India's Got Latent Controversy: पूर्व WWE पहलवान सौरव गुर्जर, जिन्हें रिंग में 'सांगा' के नाम से जाना जाता है, ने हाल ही में विवादों में घिरे पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया को लेकर कड़ी चेतावनी दी है। रणवीर यूट्यूब शो 'इंडियास गॉट लेटेंट' पर की गई अपनी टिप्पणियों के कारण इन दिनों विवादों में हैं। सौरव गुर्जर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर करते हुए कहा है, कि रणवीर को उनकी टिप्पणियों के लिए माफ नहीं किया जाना चाहिए और अधिकारियों से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
India's Got Latent Controversy माफ नहीं किया जा सकता-
गुर्जर ने वीडियो में कहा, "जो कुछ उसने शो पर किया, उसके लिए उसे माफ नहीं किया जा सकता। अगर हम उसके व्यवहार के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते, तो उसके जैसे और लोग भी ऐसी बातें कहेंगे। उसके जैसे लोगों ने सारी हदें पार कर दी हैं। हमें उसके जैसे लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए जो ऐसी बातें कहकर हमारे समाज और धर्म को बिगाड़ रहे हैं, ताकि अगली पीढ़ी को बचाया जा सके। अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब यह नहीं है कि आप कुछ भी कह सकते हैं।"
India's Got Latent Controversy रणवीर अल्लाहबादिया कौन हैं और विवाद क्या है?
रणवीर अल्लाहबादिया, जिन्हें यूट्यूब पर 'बीयरबिसेप्स' चैनल के लिए जाना जाता है, कॉमेडियन समय रैना के अब हटाए गए यूट्यूब शो 'इंडियास गॉट लेटेंट' पर माता-पिता और यौन संबंधों के बारे में अपनी टिप्पणियों को लेकर बड़े विवाद में फंस गए हैं।
रणवीर अल्लाहबादिया और समय रैना के खिलाफ कम से कम दो एफआईआर दर्ज की गई हैं, एक असम में और दूसरी मुंबई में। सोमवार को गुवाहाटी में एक स्थानीय निवासी ने सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऑनलाइन शो में अश्लीलता के कथित प्रचार के लिए मामला दर्ज कराया। असम में दर्ज मामले में अल्लाहबादिया और रैना के अलावा, आशीष चांचलानी, जसप्रीत सिंह और अपूर्व मखीजा के नाम भी शामिल हैं।
India's Got Latent Controversy रणवीर की माफी और समय का प्रतिक्रिया-
इस सप्ताह की शुरुआत में, रणवीर अल्लाहबादिया ने एक सार्वजनिक माफी पोस्ट की, जिसमें उन्होंने मजाक करते समय अपने विवेक की कमी को स्वीकार किया। समय रैना ने भी अपने यूट्यूब चैनल से अपने शो के सभी एपिसोड हटा दिए, जिन्हें लाखों व्यूज मिले थे। अपने सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से, रैना ने कहा कि हाल की घटनाएं उनके लिए संभालने के लिए बहुत अधिक हो गई हैं, साथ ही यह सुनिश्चित किया कि वे जांच एजेंसियों के साथ सहयोग करेंगे।
"जो कुछ हो रहा है वह मेरे लिए संभालने के लिए बहुत ज्यादा हो गया है। मैंने अपने चैनल से सभी 'इंडियास गॉट लेटेंट' वीडियो हटा दिए हैं। मेरा एकमात्र उद्देश्य लोगों को हंसाना और उन्हें अच्छा समय देना था। मैं सभी एजेंसियों के साथ पूरी तरह से सहयोग करूंगा ताकि उनकी पूछताछ निष्पक्ष रूप से समाप्त हो सके। धन्यवाद," समय ने लिखा।
India's Got Latent Controversy सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं-
इस विवाद ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस छेड़ दी है, जहां कुछ लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य कॉन्टेंट क्रिएटर्स की सामाजिक जिम्मेदारी पर जोर दे रहे हैं। एक प्रसिद्ध सोशल मीडिया प्रभावक ने कहा, "हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप किसी का अपमान कर सकते हैं या समाज के मूल्यों को चुनौती दे सकते हैं। हर अधिकार के साथ जिम्मेदारी भी आती है।"
