20 Space Facts
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    20 Space Facts: हमारा ब्रह्मांड एक बहुत ही ज्यादा मिस्टीरियस जगह है, हम धरती वासी हैं और हमारी अपनी धरती ही हमें बहुत विशाल और मिस्टीरियस लगती है। लेकिन इस ब्रह्मांड में हमारी धरती एक एटम जितनी भी नहीं है। जितना विशाल हमारा यूनिवर्स है इसमें उतने ही ज्यादा सीक्रेट्स छुपे हुए हैं हर कोने में। इस ब्रह्मांड के के बारे में हम 0.00001% सीक्रेट भी ऑन ट्रेवल नहीं कर पाए हैं। सो हेलो फ्रेंड्स स्वागत है आपका हमारे चैनल फैक्ट डब्बा पर और आज हम बात करने वाले हैं स्पेस की कुछ ऐसे सीक्रेट्स के बारे में जो ना तो ना तो कहीं सुना होगा और ना ही आप में से बहुत लोगों को इनका आइडिया होगा, मुझे भी नहीं था और जब हुआ तो मैंने सोचा आपसे भी यह ज्ञान शेयर करना चाहिए, तो चलिए बिना देर किए बिना शुरू करते हैं, हमारी आज की स्पेशल वीडियो।

    फैक्ट नंबर 1-

    हमारा सोलर सिस्टम 4.6 बिलियन साल पुराना है। पहले हमारे सोलर सिस्टम में सिर्फ एस्टेरॉइड्स थे। लेकिन फिर कई गैस एक्सप्लोजंस और कंडेंसेशन के बाद हमारे प्लैनेट्स बनने स्टार्ट हुए। मिट्टी और रॉक से बने मरकरी, वीनस, अर्थ मार्स और गैस से बने जुपिटर, यूरेनस और नेपच्यून। प्लूटो एक रॉकी प्लेनेट है और सबसे अंत में है। हम अभी कन्फ्यूज्ड हैं कि यह हमारे सोलर सिस्टम का पार्ट है या फिर नहीं। अभी के लिए तो प्लूटो को एक प्लेनेट की कैटेगरी में नहीं डाला गया है अभी उसे ड्रॉफ प्लैनेट्स के रूप में देखा जाता है और भी ड्रॉफ प्लेनेट्स हमारे सोलर सिस्टम में एरेस जो प्लूटो से भी थोड़ा बड़ा है और सूर्य मंडल में है होम्या, मेक-मेक और सीरीज।

    फैक्ट नंबर 2-

    वीनस एक बहुत ही ज्यादा वेंडी प्लेनेट है और इन विंड्स की स्पीड वीनस की स्पीड से 50 गुना ज्यादा है।

    फैक्ट नंबर 3-

    प्लूटो छोटा है यह तो हम जानते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्लूटो का डायमीटर US की चौड़ाई से भी कम है, इसके अलावा प्लूटो का सरफेस छोटी सी नन्ही सी दुनिया है।

    फैक्ट नंबर 4-

    नॉर्दर्न और सदन एमॉस्फियर कि चकाचॉन्द कर देने वाली ऑरोरा लाइट्स, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से कड़कती ठंड में आते हैं। यह लाइट्स असल में सोलर विंड्स है जो सन के सरफेस से आती हैं।

    फैक्ट नंबर 5-

    हमारे सोलर सिस्टम में नाइन प्लैनेट्स और एक सन है। सन हमारे सोलर सिस्टम का लीडर है जिसके आस-पास सारे प्लेनेट्स चक्कर लगाते हैं और जैसा कि हम सब जानते हैं किस सन एक बहुत ही विशाल सेलीस्टियल बॉडी है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह सन इतना विशाल है कि हमारे सोलर सिस्टम का 99.86% मैस कमप्राइस करता है और सोलर सिस्टम के प्लैनेट्स एवं एस्टेरॉयड बाकी के 0.14% मैस कॉम्प्राइज करते हैं।

