Aliah University Kolkata Protest
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    Aliah University Kolkata Protest: अलिया विश्वविद्यालय के छात्रों ने शुक्रवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ एक बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान छात्रों ने पार्क सर्कस के सात पॉइंट क्रॉसिंग पर कुछ समय के लिए मार्ग जाम कर दिया। छात्रों का कहना था कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और इसे तुरंत वापस लिया जाए।

    विरोध प्रदर्शन का कारण क्या था? (Aliah University Kolkata Protest)

    अलिया विश्वविद्यालय के छात्र वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ अपने विरोध को लेकर सड़कों पर उतरे थे। उनका आरोप था कि सरकार का यह नया कानून मुस्लिम समुदाय के अधिकारों का उल्लंघन करता है। वे कहते हैं कि इस कानून से मुस्लिम समुदाय में भेदभाव बढ़ेगा और खासकर गरीबों और महिलाओं के अधिकारों पर असर पड़ेगा। छात्रों ने आरोप लगाया कि सरकार 'सबका साथ, सबका विकास' की बात तो करती है, लेकिन असल में एक विशेष समुदाय के साथ भेदभाव कर रही है।

    विरोध के दौरान क्या हुआ? (Aliah University Kolkata Protest)

    प्रदर्शनकारी छात्र अपनी कैंपस से बाहर निकल कर पार्क सर्कस के सात पॉइंट क्रॉसिंग तक पहुंचे। इस दौरान पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स को पार करते हुए छात्रों ने जाम लगा दिया और सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। छात्र अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, और उनका एक ही संदेश था—वक्फ अधिनियम को तुरंत वापस लिया जाए।

    बीजेपी का पक्ष क्या है?

    इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस विरोध प्रदर्शन के बीच अपनी स्थिति स्पष्ट की है। पार्टी ने कहा कि 20 अप्रैल से वे मुस्लिम समुदाय के बीच वक्फ अधिनियम के फायदे बताने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाएंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने हाल ही में एक कार्यशाला में कहा कि विपक्षी दल इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय को गुमराह कर रहे हैं। उनका कहना था कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग करना है ताकि इन संपत्तियों का लाभ गरीब मुस्लिमों और महिलाओं तक पहुंचे।

    वक्फ अधिनियम में क्या बदलाव हुआ है?

    वक्फ (संशोधन) अधिनियम के तहत वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन अब अधिक पारदर्शी और सही तरीके से किया जाएगा। इस कानून के अनुसार, इन संपत्तियों को एक छोटे और प्रभावशाली समूह के बजाय पूरी मुस्लिम समुदाय के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। बीजेपी का दावा है कि इस बदलाव से मुस्लिम समुदाय को अपनी संपत्तियों का सही तरीके से इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा, जिससे उनके आर्थिक और सामाजिक विकास में मदद मिलेगी।

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    क्या वाकई यह कानून मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद है?

    हालांकि, बीजेपी इस कानून को मुस्लिम समुदाय के कल्याण में एक बड़ा कदम मानती है, लेकिन विरोधी दल इसे मुस्लिमों के अधिकारों पर हमला मानते हैं। अलिया विश्वविद्यालय के छात्रों के प्रदर्शन से यह साफ है कि इस कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच असंतोष है। उनका मानना है कि सरकार का यह कदम समुदाय के भीतर असमानता को बढ़ावा देगा।

    नतीजा क्या होगा?

    अब देखना यह होगा कि सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर किस तरह का संवाद होता है। क्या वाकई यह कानून मुस्लिम समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा या फिर यह एक और विवाद का कारण बनेगा?

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