Delhi-Jaipur Expressway: आज के युग में समय की कमी हर व्यक्ति की सबसे बड़ी समस्या है। ऐसे में अगर आपको बताया जाए कि अब दिल्ली से जयपुर सिर्फ 3 घंटे में पहुंचा जा सकता है तो यह निश्चित रूप से एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने देश की कनेक्टिविटी को मजबूत बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स शुरू किए हैं। इनमें से एक है दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे, जो न सिर्फ यात्रा के समय को कम करेगा बल्कि पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा।
Delhi-Jaipur Expressway यात्रा का समय हुआ आधा-
दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के दिल्ली-वडोदरा सेक्शन का हिस्सा है। इस नए एक्सप्रेसवे से दिल्ली और जयपुर के बीच की यात्रा का समय घटकर सिर्फ 3 घंटे रह जाएगा। पहले यह सफर 3 घंटे 45 मिनट लगता था। यह कमी भले ही 45 मिनट की लगे लेकिन रोजाना आने-जाने वाले लोगों के लिए यह बहुत मायने रखती है। खासकर उन लोगों के लिए जो दिल्ली में काम करते हैं और जयपुर या आसपास के इलाकों में रहते हैं।
यह एक्सप्रेसवे NH-48 और NH-21 पर ट्रैफिक का बोझ कम करेगा। इससे न सिर्फ यातायात सुचारू रूप से चलेगा बल्कि दैनिक यात्रियों और माल ढुलाई करने वाले लोगों को भी फायदा होगा। इस कॉरिडोर के हिस्से के रूप में 66.916 किमी लंबा चार लेन का ग्रीनफील्ड बांदीकुई स्पर बनाया गया है। इसकी लागत 2016 करोड़ रुपये है और यह सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है।
Delhi-Jaipur Expressway प्रधानमंत्री का विजन साकार-
फरवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किमी लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट सेक्शन का उद्घाटन किया था। इस ऑपरेशनल स्ट्रेच ने पहले से ही दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय लगभग 3.5 घंटे कम कर दिया है और इसका आर्थिक गतिविधियों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है। यह दिखाता है कि सरकार के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स न सिर्फ कागजों पर हैं बल्कि वास्तव में लोगों के जीवन को बेहतर बना रहे हैं।
अर्थव्यवस्था को मिलेगा बड़ा फायदा-
दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे का क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ेगा। सरकार इस एक्सप्रेसवे के किनारे ग्रामीण हाट बनाने की योजना पर भी काम कर रही है। इससे स्थानीय किसान, बुनकर और हस्तशिल्प कारीगर अपने उत्पादों को आसानी से बेच सकेंगे। यह एक ऐसा कदम है जो गांवों को शहरों से जोड़ेगा और ग्रामीण लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाएगा।
इस एक्सप्रेसवे से छोटे किसान और पशुपालक अब कम लागत में अपनी सब्जियां और दूध दिल्ली भेज सकेंगे। पहले रास्ते में देरी के कारण उनके सामान खराब होने का खतरा रहता था। अब यह जोखिम काफी कम हो गया है। ट्रक-टेम्पो ड्राइवरों को भी बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि वे अब पूरा दिन सड़क पर नहीं बिताना पड़ेगा।
पर्यटन उद्योग को मिलेगा बढ़ावा-
दिल्ली-जयपुर सेक्शन से यात्रा और पर्यटन उद्योग को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा। राजस्थान पहले से ही देश और विदेश के पर्यटकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य है। इस एक्सप्रेसवे के विकास से इसका आकर्षण और भी बढ़ेगा। अब सरिस्का टाइगर रिजर्व, केवलादेव, रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान जैसे कई पर्यटन स्थलों की कनेक्टिविटी बेहतर हो जाएगी।
इससे न सिर्फ पर्यटक आसानी से इन जगहों पर पहुंच सकेंगे बल्कि स्थानीय लोगों को भी रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। होटल, रेस्टोरेंट, गाइड और अन्य सेवा प्रदाताओं के लिए यह एक सुनहरा अवसर है।
आम लोगों के लिए जीवन में सुधार-
2023 में राजस्थान के दौसा में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स किसानों, कॉलेज और ऑफिस जाने वाले लोगों, ट्रक-टेम्पो ड्राइवरों और व्यापारियों की मदद करेंगे। उन्होंने कहा था कि इससे कितना समय बचेगा, इसकी कल्पना की जा सकती है।
प्रधानमंत्री ने बताया था कि इस पूरे क्षेत्र के दोस्त जो दिल्ली में काम करते हैं या व्यापार में लगे हैं या किसी अन्य काम के लिए यात्रा करते हैं, वे अब आसानी से शाम को अपने घर पहुंच सकेंगे। यह बात सच में बहुत मायने रखती है क्योंकि काम और घर के बीच संतुलन बनाना आजकल हर व्यक्ति की जरूरत है।
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे का हिस्सा-
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे शहरों के बीच यात्रा में क्रांति लाने के लिए तैयार है। पूरा होने पर जयपुर से दिल्ली की यात्रा, जो पहले 5 से 6 घंटे लगती थी, अब आधे समय में पूरी हो जाएगी। पूरी तरह से पूरा होने पर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1386 किमी के साथ भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा।
ये भी पढ़ें- 6 साल की बेटी ने नहीं की काम में मदद तो ले ली जान, एक मां की खौफनाक हरकत
यह दिल्ली और मुंबई के बीच यात्रा की दूरी को 12 प्रतिशत कम करेगा। वर्तमान में 1424 किमी की दूरी घटकर 1242 किमी हो जाएगी। यात्रा का समय 50 प्रतिशत कम हो जाएगा, 24 घंटे से घटकर सिर्फ 12 घंटे। यह भारत की सड़क परिवहन व्यवस्था में एक नया मील का पत्थर साबित होगा।
दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे सिर्फ एक सड़क नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों के जीवन को बदलने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दिखाता है कि बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर कैसे समाज के हर वर्ग को फायदा पहुंचा सकता है।
ये भी पढ़ें- सरकार के इस फैसले से अब हाईवे पर सफर होगा पहले से सस्ता, जानिए कैसे