Bihar Metro
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    Bihar Metro: सोमवार का दिन बिहार की राजधानी पटना के लिए ऐतिहासिक साबित हुआ। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लंबे इंतजार के बाद पटना मेट्रो के पहले चरण का उद्घाटन किया। यह वह सपना है, जो दशकों से बिहारवासियों की आंखों में रहा है और अब साकार हो गया है। पटना अब देश का 24वां ऐसा शहर बन गया है, जहां मेट्रो रेल सेवा शुरू हो चुकी है। इस ऐतिहासिक अवसर पर उपमुख्यमंत्री समरत चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी मौजूद थे। पटलिपुत्र बस डिपो से शुरू हुई इस ceremonial run ने एक नए युग की शुरुआत की है।

    ब्लू लाइन का पहला सफर-

    पटना मेट्रो की ब्लू लाइन के इस पहले चरण में तीन स्टेशन शामिल हैं – पटलिपुत्र आईएसबीटी, जीरो माइल और भूतनाथ। यह 4.3 किलोमीटर का कॉरिडोर इंटर-स्टेट बस टर्मिनल को भूतनाथ से जोड़ता है। मंगलवार यानी 7 अक्टूबर से आम जनता के लिए मेट्रो सेवाएं शुरू हो जाएंगी। आम लोगों के लिए यह सिर्फ एक परिवहन का साधन नहीं, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जिंदगी में एक बड़ा बदलाव लाने वाली सुविधा है। जो लोग घंटों ट्रैफिक में फंसे रहते थे, अब उन्हें तेज और सुरक्षित यात्रा का विकल्प मिल गया है।

    किफायती किराया और सुविधाजनक समय-

    पटना मेट्रो ने अपना किराया काफी किफायती रखा है। एक स्टेशन से दूसरे स्टेशन की यात्रा के लिए सिर्फ 15 रुपये देने होंगे, जबकि पूरे रूट की यात्रा का किराया 30 रुपये है। यह आम आदमी की जेब के लिए बिल्कुल सही है। मेट्रो सेवाएं सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक चलेंगी। इस दौरान इस स्ट्रेच पर 40 से 42 ट्रिप होंगी। यानी हर 20 मिनट में एक मेट्रो मिल जाएगी। यह फ्रीक्वेंसी उन लोगों के लिए बेहद सुविधाजनक है जो रोजाना ऑफिस या कॉलेज जाते हैं।

    बिहार की संस्कृति का प्रतिबिंब-

    पटना मेट्रो सिर्फ आधुनिकता की मिसाल नहीं है, बल्कि बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाती है। मेट्रो के कोचों को मधुबनी पेंटिंग के खूबसूरत मोटिफ्स से सजाया गया है। जब आप मेट्रो में सवार होंगे तो बिहार की कला और संस्कृति की झलक आपको हर तरफ दिखेगी। हर ट्रेन में तीन कोच हैं और कुल मिलाकर 900 यात्री एक साथ सफर कर सकते हैं। एक कोच में 300 यात्रियों की क्षमता है। पीक ऑवर्स में जब सबसे ज्यादा भीड़ होती है, तब भी यात्री आराम से यात्रा कर सकेंगे।

    ड्रीम प्रोजेक्ट-

    पटना मेट्रो को मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाता है। यह सपना एक दशक से भी पुराना है। 11 जून 2013 को राज्य कैबिनेट ने प्रोजेक्ट की डिटेल्ड रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। उसके बाद जून 2014 में केंद्र सरकार ने भी इसे हरी झंडी दे दी। इस प्रोजेक्ट को पांच चरणों में पूरा करने की योजना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 17 फरवरी 2019 को पहले कॉरिडोर की नींव रखी थी। अगले ही दिन पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (PMRCL) की स्थापना की गई, जो इस पूरे प्रोजेक्ट की देखरेख कर रही है।

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    शहरी विकास में एक बड़ा कदम-

    पटना मेट्रो का शुभारंभ बिहार के शहरी विकास में एक मील का पत्थर है। यह न सिर्फ लोगों के लिए आवागमन को आसान बनाएगी, बल्कि पर्यावरण को भी फायदा होगा। सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम होगी, जिससे प्रदूषण में कमी आएगी। पटना जैसे बड़े शहर के लिए यह बेहद जरूरी था। अब युवा, बुजुर्ग, महिलाएं – सभी आसानी से और सुरक्षित तरीके से अपनी मंजिल तक पहुंच सकेंगे। यह सिर्फ एक ट्रांसपोर्ट सिस्टम नहीं है, बल्कि पटना के भविष्य की नई दिशा है।

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