Fake Wedding Celebration
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    Fake Wedding Celebration: भारत के बड़े शहरों में एक नया और अनोखा ट्रेंड तेज़ी से फैल रहा है। यहाँ लोग अब असली शादी-ब्याह के बिना भी शादी का पूरा मज़ा ले रहे हैं। जी हां, आपने सही सुना! मेट्रो सिटीज़ में ‘फेक वेडिंग सेलिब्रेशन’ का नया फैशन शुरू हो गया है, जहाँ लोग रंग-बिरंगे एथनिक कपड़े पहनकर, ढोल की धुन पर नाचते हैं और स्वादिष्ट भारतीय व्यंजनों का आनंद लेते हैं – बस असली दूल्हा-दुल्हन नहीं होता।

    ये इवेंट्स बिल्कुल असली शादी जैसे होते हैं, जहाँ शादी की सारी रस्में, रीति-रिवाज़ और मस्ती होती है। बस फर्क यह है कि यहाँ कोई जोड़ा शादी नहीं कर रहा होता। यह कॉन्सेप्ट उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो शादी जैसा सेलिब्रेशन चाहते हैं लेकिन बिना किसी असली कपल के।

    Fake Wedding Celebration सोशल मीडिया पर वायरल हुआ यह ट्रेंड-

    एक कंटेंट क्रिएटर ने इंस्टाग्राम पर इस ट्रेंड के बारे में पोस्ट करते हुए लिखा था, “क्या आप इस शादी में अटेंड करेंगे? आपका क्या पॉइंट ऑफ़ व्यू है? यह सिर्फ़ एक फैड है या यह एक बिज़नेस मॉडल बन सकता है?” उनकी पोस्ट में इन इवेंट्स की डिटेल्स शेयर की गई थीं।

    इन फेक वेडिंग्स में पारंपरिक भारतीय शादी की हर चीज़ होती है। बारात स्टाइल एंट्री, कोरियोग्राफ्ड संगीत परफॉर्मेंस, फूलों की बारिश, मॉक वरमाला सेरेमनी और फेक पंडित जी भी होते हैं। गेस्ट्स पूरे एथनिक अटायर में आते हैं, इंस्टाग्राम रील्स के लिए पोज़ करते हैं और रात भर डांस करते हैं – बिल्कुल किसी भी दूसरी भारतीय शादी की तरह।

    Fake Wedding Celebrationटिकट से लेकर कॉलेज कैंपस तक-

    इन इवेंट्स के ज़्यादातर टिकट होते हैं, लेकिन कुछ कॉलेज कैंपस और रूफटॉप बार्स में भी ऑर्गनाइज़ होते हैं। फेक वेडिंग्स का मकसद फाइनेंशियल और इमोशनल बैगेज को हटाना है, लेकिन कल्चरल एनर्जी को बनाए रखना है। यह ट्रेंड खासकर जेन-जेड की पसंद के मुताबिक है, जो कम्युनिटी, इंक्लूसिविटी और क्रिएटिविटी को पसंद करते हैं।

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    लोगों की मिक्स्ड रिएक्शन-

    सोशल मीडिया पर लोगों की इस ट्रेंड को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक यूज़र ने लिखा, “मुझे लगता है कि दूसरे सभी ट्रेंड्स की तरह, यह भी कुछ समय रहेगा फिर गायब हो जाएगा।” दूसरे यूज़र ने सवाल किया, “इसका क्या पॉइंट है?” एक तीसरे यूज़र ने अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, “यह बिल्कुल गलत है… हम खुद अपने रीति-रिवाज़ों का मज़ाक बना रहे हैं।”

    एक और यूज़र ने कहा, “यह पागलपन है… मैं कभी इसमें अटेंड नहीं करूंगा।” कुछ लोग इसे आज के समय की समस्या के रूप में देख रहे हैं। एक कमेंट में लिखा गया, “क्या आज की दुनिया में कुछ भी रियल बचा है?! कभी-कभी लगता है कि हम अपने बच्चों के लिए क्या छोड़कर जा रहे हैं!”

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