Viral Video: दिल्ली एयरपोर्ट पर एक और यात्री-एयरलाइन टकराव का मामला सामने आया है। मुंबई जाने वाली एयर इंडिया की फ्लाइट में 7 घंटे से अधिक की देरी ने यात्रियों के धैर्य का बांध तोड़ दिया, जिसके चलते एक गुस्साए यात्री ने एयरलाइन कर्मचारी को थप्पड़ मार दिया। यह घटना अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और एयरलाइन सेवाओं की खराब स्थिति पर फिर से सवाल उठ रहे हैं।
रात 11 बजे उड़ान भरने वाली फ्लाइट सुबह 6:30 बजे तक टली रही, जिससे यात्रियों में भारी रोष उत्पन्न हुआ। पूरी रात यात्रियों को अंधेरे में रखा गया और एयरलाइन की ओर से देरी के कारण के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई।
Viral Video जूस बॉक्स से माफी-
कंटेंट क्रिएटर गरिमा राओंता ने अपने इंस्टाग्राम पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा, "बच्चे रो रहे थे, बुजुर्ग यात्री थकावट से चूर थे, और कुछ लोगों को जरूरी काम के लिए मुंबई पहुंचना था। हमें बदले में क्या मिला? एक अधूरी सी माफी और एक जूस बॉक्स। हां, एक जूस बॉक्स। उनके लिए हमारा समय, तनाव और स्वास्थ्य बस इतना ही मूल्य रखता था।"
राओंता के अनुसार, एयरलाइन ने बोर्डिंग प्रक्रिया शुरू की लेकिन बीच में ही रोक दी। आधे यात्रियों के बोर्ड करने के बाद ही एयरलाइन ने आगे की देरी की घोषणा की, जिससे बाकी यात्री भ्रमित रह गए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि आंशिक बोर्डिंग के बाद बोर्डिंग गेट को लॉक कर दिया गया था।
Viral Video मेरे बाप की तबीयत खराब है-
वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कई यात्री एयरलाइन स्टाफ से सवाल करने के लिए आगे बढ़े। एक विशेष रूप से तनावपूर्ण विनिमय में, एक यात्री ने क्रू मेंबर को थप्पड़ मारा और गुहार लगाई, "मेरे बाप की तबीयत खराब है। हमारी प्रॉब्लम समझो ना।"
वीडियो में आगे दिखाया गया है कि एक यात्री एक स्टाफ मेंबर का सामना करता है जो कथित तौर पर हंगामे के दौरान हंस रहा था। यात्री ने कहा, "हंस मत समझा ना।" राओंता ने दावा, किया कि देरी का मुख्य कारण फ्लाइट के लिए पायलट का अभाव था। इस पूरी घटना ने यात्रियों को न केवल शारीरिक रूप से थका दिया, बल्कि मानसिक स्तर पर भी परेशान कर दिया।
Viral Video सोशल मीडिया पर विरोध की आवाज-
सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने एयर इंडिया पर निशाना साधा। एक यूजर ने लिखा, "भारतीयों के पास उड़ान भरने का क्या विकल्प है? एयर इंडिया और इंडिगो… जब एकाधिकार हो तो ग्राहक सेवा की कौन परवाह करता है… दोनों समान रूप से बुरे हैं।"
एक अन्य यूजर ने टिप्पणी की, "मेरा अब तक का सबसे बुरा एयरलाइन अनुभव। मैं एक अंतरराष्ट्रीय उड़ान में 6 घंटे तक विमान के अंदर बिना किसी स्पष्टीकरण के फंसा रहा।" तीसरे यूजर ने प्रतिक्रिया दी, "कम से कम एयर इंडिया ने एक जूस बॉक्स तो दिया। अगर यह इंडिगो के साथ होता, तो वह एक पानी की बोतल भी नहीं देती।"
यात्री अधिकार और एयरलाइन जवाबदेही-
इस घटना ने भारत में हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों के अधिकारों और एयरलाइन की जवाबदेही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। भारतीय हवाई यात्रा परिदृश्य में बढ़ते इस तरह के मामले यात्रियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, एयरलाइंस को अपनी संचार रणनीति में सुधार करने की आवश्यकता है, खासकर जब उड़ानें देरी से चल रही हों। स्पष्ट, समय पर और पारदर्शी संचार यात्रियों के फ्रस्ट्रेशन को कम कर सकता है और ऐसी घटनाओं से बचा जा सकता है। यात्री अधिकार कार्यकर्ता सुरेश शर्मा के अनुसार, "एयरलाइंस को यात्रियों को बेहतर उपचारात्मक उपाय प्रदान करने चाहिए, जैसे कि पर्याप्त भोजन और आवास, विशेष रूप से लंबी देरी के मामले में। एक जूस बॉक्स एक घंटे की देरी के लिए भी पर्याप्त नहीं है, सात घंटे की देरी के लिए तो बिल्कुल भी नहीं।"
कानूनी प्रावधान और यात्री अधिकार-
नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के नियमों के अनुसार, अगर कोई घरेलू उड़ान दो घंटे से अधिक देरी से उड़ान भरती है, तो एयरलाइन को यात्रियों को भोजन और पेय पदार्थ प्रदान करना चाहिए। अगर देरी छह घंटे से अधिक है, तो यात्रियों को वैकल्पिक उड़ान या धनवापसी का विकल्प मिलना चाहिए।
हालांकि, अक्सर ये नियम सिर्फ कागजों पर ही रह जाते हैं और वास्तविक कार्यान्वयन में कमी होती है। यह घटना भारतीय एविएशन सेक्टर में यात्री केंद्रित दृष्टिकोण की कमी को उजागर करती है। इस बीच, एयर इंडिया ने अभी तक इस घटना पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यात्री संगठन इस मामले में जांच और उचित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
सुरक्षित और सम्मानजनक यात्रा का अधिकार-
इस घटना ने भारतीय एविएशन इंडस्ट्री में सुधार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला है। यात्रियों को न केवल सुरक्षित बल्कि सम्मानजनक यात्रा का अधिकार है। एयरलाइंस को अपनी सेवाओं में सुधार करने और यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है।
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यह घटना सिर्फ एक अलग मामला नहीं है, बल्कि एक बड़ी समस्या का हिस्सा है जिसका समाधान सिस्टम लेवल पर होना चाहिए। यात्रियों और एयरलाइंस के बीच विश्वास बहाली के लिए पारदर्शिता, संवाद और सेवा गुणवत्ता में सुधार आवश्यक है। हवाई यात्रा भारत में तेजी से बढ़ रही है, और ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि इंडस्ट्री यात्री अनुभव को प्राथमिकता दे और एक ऐसा वातावरण बनाए जहां हर यात्री सम्मान और देखभाल महसूस करे।
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