Siddharth Nandyala: आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने एक प्रतिभाशाली एनआरआई छात्र सिद्धार्थ नांद्याला से मुलाकात की, जिन्होंने एक अभिनव कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) आधारित एप्लिकेशन 'सर्कैडिया वी' विकसित किया है। यह एप्लिकेशन मात्र सात सेकंड में हृदय रोगों का पता लगा सकता है। अनंतपुर के मूल निवासी और वर्तमान में अमेरिका में रह रहे 14 वर्षीय सिद्धार्थ ने इस ऐप का परीक्षण गुंटूर सरकारी जनरल अस्पताल के मरीजों पर स्मार्टफोन का उपयोग करके किया है।
Siddharth Nandyala मुख्यमंत्री ने सिद्धार्थ को दिया प्रोत्साहन-
सिद्धार्थ की इस अभूतपूर्व उपलब्धि के बारे में जानने के बाद, मुख्यमंत्री नायडू ने उन्हें गहन चर्चा के लिए सचिवालय में आमंत्रित किया और व्यक्तिगत रूप से उनकी उपलब्धि पर बधाई दी। यह मुलाकात लगभग आधे घंटे तक चली, जिसके दौरान चंद्रबाबू नायडू ने सिद्धार्थ की प्रोफाइल का अवलोकन किया और उन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हेल्थकेयर इनोवेशन के क्षेत्र में अपना काम जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया।
This 14-year-old has made detecting heart-related problems easier! I am absolutely delighted to meet Siddharth Nandyala, a young AI enthusiast from Dallas and the world’s youngest AI-certified professional, holding certifications from both Oracle and ARM. Siddharth’s app,… pic.twitter.com/SuZnHuE73h
— N Chandrababu Naidu (@ncbn) March 17, 2025
मुख्यमंत्री ने वैश्विक तेलुगु प्रतिभा के विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण योगदान देने के अपने विजन को दोहराया और सिद्धार्थ को आंध्र प्रदेश सरकार से पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। "मैं सिद्धार्थ की असाधारण प्रतिभा और मानवता के लाभ के लिए तकनीक का उपयोग करने की उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रभावित हूं। इतनी कम उम्र में, वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं," मुख्यमंत्री ने कहा।
Siddharth Nandyala उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी दी बधाई-
उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी सिद्धार्थ को बधाई दी। युवा इनोवेटर अपने पिता महेश और स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव के साथ मुलाकात में शामिल हुए। बातचीत के बाद, चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया पर सिद्धार्थ के काम के लिए अपनी प्रशंसा साझा की। "इस 14 वर्षीय ने हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगाना आसान बना दिया है! मुझे डलास के एक युवा एआई उत्साही और दुनिया के सबसे कम उम्र के एआई-प्रमाणित पेशेवर सिद्धार्थ नांद्याला से मिलकर बेहद खुशी हुई, जो ओरेकल और आर्म दोनों से प्रमाणपत्र रखते हैं। सिद्धार्थ का ऐप, सर्कैडियन एआई, एक मेडिकल ब्रेकथ्रू है जो सेकंडों के भीतर हृदय संबंधी समस्याओं का पता लगा सकता है।"
Siddharth Nandyala सर्कैडिया वी की विशेषताएं-
सर्कैडिया वी एप्लिकेशन का उद्देश्य हृदय रोगों का जल्दी पता लगाना है, जो कार्डियोवैस्कुलर डिजीज के अर्ली डिटेक्शन में क्रांति लाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह स्मार्टफोन-आधारित हृदय ध्वनि रिकॉर्डिंग का उपयोग करता है और 96 प्रतिशत से अधिक की सटीकता दर हासिल की है। इसका परीक्षण पहले ही अमेरिका में 15,000 से अधिक मरीजों और भारत में 700 मरीजों पर किया जा चुका है, जिसमें गुंटूर सरकारी जनरल अस्पताल के मरीज भी शामिल हैं।
मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अपनी प्रशंसा व्यक्त करते हुए कहा, "मैं सिद्धार्थ की असाधारण प्रतिभा और मानवता के लाभ के लिए तकनीक का उपयोग करने की उनकी प्रतिबद्धता से बहुत प्रभावित हूं। इतनी कम उम्र में, वह हम सभी के लिए प्रेरणा हैं। मैं तहे दिल से उन्हें हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी के प्रति अपने जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करता हूं और उन्हें उनके सभी प्रयासों में हमारे पूर्ण समर्थन का आश्वासन देता हूं।"
भविष्य के लिए उम्मीदें-
सिद्धार्थ की इस उपलब्धि से आंध्र प्रदेश के युवाओं के लिए एक नया मार्ग खुला है। इस प्रकार के इनोवेशन से भारत में हेल्थकेयर सेक्टर में बड़े बदलाव आ सकते हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में, जहां मेडिकल फैसिलिटीज की कमी है, ऐसे एप्लिकेशन से लाखों लोगों को फायदा हो सकता है। "हमारे युवा वैज्ञानिकों और इनोवेटर्स के पास असीम संभावनाएं हैं। सिद्धार्थ जैसे युवा प्रतिभाशाली लोगों को प्रोत्साहित करना हमारी जिम्मेदारी है," स्वास्थ्य मंत्री सत्यकुमार यादव ने कहा। उन्होंने आगे कहा, "हमारी सरकार एआई और हेल्थकेयर के क्षेत्र में इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। सिद्धार्थ की उपलब्धि से हमें प्रेरणा मिलती है कि हम अपने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में और अधिक तकनीकी नवाचारों को शामिल करें।"
समुदाय का प्रतिसाद-
सिद्धार्थ की इस उपलब्धि ने स्थानीय समुदाय में भी उत्साह पैदा किया है। अनंतपुर के निवासियों ने एक स्थानीय बच्चे की इस वैश्विक उपलब्धि पर गर्व व्यक्त किया। स्थानीय शिक्षक रामचंद्रन ने कहा, हमें गर्व है कि हमारे क्षेत्र का एक बच्चा इतना कुछ हासिल कर रहा है। यह बताता है कि हमारे युवाओं में कितनी क्षमता है। सिद्धार्थ के पिता महेश ने अपने बेटे की उपलब्धि पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा, "सिद्धार्थ हमेशा से ही टेक्नोलॉजी में रुचि रखता था। उसने अपनी रुचि को अपने समुदाय की सेवा करने के लिए इस्तेमाल किया है। मुख्यमंत्री जी का उसे प्रोत्साहित करना हमारे लिए बहुत बड़ी बात है।"
तकनीकी और सामाजिक प्रभाव-
सर्कैडिया वी एप्लिकेशन का विकास हेल्थकेयर सेक्टर में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल डायग्नोसिस प्रक्रिया को तेज़ करता है, बल्कि इसकी लागत भी कम करता है। इसके साथ ही, यह एप्लिकेशन दूरस्थ क्षेत्रों में भी सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सकता है। मेडिकल एक्सपर्ट्स का मानना है, कि इस प्रकार के एप्लिकेशन से हृदय रोगों से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। डॉ. सुनील गुप्ता, एक प्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट ने कहा, "जल्दी पहचान और जल्दी इलाज से हृदय रोगों से होने वाली मौतों को कम किया जा सकता है। सिद्धार्थ का एप्लिकेशन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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प्रतिभा उम्र की सीमाओं से परे-
सिद्धार्थ नांद्याला की इस असाधारण उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि प्रतिभा उम्र की सीमाओं से परे है। 14 साल की उम्र में एक ऐसा एप्लिकेशन विकसित करना जो हृदय रोगों का पता लगा सकता है, एक बड़ी उपलब्धि है। मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा इस प्रकार के इनोवेशन को प्रोत्साहित करना, भविष्य में और अधिक नवाचारों को प्रोत्साहित करेगा। सिद्धार्थ की कहानी हमें याद दिलाती है कि प्रतिभा और दृढ़ संकल्प के साथ, हम बड़ी चुनौतियों का सामना कर सकते हैं और मानवता के लिए कुछ बेहतर कर सकते हैं। उनका एप्लिकेशन न केवल एक तकनीकी प्रगति है, बल्कि एक सामाजिक नवाचार भी है जो लाखों लोगों के जीवन को बचा सकता है।
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