Indian Diaspora
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    Indian Diaspora: अमेरिका से भारतीय प्रवासियों की डिपोर्टेशन की खबर ने सोशल मीडिया पर एक तूफान मचा दिया। कई वायरल फोटो में भारतीय नागरिकों को हथकड़ी और जंजीरों में बांधकर वापस भेजते हुए दिखाया गया। इन तस्वीरों ने लोगों में व्यापक आक्रोश पैदा किया।

    Indian Diaspora राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप-

    कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इन तस्वीरों पर अपना दुख व्यक्त किया। उन्होंने कहा, कि अमेरिका से भारतीय नागरिकों को अपमानजनक तरीके से डिपोर्ट किए जाने की तस्वीरें देखकर दुख होता है। विपक्ष ने सरकार पर विदेश में भारतीय प्रवासियों की सुरक्षा न करने का आरोप लगाया।

    Indian Diaspora अमेरिकी दूतावारे का पक्ष-

    अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने इस मामले पर स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि अमेरिका अपनी सीमाओं को कड़ाई से सुरक्षित कर रहा है और अवैध प्रवासियों को वापस भेज रहा है। उनका मानना है कि यह कदम अवैध प्रवासन के जोखिम के बारे में स्पष्ट संदेश देता है।

    तथ्य जांच का खुलासा-

    हालांकि, हिंदुस्तान टाइम्स सहित कई मीडिया आउटलेट्स ने इन वायरल तस्वीरों की सच्चाई का पर्दाफाश किया। वास्तव में ये तस्वीरें 30 जनवरी को ग्वाटेमाला को डिपोर्ट किए जा रहे प्रवासियों की थीं, न कि भारतीय नागरिकों की।

    डोनाल्ड ट्रंप का कनेक्शन-

    यह डिपोर्टेशन डोनाल्ड ट्रंप के कार्यालय में वापसी के बाद पहली बड़ी डिपोर्टेशन मानी जा रही है। सोशल मीडिया पर तेजी से फैली इन तस्वीरों ने लोगों में भारी उत्तेजना पैदा की। इस घटना ने एक बार फिर से सोशल मीडिया पर फैलती भ्रामक सूचनाओं की समस्या को उजागर किया। लोगों ने बिना तथ्यों की जांच किए इन तस्वीरों को वायरल कर दिया, जिससे एक गलत narrative बन गया।

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    यह पूरा प्रकरण हमें याद दिलाता है कि हमें हमेशा किसी भी खबर या तस्वीर को बिना सत्यापन के नहीं फैलाना चाहिए। मीडिया साक्षरता और तथ्य जांच आज के डिजिटल युग में बेहद महत्वपूर्ण हो गई है।

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