Bihar Marriage Dispute: बिहार के ससुराम से एक ऐसी प्रेम कहानी सामने आई है, जो फिल्मों से भी ज्यादा ड्रामेबाज लगती है। लेकिन यह हकीकत है और इसने पूरे इलाके में हंगामा मचा दिया। चार बच्चों के पिता और तीन बच्चों की मां ने जब अपनी शादी रजिस्टर कराने की कोशिश की, तो उनके परिवारों ने उन्हें सरेआम चप्पलों-जूतों से पीट दिया। यह घटना पुरानी GT रोड पर हुई, जहां भीड़ जमा हो गई और फिर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
रिश्तों का अजीब मोड़-
कहानी शुरू होती है, शिवसागर पुलिस क्षेत्र के धनवा गाँव निवासी दयाशंकर राम और नई दिल्ली के डालमिया नगर की रहने वाली धर्मशीला देवी से। ये दोनों एक-दूसरे को तब मिले जब उनके बच्चों की शादी तय हुई थी। दयाशंकर के बेटे की सगाई धर्मशीला की बेटी से हुई थी। परिवार वाले बारात की तैयारियों में लगे थे, लेकिन दोनों माता-पिता के बीच फोन पर बातचीत शुरू हो गई। धीरे-धीरे ये बातें दिल की बातों में बदल गईं और दोनों एक-दूसरे के करीब आते चले गए।
किसी को क्या पता था, कि जो रिश्ता बच्चों के लिए बन रहा था, वो मां-बाप के बीच प्यार में बदल जाएगा। यह सिचुएशन इतनी कॉम्प्लिकेटेड हो गई, कि परिवार वाले सोच भी नहीं सकते थे। दयाशंकर के बड़े बेटे की सगाई धर्मशीला के बेटे से भी तय थी। यानी दोनों परिवारों के बीच दोहरा रिश्ता बनने वाला था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
मंदिर में शादी, कोर्ट में पिटाई-
रिपोर्ट्स के मुताबिक, दयाशंकर और धर्मशीला ने पहले मंदिर में शादी कर ली। लेकिन इसे कानूनी मान्यता देने के लिए दोनों ससुराम की कोर्ट पहुंचे। यहीं उनका राज खुल गया। धर्मशीला के पति सुनील राम को जब इस बात की भनक लगी, तो वे दोनों परिवारों के रिश्तेदारों के साथ रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच गए।
कोर्ट के बाहर जो हुआ, वो किसी नाटक से कम नहीं था। पहले तो जोरदार बहस हुई, फिर मामला सड़क पर आ गया। दयाशंकर को बीच सड़क पर चप्पलों से पीटा गया। आसपास के लोग तमाशा देखने के लिए इकट्ठा हो गए। शोर-शराबे और मारपीट के बीच किसी ने पुलिस को फोन किया। पुलिस ने आकर मामले को संभाला और दोनों को किसी तरह वहां से हटाया गया। बाद में परिवार वाले दोनों को पंचायत के जरिए मामला सुलझाने के लिए ले गए।
दर्द और फैसले की कहानी-
दयाशंकर की जिंदगी पहले से ही दुखों से भरी रही है। उन्होंने अपनी दो पत्नियों को खो दिया है और तीन बच्चों के पिता हैं। उनकी बड़ी बेटी की सगाई धर्मशीला के बेटे से हुई थी। दूसरी तरफ धर्मशीला, जो तीन बच्चों की मां हैं, का कहना है, कि उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल नहीं था। उनके मुताबिक, उनके पति सुनील राम अक्सर उनके साथ मारपीट करते थे और गुस्से में उन्हें प्रताड़ित करते थे।
धर्मशीला ने बताया, कि लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना से तंग आकर उन्होंने दयाशंकर के साथ नई जिंदगी शुरू करने का फैसला किया। उन्हें लगा, कि दयाशंकर में उन्हें वो प्यार और सम्मान मिलेगा, जो उनकी पहली शादी में नहीं मिला। लेकिन प्यार का यह फैसला उनके लिए इतना महंगा पड़ेगा, यह उन्होंने नहीं सोचा था।
समाज और प्यार के बीच की लड़ाई-
यह घटना सिर्फ एक प्रेम कहानी नहीं है, बल्कि यह समाज में महिलाओं की स्थिति और रिश्तों की जटिलता को भी दर्शाती है। एक तरफ धर्मशीला जैसी महिलाएं हैं, जो घरेलू हिंसा से तंग आकर अपने लिए खुशी तलाशती हैं, तो दूसरी तरफ समाज के वे नियम और परंपराएं हैं, जो उन्हें इस तरह के फैसले लेने की इजाजत नहीं देतीं।
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यह केस अब पंचायत के हवाले है और परिवार वाले इसे आपसी बातचीत से सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है, कि क्या प्यार के नाम पर लिए गए इस फैसले का अंत खुशहाल होगा या यह सिर्फ एक और टूटे हुए रिश्ते की कहानी बनकर रह जाएगी? फिलहाल, ससुराम की सड़कों पर हुई यह चप्पलों की बारिश लोगों की जुबान पर चढ़ी हुई है और हर कोई इस अनोखी प्रेम कहानी के अगले मोड़ का इंतजार कर रहा है।
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