Airplane Phone Rules
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    Airplane Phone Rules: आखिरकार एक पायलट ने वो बात कह दी, जिसका इंतजार यात्रियों को सालों से था। TikTok पर @PerchPoint नाम से मशहूर एक पायलट ने बताया है, कि हवाई जहाज में फोन का एयरोप्लेन मोड ऑन करना सिर्फ एक नियम नहींस बल्कि एक जरूरत है। उन्होंने साफ शब्दों में कसहा कि यह कोई “साजिश का सिद्धांत” नहीं है।

    तो फिर क्या होता है जब फोन हवाई मोड पर नहीं होता?

    संघीय विमानन प्रशासन और विमान कंपनियां हवाई मोड को बहुत गंभीरता से लेती हैं, क्योंकि इसके पीछे संभावित सुरक्षा जोखिम हैं। माना जाता है, कि फोन के संकेत हवाई जहाज के संचार और नेविगेशन सिस्टम में दखलअंदाजी कर सकते हैं, जिससे सुरक्षा खतरे, उड़ान में देरी या रद्दीकरण हो सकते हैं। पायलट ने यह भी बताया, कि हालांकि तुरंत कोई बड़ा नुकसान नहीं होता, फिर भी एक सुरक्षा जोखिम जरूर है। उन्होंने कहा, “इससे हेडसेट के साथ समस्या हो सकती है।”

    असली समस्या हेडसेट में होती है परेशानी-

    पायलट ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया, “अगर आपके पास 70, 80, या 150 लोगों वाला हवाई जहाज है और सिर्फ तीन या चार लोगों के फोन रेडियो टावर से जुड़ाव बनाने की कोशिश करते हैं, आने वाली फोन कॉल के लिए, तो यह रेडियो तरंगें भेजता है। ये रेडियो तरंगें उन हेडसेट के साथ हस्तक्षेप कर सकती हैं, जो पायलट इस्तेमाल करते हैं।” पायलट ने कहा, जब उन्हें सुरक्षित लैंडिंग करने के दौरान ऐसी रुकावट का सामना करना पड़ा था। उन्होंने बताया, कि हेडसेट में एक परेशान करने वाली आवाज आती थी जो “मच्छर की तरह” लगती थी।

    “मच्छर की आवाज” से परेशानी-

    पायलट ने आगे कहा, “नहीं, यह दुनिया का अंत नहीं है, लेकिन यह बहुत परेशान करने वाली है, जब आप निर्देशों को समझने की कोशिश कर रहे हों और यह किसी ततैया या कुछ और की तरह आपके आसपास उड़ने जैसी आवाज हो। तो अगर आप कभी उत्सुक हैं, कि आपको हवाई मोड क्यों लगाना चाहिए, तो यही कारण है।” यह बात सुनकर शायद कई यात्रियों को अहसास हो गया होगा, कि यह नियम सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि पायलटों की वास्तविक जरूरत है। जब आप 30,000 फीट की ऊंचाई पर हों और आपकी जिंदगी पायलट के कौशल पर निर्भर कर रही हो, तो उन्हें स्पष्ट संचार की जरूरत होती है।

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    बैटरी भी होती है जल्दी खत्म-

    हवाई मोड न करने का एक और नुकसान यह है, कि आपके फोन की बैटरी जल्दी खत्म हो जाती है क्योंकि फोन लगातार सेल्युलर संकेतों की तलाश में रहता है। यह सिर्फ सुरक्षा का मामला नहीं बल्कि आपके उपकरण की सेहत का भी सवाल है।जब हवाई जहाज इतनी ऊंचाई पर होता है, तो फोन को जमीनी टावरों से संकेत पकड़ने के लिए अतिरिक्त शक्ति लगानी पड़ती है। इससे न केवल बैटरी जल्दी खत्म होती है बल्कि फोन भी गर्म होता रहता है।

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