारा पाने में मदद करती हैं, साथ ही आपके एचडीएल यानी गुड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाती हैं।
डॉक्टरों का कहना है, कि PCSK9 इनहिबिटर्स जैसे Enlicitide स्टैटिन को पूरी तरह रिप्लेस नहीं कर सकते, बल्कि उनके साथ मिलकर काम कर सकते हैं। जबकि Enlicitide आपके खून से एलडीएल को क्लियर करने में मदद करती है, स्टैटिन लिवर में एक एंजाइम को ब्लॉक करती है, जो इसे ज्यादा कोलेस्ट्रॉल हटाने के लिए प्रेरित करता है। इस तरह दोनों की ड्यूल एक्शन उन्हें जिद्दी मामलों में प्रभावी बनाती है। यह कॉम्बिनेशन थेरेपी उन मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद हो सकती है, जिनका कोलेस्ट्रॉल केवल स्टैटिन से कंट्रोल नहीं हो पा रहा है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के खतरे को समझना जरूरी-
हाई कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों में प्लाक का निर्माण करता है, जिससे एथेरोस्क्लेरोसिस नामक स्थिति पैदा होती है। यह आपकी रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण या ब्लॉक कर देता है, जिससे हार्ट अटैक, स्ट्रोक और पेरिफेरल आर्टरी डिजीज जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। हाई कोलेस्ट्रॉल हाई ब्लड प्रेशर में भी योगदान देता है और समय के साथ किडनी की बीमारी का कारण बन सकता है।
डॉक्टरों के अनुसार, हाई कोलेस्ट्रॉल में अक्सर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं, इसलिए यह संभव है कि आपको सालों तक इसके बारे में पता ही न चले। कोलेस्ट्रॉल टेस्ट कराना ही आपके लेवल को जानने का एकमात्र तरीका है। हाई कोलेस्ट्रॉल को जल्दी पकड़ना बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपको डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे कदम उठाने की अनुमति देता है, जिससे आप अपने नंबर को कम कर सकते हैं और भविष्य की स्वास्थ्य समस्याओं के रिस्क को घटा सकते हैं।
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एक नई उम्मीद की शुरुआत-
Enlicitide का विकास कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दवा खासतौर पर उन मरीजों के लिए वरदान साबित हो सकती है, जो इंजेक्शन से डरते हैं या जिन्हें नियमित रूप से इंजेक्शन लेने में परेशानी होती है। ओरल मेडिकेशन होने के कारण यह न केवल सुविधाजनक है, बल्कि मरीजों की दवा लेने की नियमितता को भी बेहतर बना सकती है। जब मरीज अपनी दवाएं नियमित रूप से लेते हैं, तो ट्रीटमेंट के परिणाम भी बेहतर होते हैं।
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