Delhi Dehradun Expressway: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने 17 मई को दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की 210 किलोमीटर लंबी पूरी परियोजना का निरीक्षण किया। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारियों के साथ हुई इस बैठक में उन्हें बताया गया कि परियोजना के बचे हुए हिस्से 2-3 महीने में पूरे हो जाएंगे। यह एक्सप्रेसवे चालू होने के बाद दिल्ली से देहरादून की यात्रा का समय 6.5 घंटे से घटकर केवल 2.5 घंटे रह जाएगा।
Delhi Dehradun Expressway 12 हजार करोड़ की विशाल परियोजना-
इस महत्वाकांक्षी परियोजना को लगभग 12 हजार करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली के अक्षरधाम से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर, बागपत और शामली होते हुए देहरादून तक जाएगा। इसे 709B के नाम से भी जाना जाता है। परियोजना में देहरादून में दतकली से अशारोदी तक का 3.4 किलोमीटर का हिस्सा पहले से ही चालू है।
एक्सप्रेसवे की अन्य प्रमुख विशेषताओं में 113 अंडरपास, 5 रेलवे ओवरब्रिज, 76 किलोमीटर की सर्विस रोड, 16 एंट्री और एग्जिट पॉइंट, 29 किलोमीटर की एलिवेटेड रोड और 62 बस शेल्टर शामिल हैं। देहरादून के दतकली में 340 मीटर लंबी तीन लेन की सुरंग भी इसकी खासियत है।
Delhi Dehradun Expressway कानूनी विवाद की वजह से हुई देरी-
एक्सप्रेसवे के खुलने में देरी का मुख्य कारण गाजियाबाद के मंडोला में जमीन के एक टुकड़े को लेकर चल रहा कानूनी विवाद है। यहां एक दो मंजिला मकान एक्सप्रेसवे के महत्वपूर्ण हिस्से में बाधा बन रहा है। अधिकारी सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं, जिसकी सुनवाई अप्रैल 2025 के लिए निर्धारित है। इसके अतिरिक्त मार्च 2025 में सहारनपुर में एक्सप्रेसवे का एक पिलर गिरने से भी थोड़ी परेशानी हुई थी, हालांकि स्थिति को जल्दी काबू में कर लिया गया था।
Delhi Dehradun Expressway कब होगा शुरु?
एनएचएआई दिल्ली क्षेत्र के क्षेत्रीय अधिकारी मोहम्मद सैफी ने पुष्टि की है कि उत्तर प्रदेश की सीमा तक एलिवेटेड रोड का निर्माण पूरा हो गया है। टेस्टिंग भी अंतिम चरण में है और अगले 15 दिनों में फाइनल रिपोर्ट आने की उम्मीद है। रिपोर्ट्स के अनुसार एक्सप्रेसवे जून के अंत या जुलाई की शुरुआत तक खुलने की संभावना है।
दिल्ली से मसूरी केवल 4 घंटे में-
दिल्ली से मसूरी की यात्रा और भी तेज और सुविधाजनक हो सकती है क्योंकि एक नई 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड का निर्माण हो रहा है जो दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को सीधे इस हिल स्टेशन से जोड़ेगी। यह प्रस्तावित एलिवेटेड कॉरिडोर देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदियों के ऊपर से गुजरेगा, जिससे वाहनों की आवाजाही में कोई बाधा नहीं आएगी।
इस परियोजना के लिए देहरादून की 26 इलाकों में जमीन का अधिग्रहण होगा। इसके लिए नदियों के किनारे बने 2600 से ज्यादा मकानों को गिराना पड़ेगा। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 6100 करोड़ रुपये है, जिसमें निर्माण की लागत और विस्थापित लोगों का मुआवजा दोनों शामिल है।
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के अनुसार देहरादून में 26 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड बनाने के लिए 26 इलाकों में भूमि अधिग्रहण किया जाएगा। रिस्पना और बिंदाल नदियों के किनारे बने 2614 मकानों को गिराकर जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा।
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यात्रियों के लिए खुशखबरी-
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा के समय में काफी कमी लाएगा बल्कि पहाड़ों की यात्रा को भी आसान और सुरक्षित बनाएगा। दिल्ली से देहरादून के अलावा मसूरी, ऋषिकेश और हरिद्वार जाने वाले लाखों यात्रियों को इससे काफी फायदा होगा। व्यापारिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी और उत्तराखंड के पर्यटन उद्योग को नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना न केवल यातायात की समस्या का समाधान करेगी बल्कि दोनों राज्यों के बीच आर्थिक संबंधों को भी मजबूत बनाएगी।
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