Japanese Healthy Habits: क्या आप अपनी पर्सनल ग्रोथ और ओवरऑल वेलबीइंग पर फोकस करना चाहते हैं? जापानी जीवनशैली से ली गई ये सात सुपर हैल्दी आदतें आपकी लाइफस्टाइल को बेहतर बना सकती हैं। आइए जानते हैं इन आदतों के बारे में जो आपके जीवन में खुशियां और स्वास्थ्य ला सकती हैं।
Japanese Healthy Habits प्रकृति के साथ जुड़ें (फॉरेस्ट बाथिंग)-
जापानी लोग प्रकृति के साथ जुड़ाव को बेहद महत्व देते हैं। 'शिनरिन-योकू' यानी फॉरेस्ट बाथिंग उनकी एक ऐसी प्राचीन परंपरा है, जिसमें लोग सिर्फ जंगल में समय बिताते हैं। रिसर्च से पता चला है कि प्रकृति में समय बिताने से स्ट्रेस कम होता है और मूड इम्प्रूव होता है।
"मैं हर वीकेंड पर अपने नजदीकी पार्क में एक घंटा बिताता हूं। मोबाइल फोन को साइड में रखकर बस पेड़ों, पत्तियों और पक्षियों की आवाज़ सुनता हूं। इससे मेरा मन शांत हो जाता है और हफ्ते भर का थकान दूर हो जाता है," बताते हैं रोहित शर्मा, एक आईटी प्रोफेशनल जो पिछले दो साल से इस आदत को फॉलो कर रहे हैं। प्रकृति में समय बिताने से मेंटल क्लैरिटी में भी इजाफा होता है। वनस्पतियों से निकलने वाले फाइटोनसाइड्स नामक केमिकल्स हमारे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करते हैं।
Japanese Healthy Habits माइंडफुल ईटिंग (अपने खाने को चबाएं)-
जापानी लोग खाने के समय पूरी तरह उस पर फोकस करते हैं। हर निवाले को अच्छी तरह चबाना और खाने का आनंद लेना उनकी संस्कृति का हिस्सा है। माइंडफुल ईटिंग न सिर्फ डाइजेशन को बेहतर बनाती है, बल्कि स्वाद का भी पूरा आनंद लेने में मदद करती है। "पहले मैं टीवी देखते हुए या फोन चलाते हुए खाना खाती थी। लेकिन जब से मैंने माइंडफुल ईटिंग शुरू की है, मुझे अपने खाने के प्रति ज्यादा एप्रिशिएशन महसूस होता है और पेट भी जल्दी भर जाता है," कहती हैं नीता गुप्ता, एक न्यूट्रिशनिस्ट। इस आदत से ओवरईटिंग पर भी कंट्रोल होता है क्योंकि आप अपने शरीर के सिग्नल्स को बेहतर समझ पाते हैं।
Japanese Healthy Habits काइज़ेन (निरंतर सुधार)-
'काइज़ेन' जापानी फिलोसफी है जिसका अर्थ है 'निरंतर सुधार'। इस फिलोसफी के अनुसार, बड़े बदलावों के बजाय छोटे-छोटे सुधारों पर फोकस करना चाहिए। जीवन के हर पहलू में थोड़ा-थोड़ा बेहतर होने का प्रयास करना ही काइज़ेन है। "मैंने अपनी लाइफ में काइज़ेन को अप्लाई किया। रोज सिर्फ 10 मिनट पढ़ना शुरू किया, और अब एक साल में 15 किताबें पढ़ चुका हूं। छोटे कदम बड़े बदलाव ला सकते हैं," शेयर करते हैं अमित त्रिवेदी, एक बिजनेसमैन। काइज़ेन आपको परफेक्शनिज्म के प्रेशर से भी मुक्त करता है और प्रोग्रेस के प्रति पॉजिटिव माइंडसेट विकसित करता है।
इकिगाई (अपना उद्देश्य खोजें)-
'इकिगाई' जापानी शब्द है जिसका अर्थ है 'जीने का उद्देश्य'। जापानी लोग मानते हैं कि हर इंसान का जीवन में एक खास उद्देश्य होता है। अपने पैशन, मिशन, वोकेशन और प्रोफेशन के बीच संतुलन बनाकर इकिगाई को खोजा जा सकता है। "50 साल की उम्र में मैंने अपना इकिगाई खोजा - बच्चों को आर्ट सिखाना। अब मैं रिटायरमेंट के बाद भी एक्टिव और फुलफिल्ड महसूस करती हूं," बताती हैं सुनीता राव, एक रिटायर्ड टीचर। अपने इकिगाई को खोजने से जीवन में खुशी और संतोष मिलता है। यह आपको हर सुबह बिस्तर से उठने का एक मजबूत कारण देता है।