    फैक्ट नंबर 6-

    सैटर्स के मून लेपिटस ने साइंटिस्ट को मोह के जाल में काफी लपेट के रखा है। बिकॉज़ ऑफ़ यूनीक फीचर यह सोलर सिस्टम का इकलौता ऐसा सेटेलाइट मून है जो कि दो कलर का है। रिपीटर का आधा एरिया डार्क कलर का है और आधा लाइट कलर का। कोई नहीं जानता इसका राज इसका रिजन क्या है, लेकिन इसके पर खोज जारी है।

    नंबर फैक्ट नंबर 7-

    जो लोग एलियंस पर बिलीव नहीं करते उन्हें मैं बता दूं कि हमारी गैलेक्सी में हंड्रेड बिलियन सोलर सिस्टम हैं और हमारी गैलेक्सी इस यूनिवर्स की अकेली गैलेक्सी नहीं है। बल्कि कई 100 बिलियन ऐसी और भी गैलक्सी है, हमारे यूनिवर्स में है जो हमें अपनी आंखों से दिखाई नहीं देती है। क्या इनमें से एक पर भी जिंदगी नहीं होगी ऐसा हो सकता है? आपको क्या लगता है कमेंट में बताएं।

    फैक्ट नंबर 8-

    सिर्फ प्लैनेट्स के ही मून हो ऐसा जरूरी नहीं है। 1993 में गैलीलियो प्रोब एक मिनिएचर एस्टेरॉइड के बगल से गुजरा था। इस एस्टेरॉइड का डाएमीटर सिर्फ 32 मीटर था, लेकिन तब भी इस एस्टेरॉइड का एक 1.6 डायमीटर का छोटा सा मून था, जो इसके चक्कर लगा रहा था।

    फैक्ट नंबर 9-

    हमारे महासागर इतने बड़े हैं कि इनमें हमारी दुनिया के सारे लोग संभालेंगे और तब भी जगह बच जाएगी। लेकिन जुपिटर पर एक ऐसा महासागर है, जिसमें हमारी पूरी धरती समा जाएगी और तब भी जगह बच जाएगी। यह महासागर पानी, गैस और मैटेलिक हाइड्रोजन से बना हुआ है और इस महासागर की डेप्थ यानी की गहराई हमारी धरती के सरकमसेंटर से भी ज्यादा है।

    पैक नंबर 10-

    हमारी धरती पर कई वोल्कानोस है जमीन पर भी और पानी के अंदर भी, लेकिन हमारे सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा वॉल्कानो धरती पर नहीं बल्कि मार्स पर है। ओलंपस नाम के इस वोल्कानो का बेस USA के ऑरिज़ॉनर स्टेट जितना चौड़ा है और इसकी हाइट माउंट एवरेस्ट से भी तीन गुना ज्यादा है।

    फैक्ट नंबर 11-

    अगर स्पेस में दो सेम मेटल से बनी चीज एक दूसरे के कांटेक्ट में आ जाती हैं तो वह अलग नहीं हो पाती और परमानेंटली जुड़ जाएगी। इस फिनोमिना को कोल्ड वेल्डिंग कहते हैं और यह इसलिए होता है, क्योंकि दोनों चीजों के एटम्स को यह नहीं पता होता कि वह अलग-अलग चीज़ हैं। कोल्ड वेल्डिंग धरती पर नहीं होता, क्योंकि दोनों चीजों के एटम्स जानते हैं कि वह अलग है। क्योंकि उन चीजों के बीच हवा और डस्ट के पार्टिकल्स होते हैं जो उन्हें सेपरेट करते हैं और अंतरिक्ष में ऐसा कुछ नहीं है।

