Haryana
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    Haryana: हरियाणा में नए जिले बनाने का मुद्दा फिर से गर्म हो गया है। राज्य सरकार ने इस मामले में बनी कैबिनेट सब कमेटी का कार्यकाल 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला इसलिए अहम है, क्योंकि हरियाणा में पिछली बार 2016 में चरखी दादरी जिला बना था। इसके बाद से राज्य में कोई नया जिला नहीं बना है। अब 9 साल बाद फिर से नए जिले बनाने की संभावना नजर आ रही है।

    कमेटी की अगली बैठक जल्द-

    कैबिनेट सब कमेटी के चेयरमैन और विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने इस महीने फिर से मीटिंग बुलाने का फैसला किया है। हालांकि अभी तक मीटिंग की तारीख तय नहीं हुई है, लेकिन अगले हफ्ते में यह बैठक होने की पूरी संभावना है। इस मीटिंग में नए जिलों के गठन पर अहम फैसले लिए जा सकते हैं।

    कमेटी के पास अब तक जितने नए जिले बनाने की मांग आई है, उनमें से केवल हांसी और गोहाना ही सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करने में सफल रहे हैं। यह दोनों जिले बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं और इनके जल्द ही नए जिले के रूप में घोषित होने की संभावना है।

    जनगणना की वजह से समय की कमी-

    भारत के महारजिस्ट्रार और जनगणना आयुक्त मृत्युंजय कुमार नारायण ने हाल ही में प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में बदलाव के लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। उन्होंने हरियाणा के मुख्य सचिव को एक पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी दी है। इस पत्र में एक अहम बात यह कही गई है, कि अगले साल फरवरी 2026 में जनगणना का काम शुरू होगा। इसके चलते 1 जनवरी 2026 से 31 मार्च 2027 तक प्रशासनिक इकाइयों की सीमाओं में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा। यानी अगर हरियाणा सरकार को नए जिले बनाने हैं, तो उसके पास सिर्फ इस साल का समय बचा है।

    चार मंत्रियों की कमेटी-

    हरियाणा में नए जिले, मंडल, तहसील और उपतहसील बनाने के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी के अध्यक्ष विकास एवं पंचायत मंत्री कृष्ण लाल पंवार हैं। कमेटी में शिक्षा एवं संसदीय कार्य मामले मंत्री महीपाल सिंह ढांडा, कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा और राजस्व एवं निकाय मंत्री विपुल गोयल भी शामिल हैं। यह कमेटी पिछले साल 4 दिसंबर को गठित की गई थी। शुरुआत में इसका कार्यकाल 4 मार्च तक था, जिसे बाद में 30 जून तक बढ़ाया गया। अब सरकार ने इसे फिर से 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। इससे साफ पता चलता है, कि सरकार इस मामले को लेकर कितनी गंभीर है।

    पांच नए जिलों की मांग-

    कैबिनेट सब कमेटी के पास फिलहाल पांच नए जिले बनाने की मांग आई हुई है। इनमें हिसार से अलग करके हांसी, सिरसा से अलग करके डबवाली, करनाल से अलग करके असंध, जींद से अलग करके सफीदों और सोनीपत से अलग करके गोहाना जिला बनाने की मांग शामिल है। इसके अलावा गुरुग्राम से अलग करके मानेसर को भी नया जिला बनाने की मांग चल रही है, लेकिन कैबिनेट सब कमेटी के पास अभी तक इसका कोई लिखित प्रस्ताव नहीं आया है। अगर यह प्रस्ताव भी आ जाए, तो कुल मिलाकर छह नए जिलों की मांग हो जाएगी।

    हांसी और गोहाना की बेहतर स्थिति-

    सूत्रों के मुताबिक, अभी तक जितने भी नए जिले बनाने की मांग आई है, उनमें से केवल हांसी और गोहाना ही सरकार द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा करते हैं। नए जिले बनाने के लिए जनसंख्या, भौगोलिक क्षेत्र, आर्थिक विकास और प्रशासनिक सुविधा जैसे कई मापदंड होते हैं। हांसी वर्तमान में हिसार जिले का हिस्सा है और यहां अच्छी जनसंख्या और व्यावसायिक गतिविधियां हैं। वहीं गोहाना भी सोनीपत जिले का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो कृषि और व्यापार के लिए जाना जाता है। दोनों जगहों में अच्छी कनेक्टिविटी और बुनियादी सुविधाएं मौजूद हैं।

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    नए जिलों के फायदे-

    नए जिले बनने से स्थानीय लोगों को कई फायदे होंगे। सबसे बड़ा फायदा यह होगा, कि लोगों को अपने काम के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा। फिलहाल हांसी के लोगों को जिला कलेक्टर के पास जाने के लिए हिसार जाना पड़ता है। नया जिला बनने से यह दूरी कम हो जाएगी। इससे प्रशासनिक सुविधा बढ़ेगी और विकास कार्यों में भी तेजी आएगी। नए जिले में अलग से कलेक्टर, एसपी और अन्य अधिकारी होंगे। इससे कानून व्यवस्था भी बेहतर होगी और लोगों को न्याय मिलने में आसानी होगी।

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