किंत्सुगी (अपूर्णताओं को अपनाना)-
'किंत्सुगी' जापानी कला है जिसमें टूटे हुए बर्तनों को सोने से जोड़ा जाता है। यह फिलॉसफी हमें सिखाती है कि अपनी कमियों और अपूर्णताओं को छिपाने के बजाय उन्हें स्वीकार करें और उनमें सुंदरता देखें। "एक एक्सीडेंट के बाद मेरे चेहरे पर निशान रह गया था। मैं इससे बहुत परेशान थी, लेकिन किंत्सुगी फिलॉसफी ने मुझे अपनी इस 'अपूर्णता' को अपनाने में मदद की। अब मैं इसे अपनी स्ट्रेंथ के प्रतीक के रूप में देखती हूं," शेयर करती हैं मीरा सेन, एक मोटिवेशनल स्पीकर। किंत्सुगी हमें सिखाता है कि हमारे जीवन के टूटे हुए हिस्से भी हमारी कहानी का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और उन्हें छिपाने की जरूरत नहीं है।
अरिगातो कहें (आभार व्यक्त करें)-
जापानी संस्कृति में कृतज्ञता को बहुत महत्व दिया जाता है। 'अरिगातो' कहना, यानी धन्यवाद देना, उनके दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा है। छोटी-छोटी चीजों के लिए भी आभार व्यक्त करना मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। "मैंने एक ग्रैटिट्यूड जर्नल शुरू किया जिसमें हर रात सोने से पहले तीन चीजें लिखता हूं जिनके लिए मैं आभारी हूं। इससे मेरी नेगेटिविटी कम हुई है और मैं छोटी-छोटी खुशियों को नोटिस करने लगा हूं," बताते हैं विकास जैन, एक मेंटल हेल्थ एडवोकेट।नियमित रूप से आभार व्यक्त करने से हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं और स्ट्रेस कम होता है।
मात्चा तैयार करने की कला-
जापानी चाय सेरेमनी एक पारंपरिक रिचुअल है जिसमें मात्चा (ग्रीन टी पाउडर) को बड़े ध्यान और धैर्य से तैयार किया जाता है। इस प्रक्रिया में माइंडफुलनेस और पेशेंस का अभ्यास होता है। "मैंने जापानी चाय सेरेमनी को अपनी मॉर्निंग रूटीन में शामिल किया है। चाय बनाने की पूरी प्रक्रिया मेरे लिए मेडिटेशन जैसी है। यह मुझे दिन की शुरुआत शांति और फोकस के साथ करने में मदद करती है," शेयर करती हैं अनु शर्मा, एक योग इंस्ट्रक्टर। इस रिचुअल से न सिर्फ माइंडफुलनेस बढ़ती है बल्कि मात्चा के हेल्थ बेनिफिट्स भी मिलते हैं, जैसे एंटीऑक्सीडेंट्स और एनर्जी बूस्ट।
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अपनी लाइफस्टाइल में शामिल करें-
जापानी जीवनशैली की इन आदतों को अपनाकर आप अपने जीवन में बेहतर संतुलन, शांति और खुशी ला सकते हैं। याद रखें, इन आदतों को एक साथ अपनाने की जरूरत नहीं है। अपनी लाइफस्टाइल के अनुसार धीरे-धीरे एक-एक आदत को शामिल करें और देखें कि कौन सी आदत आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद है। हालांकि ये सुझाव जापानी संस्कृति से प्रेरित हैं, लेकिन हर व्यक्ति के लिए परिणाम अलग-अलग हो सकते हैं। अपनी जीवनशैली के अनुसार इन प्रैक्टिसेस को अडॉप्ट करें और अपने वेलबीइंग को नया आयाम दें।
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