Anjana om Kashyap: लुधियाना पुलिस ने गुरुवार को आजतक की वरिष्ठ पत्रकार अंजना ओम कश्यप के खिलाफ एक FIR दर्ज की है। आरोप है, कि उन्होंने एक टीवी बहस के दौरान भगवान वाल्मीकि का अपमान किया और समुदाय की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई। इस केस में सिर्फ अंजना ही नहीं, बल्कि इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन और एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी तथा लिविंग मीडिया इंडिया लिमिटेड को भी आरोपी बनाया गया है।
शिकायत का आधार और मांगें-
यह FIR भारतीय वाल्मीकि धर्म समाज भावदास के राष्ट्रीय संयोजक चौधरी यशपाल की शिकायत पर दर्ज की गई है। संगठन के प्रमुख विजय दानव हैं। शिकायत में कहा गया है, कि मंगलवार को प्रसारित एक टीवी शो के दौरान कश्यप ने वाल्मीकि जी के बारे में “अनुचित” भाषा का इस्तेमाल किया, जो चैनल के आधिकारिक सोशल मीडिया पेजों के माध्यम से प्रसारित हुआ।
FIR में दर्ज शिकायत में साफ लिखा है, कि इन बयानों से पूरे बाल्मीकि समुदाय की भावनाओं को गहरी चोट पहुंची है। शिकायतकर्ता ने चेतावनी दी थी, कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला कानून व्यवस्था की समस्या बन सकता है। शिकायत में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला भी दिया गया है, जिसमें कथित तौर पर भगवान वाल्मीकि की पवित्रता और अच्छाई को मान्यता दी गई थी।
कानूनी धाराएं और सजा का प्रावधान-
यह FIR भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 299 के तहत दर्ज की गई है। यह धारा जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण तरीके से किसी समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने, उनके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करने से संबंधित है। यह अपमान बोले गए या लिखे गए शब्दों, संकेतों, दृश्य प्रतिनिधित्व या इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से किया जा सकता है। इस धारा के तहत तीन साल तक की जेल, जुर्माना या दोनों की सजा का प्रावधान है।
इसके साथ ही FIR में SC और ST (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 की धारा 3(1)(V) भी लगाई गई है, जो इन समुदायों के भूमि अधिकारों से संबंधित है। वाल्मीकि जी महान कवि थे, जिन्होंने रामायण लिखी। उन्हें ‘आदि कवि’ यानी पहले कवि के रूप में भी जाना जाता है। उनके अनुयायियों को “बाल्मीकि” कहा जाता है और उन्हें प्रमुख दलित समुदाय में गिना जाता है।
विवादित टीवी शो और अंजना के बयान-
यह विवाद मंगलवार को प्रसारित अंजना कश्यप के ‘ब्लैक एंड व्हाइट’ शो से जुड़ा है। इस शो में हाल ही में हुई उस घटना पर चर्चा हो रही थी, जिसमें एक वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई की ओर जूता फेंका था। YouTube पर अभी भी उपलब्ध इस शो में अंजना ने वाल्मीकि जी का जिक्र करते हुए कहा, कि उनका असली नाम रत्नाकर था और जीवन के शुरुआती दिनों में वे लोगों को लूटकर पैसे कमाते थे। उन्होंने यह भी कहा, कि नारद मुनि से मिलने के बाद उनके दिल में परिवर्तन आया और वे भगवान राम के भक्त बन गए। एंकर ने बताया, कि यह कहानी एक महत्वपूर्ण सबक सिखाती है, कि एहसास और आत्मचिंतन का एक पल भी सबसे बुरे इंसान की जिंदगी बदल सकता है।
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समुदाय की आपत्ति और ऐतिहासिक विवाद-
हालांकि, यशपाल का कहना है, कि वाल्मीकि जी के जीवन से जुड़ी ये कहानियां ऐतिहासिक रूप से सच नहीं हैं। उनका तर्क है, “महापुरुषों के जीवन से जुड़ी कई कहानियां लोककथाओं का हिस्सा बन जाती हैं। इसका कोई सबूत नहीं है, कि ये सच थीं। एंकर को किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में अप्रमाणित कहानी बताने की क्या जरूरत थी जिसे हम अपना भगवान मानते हैं?”
यह पहली बार नहीं है, जब पंजाब में ऐसा मामला सामने आया है। जुलाई 2022 में, जालंधर पुलिस ने शहर के 65 वर्षीय निवासी बहादुर को गिरफ्तार किया था, क्योंकि उसने वाल्मीकि को शुरुआती जीवन में “डाकू” कहा था।
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