वहीं, एक अन्य यूट्यूबर ने कहा, "यह हमें याद दिलाता है कि सोशल मीडिया पर हमारे शब्दों का कितना प्रभाव होता है। लाखों लोग आपको देखते हैं, इसलिए आपको अपने कंटेंट के प्रति जिम्मेदार होना चाहिए।"
कानूनी पहलू और भविष्य की संभावनाएं-
इस तरह के मामलों में, सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के विभिन्न प्रावधानों के तहत मुकदमे का सामना कर सकते हैं। एक वरिष्ठ वकील ने बताया, "यदि कोई व्यक्ति ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर अश्लील सामग्री प्रसारित करता है या सार्वजनिक शालीनता को ठेस पहुंचाता है, तो उसके खिलाफ आईटी एक्ट की धारा 67 और आईपीसी की धारा 292 के तहत कार्रवाई की जा सकती है।"
इस मामले ने यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉडरेशन और सेल्फ-रेगुलेशन की बहस को भी हवा दी है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि प्लेटफॉर्म्स को अपने कंटेंट के लिए अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की जिम्मेदारी-
इस घटना ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स की सामाजिक जिम्मेदारी पर प्रकाश डाला है। बड़ी संख्या में फॉलोअर्स होने का मतलब है कि उनके शब्दों और कार्यों का युवाओं पर गहरा प्रभाव पड़ता है। एक मनोवैज्ञानिक ने कहा, "युवा अपने पसंदीदा इन्फ्लुएंसर्स को रोल मॉडल के रूप में देखते हैं। जब ये प्रभावशाली व्यक्ति अनुचित व्यवहार करते हैं, तो यह एक गलत संदेश भेजता है। उन्हें हमेशा याद रखना चाहिए कि उनके पास सकारात्मक प्रभाव डालने की शक्ति है।"
कई अभिभावक और शिक्षक भी इस बात पर चिंता व्यक्त कर रहे हैं, कि ऐसे कंटेंट का बच्चों और किशोरों पर क्या प्रभाव पड़ सकता है, जो सोशल मीडिया का बड़ा हिस्सा हैं।
उद्योग के अन्य लोगों की प्रतिक्रिया-
इस विवाद के बाद, कई अन्य प्रसिद्ध कंटेंट क्रिएटर्स ने भी अपनी राय व्यक्त की है। कुछ ने इस मुद्दे पर चुप्पी साधी है, जबकि अन्य ने स्पष्ट रूप से अपनी स्थिति बताई है। एक जाने-माने कॉमेडियन ने कहा, "हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हमारे शब्दों का प्रभाव होता है। हास्य महत्वपूर्ण है, लेकिन किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाने की कीमत पर नहीं।" यह घटना सोशल मीडिया कंटेंट क्रिएटर्स के लिए एक सीख हो सकती है। उन्हें अपने कंटेंट के प्रति अधिक सजग और जिम्मेदार होने की आवश्यकता है।
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सोशल मीडिया एक शक्तिशाली माध्यम है और इसका उपयोग सकारात्मक बदलाव लाने के लिए किया जाना चाहिए। कंटेंट क्रिएटर्स को अपने प्लेटफॉर्म का उपयोग जिम्मेदारी से करना चाहिए और समाज में सकारात्मक मूल्यों को बढ़ावा देना चाहिए। इस बीच, कानूनी प्रक्रिया अपने मार्ग पर आगे बढ़ रही है, और यह देखना बाकी है कि इस मामले का क्या परिणाम होगा।
सोशल मीडिया रेगुलेशन की बहस-
इस विवाद ने एक बार फिर सोशल मीडिया रेगुलेशन की बहस को सामने ला दिया है। क्या सरकार को अधिक कड़े नियम बनाने चाहिए या प्लेटफॉर्म्स को स्वयं नियंत्रण करना चाहिए? एक नीति विशेषज्ञ ने कहा, "हमें एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है, लेकिन इसके साथ ही सामाजिक जिम्मेदारी भी है। प्लेटफॉर्म्स और कंटेंट क्रिएटर्स, दोनों को अपनी भूमिका निभानी होगी।"
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