Nehru Viral Letter: भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू एक महान स्वतंत्रता सेनानी, राजनेता, वकील, लेखक और दूरदर्शी व्यक्तित्व थे। आजादी से पहले और बाद के इतिहास में उनका नाम सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। लेकिन इन सब उपलब्धियों के बावजूद, वे भी एक आम इंसान थे जिन्हें रोजमर्रा की समस्याओं का सामना करना पड़ता था।
हाल ही में सोशल मीडिया पर नेहरू जी का एक 113 साल पुराना खत वायरल हो रहा है, जो उनकी सबसे रिलेटेबल समस्या के बारे में है – बालों का झड़ना। यह खत इतना ह्यूमन और सच्चा है कि आज के युवाओं को लग रहा है जैसे कोई अपना दोस्त अपनी परेशानी शेयर कर रहा हो।
Nehru Viral Letter लंदन से लिखा गया था यह खत-
टाइम्स नाउ के मुताबिक, 1911 में जब नेहरू जी महज 21 साल के थे, वे लंदन के 38 ग्लॉसेस्टर टेरेस में रहकर लॉ स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे। उस टाइम उन्होंने अपने पिता को एक लेटर लिखा था जिसमें अपने बालों के झड़ने की प्रॉब्लम के बारे में बताया था। इस खत में नेहरू जी ने बड़ी ऑनेस्टी से लिखा था, “मेरे सिर की कंडीशन में कोई सुधार नहीं हुआ है। मुझे लगता है कि यह थोड़ी और खराब हो गई है। मैं स्पेशलिस्ट के पास दो बार गया हूं और जल्दी ही फिर जाने की उम्मीद कर रहा हूं। मुझे नहीं लगता कि मेरे झड़े हुए बाल वापस आ सकते हैं। हो सकता है मैं जो थोड़े से बाल बचे हैं उन्हें बचा सकूं।”
Letter written by Jawahar Lal Nehru to his father Moti Lal Nehru in1911 about his loss of hair on his head. It was written exactly in the same as young son would write to his father in today’s time. No change after a century.Father and son relation remains same.@IndiaHistorypic pic.twitter.com/zBCQymYhie
— Pravesh Jain (@PRAVESHPARAS) June 6, 2022
Nehru Viral Letter ऑयल से भी-
खत में आगे नेहरू जी ने लिखा, “आपको मेरे लिए कोई ऑयल भेजने की जरूरत नहीं है। मुझे ज्यादा तेल लगाना पसंद नहीं है और मुझे नहीं लगता कि इससे कोई फायदा होता है। अगर बालों की रूट्स ही नहीं बची हैं तो दुनिया की कोई भी चीज बाल नहीं उगा सकती। लोशन्स सिर्फ बालों को क्लीन रखने और फ्यूचर में होने वाली ग्रोथ के लिए तैयार करने का काम कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी मेंशन किया, कि किशन भाई ने उन्हें दो हफ्ते तक अपना स्पेशल ट्रीटमेंट कराया था लेकिन उससे भी कोई फायदा नहीं हुआ। नेहरू जी ने फ्रस्ट्रेशन में लिखा, “मैं अपने बालों से परेशान हो रहा हूं। मैंने इस पर जो टाइम और मनी खर्च की है, वह कहीं बेहतर तरीके से यूटिलाइज हो सकती थी।”
सेलेक्टेड वर्क्स में है यह खत-
यह लेटर ‘सेलेक्टेड वर्क्स ऑफ जवाहरलाल नेहरू’ में पब्लिश किया गया है, जो कुल 85 वॉल्यूम्स का एक कॉम्प्रिहेंसिव कलेक्शन है। जवाहरलाल नेहरू मेमोरियल फंड द्वारा कंपाइल किया गया यह कलेक्शन 1903 से 1924 तक के नेहरू जी के कॉरेस्पॉन्डेंस, स्पीचेज और राइटिंग्स को कवर करता है। इस कलेक्शन में उनके इंग्लैंड के स्कूल और कॉलेज के दिन, इलाहाबाद बार में उनकी वकालत के साल, और भारत की इवेंट्स का उन पर इंपैक्ट शामिल है। यह भी दिखाया गया है कि कैसे किसानों की सफरिंग और महात्मा गांधी के इन्फ्लुएंस ने उन्हें नेशनलिस्ट एक्टिविटीज में शामिल होने के लिए इंस्पायर किया।
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नेहरू जी थे प्रोलिफिक राइटर-
पंडित नेहरू एक बेहतरीन राइटर भी थे। उनके पर्सनल और स्टेट कॉरेस्पॉन्डेंस का एक्सटेंसिव आर्काइव पब्लिक डोमेन में अवेलेबल है। यह लेटर उनकी राइटिंग का एक छोटा सा पार्ट है, लेकिन यह शो करता है कि वे कितने ऑनेस्ट और ट्रांसपेरेंट पर्सन थे। उनका यह खत आज की जेनेरेशन के लिए एक इंस्पायरिंग मैसेज है, कि प्रॉब्लम्स सभी के साथ होती हैं, चाहे वह आम आदमी हो या कोई ग्रेट पर्सनैलिटी। रियल बात यह है, कि इन प्रॉब्लम्स को कैसे हैंडल करते हैं और अपने बिगर गोल्स पर फोकस कैसे रखते हैं।
यह खत हमें बताता है, कि हमारे हीरो भी हमारी तरह इंसान थे, जिन्हें छोटी-छोटी समस्याओं से परेशानी होती थी। लेकिन इन छोटी चीजों के बावजूद भी वे अपने बड़े सपनों और मिशन पर फोकस्ड रहे। आज जब कोई भी व्यक्ति हेयर लॉस की प्रॉब्लम से परेशान होता है, तो वह सोच सकता है, कि यह सिर्फ उसकी समस्या नहीं है – बल्कि देश के पहले प्रधानमंत्री भी इससे परेशान थे।
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