Smart Helmet: आज के समय में जब सड़कों पर दुर्घटनाओं की खबरें रोज सुनाई देती हैं, तब ग्रेटर नोएडा वेस्ट के एक 11 साल के बच्चे ने ऐसा आविष्कार किया है, जो सड़क सुरक्षा की दिशा में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। कबीर शर्मा नाम के इस होनहार बच्चे ने एक स्मार्ट हेलमेट तैयार किया है जो न सिर्फ सिर की सुरक्षा करता है, बल्कि नशे में गाड़ी चलाने से भी रोकता है। यह अनोखा हेलमेट तकनीक और सुरक्षा का अद्भुत मेल है।
Smart Helmet एक छोटे बच्चे का बड़ा सपना-
समाचार वेबसाइट न्यूज़18 के मुताबिक, कक्षा 7 में पढ़ने वाले कबीर शर्मा का कहना है, कि उनके मन में यह विचार पिछले दो सालों से चल रहा था। सड़कों पर बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए वे कुछ ऐसा करना चाहते थे, जो लोगों की जान बचा सके। कबीर कहते हैं कि शुरू में कई तकनीकी समस्याएं आईं और सब कुछ पूरा नहीं हो पा रहा था, लेकिन हाल ही में उन्होंने दृढ़ता से काम शुरू किया और अपना पहला प्रोटोटाइप तैयार कर लिया। यह कहानी सिर्फ एक आविष्कार की नहीं है, बल्कि एक बच्चे की उस सोच की है जो समाज की समस्याओं को देखकर उनका समाधान ढूंढने में लग जाता है। कबीर का यह जुनून और लगन देश के भविष्य के लिए एक उम्मीद की किरण है।
Smart Helmet तीन अनोखी विशेषताएं जो बनाती हैं इसे खास-
कबीर के स्मार्ट हेलमेट में तीन ऐसी विशेषताएं हैं जो इसे आम हेलमेट से बिल्कुल अलग बनाती हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण विशेषता है आंखों की निगरानी करने वाला सेंसर। यह तकनीक इतनी उन्नत है कि यह पता लगा लेती है कि चालक की आंखें कितनी देर बंद हैं। अगर किसी व्यक्ति की आंखें तीन सेकंड से ज्यादा बंद रहती हैं, मतलब उसे झपकी आ रही है या नींद आ रही है, तो यह डिवाइस तुरंत बाइक को बंद कर देती है। यह फीचर उन हजारों दुर्घटनाओं को रोक सकता है जो रोज सड़कों पर ऊंघते हुए ड्राइवरों के कारण होती हैं। लंबी यात्रा करने वाले लोगों के लिए यह विशेषता जीवनरक्षक साबित हो सकती है।
शराब के खिलाफ अनोखा हथियार-
दूसरी विशेषता और भी चौंकाने वाली है। हेलमेट में लगा एक विशेष सेंसर शराब की गंध को पहचान लेता है। जैसे ही यह सेंसर चालक के मुंह से शराब की दुर्गंध को भांप लेता है, बाइक की चाबी ही नहीं घूमती। यानी नशे में कोई भी व्यक्ति बाइक स्टार्ट ही नहीं कर सकता। यह फीचर उन अनगिनत जानों को बचा सकता है जो हर साल नशे में गाड़ी चलाने के कारण खोई जाती हैं। यह न सिर्फ चालक की सुरक्षा करता है बल्कि सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की भी रक्षा करता है।
बिना हेलमेट गाड़ी ही नहीं चलेगी-
तीसरी और सबसे दिलचस्प विशेषता यह है कि जब तक कोई व्यक्ति यह हेलमेट नहीं पहनता, बाइक का लॉक ही नहीं खुलता। इसका मतलब यह है कि बिना हेलमेट पहने कोई भी व्यक्ति बाइक चला ही नहीं सकता। यह फीचर उन लापरवाह लोगों के लिए वरदान है जो हेलमेट पहनना जरूरी नहीं समझते। सड़कों पर रोज हजारों लोग बिना हेलमेट के दिखाई देते हैं, खासकर युवा लड़के-लड़कियां। कबीर का यह आविष्कार इस समस्या का तकनीकी समाधान पेश करता है।
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एक छोटे से कदम की बड़ी संभावनाएं-
कबीर शर्मा का यह आविष्कार सिर्फ एक प्रोटोटाइप है, लेकिन इसकी संभावनाएं असीमित हैं। अगर इसे बड़े पैमाने पर बनाया जाए और सरकारी नीतियों में शामिल किया जाए, तो यह सड़क दुर्घटनाओं में भारी कमी ला सकता है। यह न सिर्फ व्यक्तिगत सुरक्षा का साधन है बल्कि एक सामाजिक जिम्मेदारी भी निभाता है।
कबीर जैसे युवा आविष्कारकों को प्रोत्साहन और सहयोग की जरूरत है। उनके इस काम को आगे बढ़ाने के लिए तकनीकी सहायता, वित्तीय मदद और सरकारी समर्थन की आवश्यकता है। यह आविष्कार दिखाता है कि उम्र सिर्फ एक संख्या है, असली बात है सोच और करने का जुनून।
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