Dhanteras
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    Dhanteras: हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली जल्दी आने वाली है और दिवाली से ठीक एक दिन पहले धनतेरस का त्यौहार आता है।धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है और धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। नया सामान खरीदने का इसमें बड़ा महत्व है। मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना-चांदी, पीतल के बर्तन खरीदने से अपार सुख समृद्धि आती है। साथ ही धनतेरस का दिन अकाल मृत्यु और शत्रुओं से मुक्ति पाने का भी दिन माना जाता है।

    आसान सा उपाय-

    धनतेरस के दिन एक बेहद आसान सा उपाय करके अकाल मृत्यु का खतरा टल सकता है और शत्रु से भी मुक्ति मिलती है। पूरे साल में केवल धनतेरस का ही दिन होता है, जब मृत्यु के देवता यमराज की पूजा दीपदान करके की जाती है। हालांकि कुछ लोग नरक चतुर्दशी यानी छोटी दीपावली के दिन भी दीपदान करते हैं। कंठ पुराण के मुताबिक कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की शाम को घर के बाहर दीप रखने से अल्प आयु में मृत्यु होने का खतरा दूर होता है।

    यमराज के निमित्त दीपक-

    शत्रु से मुक्ति और अकाल मृत्यु से बचने के लिए धनतेरस यानी कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को घर के बाहर यमराज के निमित्त दीपक रखना चाहिए। इस दिन दीपदान करने से मृत्यु का नाश होता है। इसके लिए गोबर का दिया बनाकर उसमें सरसों का तेल डालें और उसे घर में ही जला लें।

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    अल्प मृत्यु का संकट खत्म-

    फिर उसे घर से बाहर दूर ले जाकर किसी नाली या कूड़े के ढ़ेर के पास दक्षिण दिशा में मुख करके रख दें। इसके बाद जल भी चढ़ाएं। यह काम सूर्यास्त के बाद ही करना चाहिए, बेहतर होगा कि यह काम रात को तब करें जब परिवार के सभी सदस्य घर आ जाए। इससे परिवारजनों का अल्प मृत्यु का संकट खत्म हो जाता है और प्रेम बाधा भी दूर होती है। इसके अलावा धनतेरस पर रात को दीपदान करना शत्रुओं का भी नाश करता है।

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