Supreme Court
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    Supreme Court: वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (VVPAT) रिकॉर्ड के खिलाफ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन के 100% सत्यापन की मांग वाली याचिका पर गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए भारत के चुनाव आयोग से EVM और VVPAT की कार्य प्रणाली के बारे में बताने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनावी प्रक्रिया में स्पष्टता और सच्चाई होनी चाहिए। यह चुनावी प्रक्रिया है और इसलिए इसे सही होना चाहिए। संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ का कहना है कि किसी को भी आशंका नहीं होनी चाहिए। याचिकाकर्ताओं में से एक वकील का कहना है कि एक वोटर को वोट देने के बाद VVPAT से पर्ची लेने और उसे Vote Box में जमा करने की अनुमति दी जानी चाहिए।

    वोटर की प्राइवेसी-

    इसके बादजस्टिस खन्ना ने सवाल करते हुए कहा कि क्या ऐसी प्रक्रिया वोटर की प्राइवेसी को प्रभावित करेगी, जिस पर वकील ने जवाब देते हुए कहा कि वोटर की सिक्योरिटी का इस्तेमाल मतदाता के अधिकारों को हराने के लिए नहीं किया जा सकता। EVM और VVPAT की कार्यप्रणाली समझने की सुप्रीम कोर्ट की मांग पर चुनाव आयोग ने कहा कि मशीनों को स्ट्रांग रूम में रखने से पहले सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में 100 फ़ीसदी मशीन की चेकिंग की जाती है।

    EVM में गड़बड़ी-

    याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश किए गए वकील संजय का कहना है, की वोटिंग प्रक्रिया में ज्यादा भरोसा जोड़ने के लिए एक अलग ऑडिट होना चाहिए। इसका जवाब देते हुए वकील प्रशांत मिश्रा ने कहा कि केरल में चुनाव पर एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जहां पर EVM में गड़बड़ी के चलते गलती से बीजेपी को ज्यादा वोट मिले थे। शीर्ष अदालत इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों पर डाले गए वोटो का वीवीपीएटी पेपर से मिलान करके क्रॉस चेकिंग की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी। यह सुनवाई 2024 के लोकसभा चुनाव के पहले चरण से एक दिन पहले आया है, जो कि शुक्रवार को होने वाली है।

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    मतदान प्रणाली का इस्तेमाल-

    वोटर वेरीफिकेशन पेपर ऑडिट ट्रेल मत पत्र रहित मतदान प्रणाली का इस्तेमाल करके वोटर को फीडबैक देता है। वीवीपीएटी मशीन का उद्देश्य वोटिंग मशीनों के लिए एक सत्यापन प्रणाली है। जिससे वोटर को यह पुष्टि हो जाती है कि उसने जिसे वोट दिया है वह वोट सही ढंग से गया है या फिर संभावित चुनावी धोखाधड़ी का या खराबी का पता लगाने के लिए इलेक्ट्रॉनिक परिणाम का ऑडिट करने का साधन प्रदान करने के लिए है। मशीन में उम्मीदवारों का नाम और पार्टी व्यक्तिगत उम्मीदवार का प्रतीक होता है। VVPAT सत्यापन की दूसरी पंक्ति है और उस समय विशेष रूप से इस्तेमाल की जाती है, जब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों से छेड़छाड़ के आरोप लगते हैं, मशीनों तक मतदान अधिकारी ही पहुंच सकते हैं।

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