Navratri 2025 4th Day: शारदीय नवरात्रि का चौथा दिन माता दुर्गा के कुशमांडा रूप की आराधना को समर्पित होता है। मान्यता है, कि इस स्वरूप ने अपनी मुस्कान मात्र से सृष्टि की रचना की थी। मां कुशमांडा को “सृष्टि की आदिशक्ति” कहा जाता है और भक्तों का विश्वास है, कि इस दिन उनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि, ऊर्जा और ज्ञान की वृद्धि होती है।
चौथे दिन का शुभ रंग पीला-
नवरात्रि के चौथे दिन का रंग है पीला। यह रंग प्रसन्नता, सकारात्मकता और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन पीले वस्त्र पहनकर पूजा करना बहुत शुभ माना जाता है। घर की महिलाएं और युवतियां अक्सर इस दिन पीले रंग की साड़ी, सूट या लहंगे पहनती हैं, जबकि पुरुष पीली धोती या कुर्ता धारण करते हैं। माना जाता है, कि यह रंग भक्त और देवी के बीच ऊर्जा का आदान-प्रदान करता है और जीवन में खुशहाली लाता है।
चौथे दिन का विशेष भोग मालपुआ-

कहा जाता है, कि माँ कुशमांडा को मालपुआ बेहद प्रिय है। भक्त इस दिन मालपुए का भोग लगाते हैं और फिर उसे परिवार और पड़ोसियों के साथ प्रसाद के रूप में बांटते हैं। मालपुआ न सिर्फ स्वादिष्ट मिठाई है, बल्कि यह सामूहिक आनंद और मिलन का प्रतीक भी बन जाता है। लोग घर में मालपुआ बनाते हैं या मंदिरों में चढ़ाते हैं, जिससे मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों को बुद्धि और विवेक का आशीर्वाद देती हैं।
पूजा विधि कैसे करें मां कुशमांडा की आराधना-
सुबह स्नान करके पीले वस्त्र धारण करने के बाद भक्त मां कुशमांडा की मूर्ति या चित्र के सामने कलश स्थापना करते हैं। धूप-दीप जलाकर माता को पुष्प, गंध, अक्षत और मालपुए का भोग अर्पित किया जाता है। “ॐ देवी कुशमाण्डायै नमः” मंत्र का जप करते हुए आराधना करना बहुत शुभ माना जाता है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और दिनभर माता के भजनों और कीर्तन से वातावरण को भक्तिमय बनाते हैं।

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आस्था और आधुनिकता का संगम-
नवरात्रि सिर्फ धार्मिक उत्सव नहीं बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक पर्व भी है। चौथे दिन घरों में पीले रंग की सजावट देखने को मिलती है, सोशल मीडिया पर भी लोग अपने पीले आउटफिट की तस्वीरें शेयर कर उत्सव का हिस्सा बनते हैं। भक्ति और आस्था के साथ यह पर्व लोगों को आपस में जोड़ता है और जीवन में उत्साह और उमंग भरता है।
नवरात्रि का चौथा दिन मां कुशमांडा की कृपा पाने का अवसर है। इस दिन पीला रंग पहनकर, मालपुए का भोग लगाकर और श्रद्धा के साथ मां की पूजा करने से न सिर्फ मन को शांति मिलती है। बल्कि घर-परिवार में खुशहाली और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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