China Bat Virus: कोरोना महामारी की दुर्भाग्यपूर्ण यादें अभी भी हमारे जहन में ताजा हैं और अब चीन से आई एक नई खबर ने एक बार फिर से चिंता का माहौल बना दिया है। चीनी रिसर्चर्स ने चमगादड़ों के अंदर कम से कम 20 नए वायरस की खोज की है, जिससे यह डर पैदा हो गया है, कि ये वायरस भविष्य में पशुओं और इंसानों दोनों को प्रभावित कर सकते हैं।
China Bat Virus वैज्ञानिक अनुसंधान की चौंकाने वाली खोज-
वैज्ञानिकों की टीम ने आनुवंशिक अनुक्रमण का इस्तेमाल करके 142 चमगादड़ों के गुर्दे के ऊतक में 22 वायरस की पहचान की है। ये नमूने 2017 से 2021 के बीच चीन के युन्नान प्रांत से एकत्र किए गए थे। इन खोजे गए विषाणु (Virus) में से दो विषाणु आनुवंशिक रूप से हेंड्रा और निपाह हेनिपाविषाणु के समान हैं। न्यूजवीक की रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों विषाणु इंसानों में दिमाग की सूजन और खतरनाक सांस की बीमारी का कारण बन सकते हैं।
इस अध्ययन में न केवल विषाणु बल्कि जीवाणु की प्रजातियों के साथ-साथ एक परजीवी की भी खोज हुई है, जिनके बारे में विज्ञान जगत में पहले से कोई जानकारी नहीं थी। यह खोज इसलिए और भी महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि यह हमारे ज्ञान की सीमाओं को बढ़ाती है और साथ ही नए खतरों की संभावना भी दिखाती है।
China Bat Virus कोरोना के बाद क्यों है यह खोज चिंताजनक-
यह खोज उस समय हुई है, जब दुनिया अभी भी कोरोना महामारी के प्रभावों से उबरने की कोशिश कर रही है। इस महामारी ने दुनियाभर में लाखों लोगों की जान ली थी और इसका पहला मामला 2019 के अंत में चीन के वुहान शहर में पाया गया था। वुहान विषाणु अनुसंधान केंद्र चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोनाविषाणु पर काम करने के लिए प्रसिद्ध है।
पहले भी यह सिद्धांत दिए गए थे, कि महामारी की शुरुआत वुहान प्रयोगशाला से विषाणु के रिसाव से हुई हो सकती है, संभावित रूप से किसी संक्रमित कर्मचारी के माध्यम से। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन यह नई खोज इन चिंताओं को और भी बढ़ा देती है।
फलों के बागानों के पास मिले चमगादड़-
इस ताजा अनुसंधान में टीम ने पाया कि चमगादड़ फलों के बागानों के नजदीक रहते हैं, जो ग्रामीण लेकिन आबादी वाले गांवों के पास स्थित हैं। यह स्थिति और भी खतरनाक है क्योंकि इससे विषाणु के इंसानों तक पहुंचने की संभावना बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि हेनिपाविषाणु में मूत्र संचरण मार्ग का काम कर सकता है, जिससे यह खतरा बढ़ जाता है कि ये चमगादड़ फलों को दूषित कर सकते हैं।
यह स्थिति इसलिए गंभीर है क्योंकि ये दूषित फल इंसानों या जानवरों द्वारा खाए जा सकते हैं। संभावित रूप से यह एक और प्रकोप का रास्ता तैयार कर सकता है। यह सोचकर ही डर लगता है कि कहीं कोरोना जैसी एक और महामारी का सामना न करना पड़े। आम लोगों की चिंता यह है कि अगर ये विषाणु फैलते हैं तो क्या हमें फिर से घरों में बंद रहना पड़ेगा।
नए हेनिपाविषाणु की खोज और उनके खतरे-
अध्ययन में दो पहले से अज्ञात हेनिपाविषाणु की खोज के बारे में बताया गया है, जिन्हें युन्नान बैट हेनिपाविषाणु 1 और 2 नाम दिया गया है। यह चीन में चमगादड़ों में इस विषाणु प्रकार के पहले पूर्ण जीनोम की खोज को दर्शाता है। आणविक विषाणु विशेषज्ञ प्रोफेसर विनोद बालासुब्रमण्यम ने एक बयान में इन विषाणु को "चिंताजनक" बताया है क्योंकि ये चमगादड़ों की किडनी में पाए गए हैं।
प्रोफेसर बालासुब्रमण्यम ने समझाया कि गुर्दा मूत्र निर्माण से जुड़ी जगह है, इसलिए दूषित फलों या पानी के माध्यम से इंसानों के संपर्क में आने की संभावना के बारे में चिंता पैदा होती है। हेनिपाविषाणु पहले भी कई घातक प्रकोप के लिए जिम्मेदार रहे हैं। नई पहचान किए गए युन्नान बैट विषाणु अध्ययन के अनुसार अपने अन्य समकक्षों के साथ 52% से 57% तक आनुवंशिक सामग्री साझा करते हैं।
गांव वालों के लिए बढ़ी परेशानी-
यह खोज खासकर उन गांव वालों के लिए चिंता का विषय है जो फलों के बागानों के पास रहते हैं। उनकी आजीविका इन्हीं फलों पर निर्भर है और अब उन्हें यह डर सताने लगा है कि कहीं ये फल उनके लिए खतरनाक न हो जाएं। स्थानीय किसान अब सोच रहे हैं कि क्या उनके बागानों में आने वाले चमगादड़ों से कोई खतरा है या नहीं। वैज्ञानिकों का कहना है, कि जब चमगादड़ फलों पर मूत्र करते हैं तो वे उन्हें दूषित कर देते हैं। यदि ये फल धोए बिना खाए जाएं तो विषाणु इंसानों में फैल सकता है। यह एक साधारण सी बात लगती है लेकिन इसके परिणाम बहुत गंभीर हो सकते हैं।
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अन्य महत्वपूर्ण खोजें-
इसके अलावा टीम ने एक पहले से अज्ञात एकल कोशिकीय परजीवी की भी खोज की है, जिसका नाम क्लोसिएला युन्नानेंसिस रखा गया है। यह खोज भी वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमारी समझ को और भी गहरा बनाती है कि प्रकृति में कितने अज्ञात सूक्ष्मजीव मौजूद हैं।
यह पूरी स्थिति हमें यह सिखाती है कि हमें प्रकृति के साथ अपने रिश्ते को लेकर और भी सावधान रहना होगा। चमगादड़ों और इंसानों के बीच बढ़ता संपर्क इस तरह के नए विषाणु के फैलने का खतरा बढ़ाता है। सरकार को इस दिशा में जल्दी कदम उठाने होंगे ताकि आने वाले समय में किसी भी तरह की महामारी से बचा जा सके। डॉक्टरों और वैज्ञानिकों का कहना है, कि अभी घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना बहुत जरूरी है। हमें अपनी सफाई और स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और फलों को अच्छी तरह धोकर ही खाना चाहिए।
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