Chandryan-3: भारत का चंद्रयान 3 स्पेसक्राफ्ट चांद के अपने मिशन पर निकल चुका है। अभी तक चंद्रयान अपनी स्पीड को बढ़ाने के लिए पृथ्वी का ही चक्कर लगा रहा था। लेकिन अब वह चांद के अपने रास्ते पर सीधे निकल पड़ा है। इससे जुड़ी घटनाओं पर नजर रखने वाले लोग चंद्रयान को ट्रैक कर रहे हैं। अंतरिक्ष यान अगस्त 1 को ट्रांसलूनर इंजेक्शन से गुजरने के लिए पूरी तरह से तैयार हो गया है। लैंडर और ग्रोवर के 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरने की उम्मीद जताई जा रही है। वहीं रिपल्शन मॉड्यूल कम्युनिकेशन रिले के लिए चंद्रमा की कक्षा में रहेगा और पृथ्वी पर वापस डाटा भेजेगा।
स्कॉट टिली एक शौकिया खगोल शास्त्री-
Chandrayaan3, 20 जुलाई को अपना चौथा ऑर्बेट मैन्यूवर पूरा कर कर चुका है। इसके बाद जर्मनी स्थित अमेचर रेडियो सैटेलाइट संगठन AMSAT-DL ने जेट प्रोपल्शन लैबोरेट्री होराइजंस डाटा का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष यान को ट्रैक किया। स्कॉट टिली जो खुद को एक शौकिया खगोल शास्त्री बताते हैं, उनका कहना है कि वह चंद्रयान को ट्रैक कर रहे हैं। 2018 में वह स्टारलिंग के Zuma सैटेलाइट को डॉपलर शिफ्ट डाटा का इस्तेमाल करके ट्रैक कर रहे थे। इसके बाद में उन्होंने एक अन्य चीज को भी देखा।
#Chandrayaan3 trajectory update 2023-07-20.
The spacecraft made a low pass just after the burn. Based on Doppler data I make the orbit 228x71364km. 🧵⬇️ pic.twitter.com/ZotmsK6mae
— Scott Tilley 🇺🇦 (@coastal8049) July 20, 2023
नासा का एक पुराना स्पेस मिशन-
जिसमें उन्होंने आगे देखा कि नासा का एक पुराना स्पेस मिशन इमेज है, 2005 में इसका लॉन्चिंग स्टेशन से संपर्क टूटा था। इसके बाद उन्होंने नासा के वैज्ञानिकों को एक मेल भेजा, जिसके बाद उन्हें नागरिक वैज्ञानिक की उपाधि मिली। डॉपलर इफेक्ट एक सेटेलाइट के आगे पीछे होने पर उनकी फ्रीक्वेंसी में बदलाव को दिखाता है। इससे उनकी दूरी की गणना की जाती है, वह chandrayaan-3 की लेटेस्ट स्थिति का आकलन करने के लिए 2 प्लस फ्रीक्वेंसी के डाटा का इस्तेमाल करते हैं और फिर एक ग्राफ का इसका एक कर्व बनाया है।
We're thrilled to see #Chandrayan3 (@isro) observed by @astro_agn at ROTUZ (Panoptes-4) telescope (J. Gil Institute of Astronomy University of Zielona Góra), operated by @sybilla_tech . Trajectory via @coastal8049 with STRF by @cgbassa and members of the @SatNOGS . Godspeed! pic.twitter.com/8ifW94lOJQ
— Sybilla Technologies (@sybilla_tech) July 25, 2023
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यूरोपीय स्पेस एजेंसी-
इंद्रप्रस्थ इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ने चंद्रयान की कक्षा स्थिति पर आसानी से निगरानी रखने के लिए chandrayaan-3 के TLE डाटा को भी शामिल किया है। हालांकि पोर्टल पर यह डाटा मैनुअल तरीके से दर्ज किया गया जा रहा है। पोलैंड की ROTUZ दूरबीन ने भी इसे देखा था। इसके अलावा ISRO ने चंद्रयान पर पूरी तरह से नजर रखने के लिए यूरोपीय स्पेस एजेंसी और नासा के ग्राउंड डेटा को भी इस्तेमाल किया गया है।
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— Sanat Biswas (@Sanatb88) July 21, 2023