    फैक्ट नंबर 12-

    हमारी धरती से कई लाइट वर्ष दूर हमारी गैलेक्सी में एक और प्लेनेट है, जो की पूरी तरह से डायमंड से बना हुआ है। 55 कॉन्क्री जिसे सुपर अर्थ के नाम से भी जाना जाता है। हमारी धरती से 2 गुना ज्यादा बड़ा है और पूरी तरह ग्रेनाइट और डायमंड से बना हुआ है।

    फैक्ट नंबर 13-

    वीनस पर 1 दिन 243 साल के बराबर होता है, जबकि 1 साल 225 दिनों के बराबर होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वीनस जितनी तेजी से अपनी एक्सेस पर रोटेट करता है उससे कई जूना ज्यादा तेज सूरज का चक्कर लगाता है।

    फैक्ट नंबर 14-

    हमारी गैलेक्सी में एक ऐसा प्लेनेट भी है जहां पर 24 घंटे शीशे की बारिश होती है और वह भी 1,34,300 मिली माइल्स पर आर की स्पीड पर।

    फैक्ट नंबर 15-

    प्लूटो एक बहुत ही छोटा प्लेनेट है, लेकिन इसका ऑर्बिट बहुत ही ज्यादा बड़ा है। इस प्लूटो का ऑर्बिट धरती के ऑर्बिट से भी दो गुना ज्यादा बड़ा है और इसके ऑर्बिट में 20 लेयर्स हैं। साथ ही सारी की सारी सुपर और कंडेंस्ड।

    फैक्ट नंबर 17-

    सन हमारे मून से 400 गुना ज्यादा बड़ा है, लेकिन हमारा मून सन के मुकाबले हमारी धरती से 400 गुना ज्यादा पास है और इसी कुदरत के ज्योमैट्रिकल करिश्मे की वजह से सूर्य ग्रहण पॉसिबल हो पाता है। लेकिन दुख की बात तो यह है कि मून के ऑर्बिट के कंटीन्यूअस चेंज होने की वजह से 50 मिलियन सालों बाद सूर्य ग्रहण पॉसिबल नहीं हो पाएगा।

    फैक्ट नंबर 18-

    हमारी धरती या तो एक समय पर मार्स का हिस्सा थी या मार्स के लोग यहां आए थे और ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं, क्योंकि सहारा डेज़र्ट और अंटार्कटिका में पाए गए कई सेंड और रॉक सैंपल्स मार्टियन ओरिजिन के हैं। कोई नहीं जानता कि यह कहां से आए, लेकिन इससे यह तो पता चल गया कि मार्स और अर्थ के बीच कुछ तो कनेक्शन जरूर था।

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    फैक्ट नंबर 19-

    न्यूट्रॉन स्टार्स बहुत ही छोटे कंप्रेस्ड स्टार होते हैं। लेकिन यह तारे होते बहुत ही वैलेंटाइन है और अपनी एक्सेस के अराउंड यह तेजी से स्पिन करते हैं। इनफैक्ट तेजी से कई न्यूट्रॉन स्टार्स एक सेकंड में अपनी एक्सेस के अराउंड 6000 राउंड चक्कर लगा लेते हैं।

    फैक्ट नंबर 20-

    सैटर्न ही एक अकेला ऐसा प्लेनेट है, जिसके आसपास रिंग्स है। जुपिटर नेप्चून और यूरेनस के आसपास भी रिंग है। लेकिन उनके लेयर्स ज्यादा पतले हैं, इसलिए दिखाई नहीं देते। लेकिन सैटर्न के रिंग्स बहुत ही ब्राइट स्ट्रांग और मोटे हैं। इतने ज्यादा की सैटर्न के कुछ रिंग अपने अंदर मून को अब्जॉर्ब किए हुए हैं। जिस कारण उसकी शेप एक अखरोट जैसी हो गई।

    अगर आपको लगता है कि हमने नहीं कोई फैक्ट है, जो नहीं बताए है और अगर आप स्पेस से जुड़े फैक्ट जानते हैं तो आप कमेंट सेक्शन में हमारे साथ शेयर कर सकते हैं।

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