Golden Temple Bomb Threat: हाल ही में पंजाब की पुलिस ने फरीदाबाद से 24 वर्षीय इंजिनियर जिसका नाम शुभम दुबे है, को हिरासत में लेने की घोषणा की है। इस युवक पर सिखों के सबसे पवित्र स्थान स्वर्ण मंदिर को विस्फोटकों से नष्ट करने की चेतावनी देने का आरोप है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को मिली इन भयावह संदेशों ने सारे सिख समुदाय को डरा दिया था।
हैरान करने वाली बात तो यह है, कि SGPC के प्रमुख अधिकारी कुलवंत सिंह मनन ने शुभम को गिरफ्तारी करने की खबर के आने के कुछ समय बाद ही बताया, कि स्वर्ण मंदिर के विरुद्ध एक नई धमकी का संदेश प्राप्त हुआ है। इससे यह स्पष्ट हो जाता है, कि यह पूरा प्रकरण अभी भी अधूरा है और अधिकारियों को और भी व्यापक खोजबीन करनी पड़ेगी।
कौन है शुभम दुबे और क्या है उसकी कहानी-
अमृतसर के पुलिस कमिश्नर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने प्रेस कांफ्रेस में बताया, कि शुभम दुबे एक BTech की डिग्री रखने वाला व्यक्ति है। उसने पहले दो सॉफ्टवेयर कंपनियों में काम किया है, लेकिन फिलहाल वह बेरोजगार है। यह जानकारी एक चौंकाने वाली बात है, कि एक पढ़ा-लिखा युवक इस तरह के गंभीर अपराध में कैसे शामिल हो सकता है। भुल्लर ने आगे बताया, कि केंद्रीय एजेंसियों और राज्य साइबर क्राइम सेल की मदद से मिली, एक बड़ी जानकारी के आधार पर दुबे को अमृतसर लाया गया है। पुलिस उससे धमकी भरी ईमेल भेजने में उसकी भूमिका के बारे में पूछताछ कर रही है। हालांकि पुलिस ने साफ कहा है, कि यह इस मामले में केवल आंशिक सफलता है।
तकनीकी जांच और सबूत जुटाने की प्रक्रिया-
पुलिस अधिकारियों द्वारा शुभम दुबे से जुड़े सभी इलेक्ट्रॉनिक साधन जब्त कर लिए गए हैं, जिसमें उसके व्यक्तिगत कंप्यूटर और संचार यंत्र भी शामिल हैं। इन सभी उपकरणों की वैज्ञानिक पद़ताल के लिए विशेषज्ञों के पास भेजा गया है ताकि डिजिटल प्रमाण हासिल किए जा सकें। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि वे अभी भी नेटवर्क कंपनियों से अतिरिक्त जानकारी की प्रतीक्षा में हैं और इसके लिए औपचारिक निवेदन भी प्रेषित किए गए हैं।
एक रोचक तथ्य यह भी सामने आया है, कि धमकी के संदेशों में दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रदेश का व्यापक उल्लेख मिलता है। इनमें स्थानीय राजनीतिक दल DMK और अन्ना विश्वविद्यालय की छात्राओं का भी विशेष संदर्भ है। सुरक्षा एजेंसियां इस पहलू से भी मामले की छानबीन कर रही हैं कि कहीं इसके पीछे कोई व्यापक षड्यंत्र तो छुपा नहीं है।
लगातार आ रही धमकियों से बढ़ी चिंता-
14 जुलाई से तीन दिनों के भीतर SGPC को पांच धमकी भरी ईमेल मिली हैं। SGPC के मुख्य सचिव ने कहा है, कि पुलिस को गहराई से इस मामले की जांच करनी चाहिए। बुधवार को स्वर्ण मंदिर परिसर को बम की धमकी मिलने के बाद, सुरक्षा एजेंसियों ने डॉग स्क्वाड को तैनात किया था। पूरे परिसर की सुरक्षा जांच की गई और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए गए।
मुख्यमंत्री और राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रिया-
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गुरुवार को लोगों से अफवाहों से सावधान रहने की अपील की। उन्होंने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम पंजाब की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। हमारी सुरक्षा एजेंसियां और पंजाब पुलिस पूरी तरह सतर्क हैं। मैं पंजाब के लोगों से अपील करता हूं कि अफवाहों से सावधान रहें।”
मान ने आगे कहा, कि सभी धार्मिक स्थल हमारे लिए पवित्र और सम्मानजनक हैं। राष्ट्र विरोधी और असामाजिक तत्वों के साथ सख्ती से निपटा जाएगा। इस बयान से साफ पता चलता है, कि सरकार इस मामले को कितनी गंभीरता से ले रही है। अमृतसर के सांसद गुरजीत सिंह औजला ने सिखों के सबसे पवित्र स्थान का दौरा किया और SGPC के अधिकारियों से मिले। पंजाब विधानसभा में विपक्षी नेता प्रताप सिंह बाजवा ने भी स्वर्ण मंदिर में माथा टेका और धमकियों पर चिंता व्यक्त की।
ये भी पढ़ें- Explained: हर साल MCD पर खर्च होते हैं इतने हज़ार करोड़, फिर भी दिल्ली का ये हाल क्यों?
अकाल तख्त और धार्मिक नेताओं की मांग-
बाजवा ने मांग की है, कि मुख्यमंत्री मान इस मुद्दे पर सभी दलों की बैठक बुलाएं और सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ जरूरी कदम उठाएं। अकाल तख्त के कार्यवाहक जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गरगज ने पंजाब और केंद्रीय जांच एजेंसियों से तुरंत इस काम के पीछे की असली शख्सियत की पहचान करने और उसे बेनकाब करने का आह्वान किया है। ज्ञानी गरगज ने कहा, “आधुनिक तकनीक और सरकारों के पास उपलब्ध सभी जरूरी संसाधनों के बावजूद, असली अपराधी की अभी भी निश्चित रूप से पहचान नहीं हो पाई है।” यह बात सच में चिंता की है, कि इतनी तकनीक के बाद भी मामला पूरी तरह सुलझ नहीं पा रहा।
ये भी पढ़ें- क्या Haryana में बनने वाले हैं दो नए जिले? राज्य सरकार ने 9 साल बाद..