Bengaluru CEO: AI का महत्व और इसकी उपस्थिति हमारी ज़िंदगी में धीरे-धीरे बढ़ती जा रही है। AI लोगों के सवालों का जवाब दे रहा है और इन्हीं जवाबों में कई बार एआई ऐसे जवाब देता है, जो सभी को हैरान कर देता है। आज हम आपके लिए एक ऐसी कहानी लेकर आए हैं, जहां AI ने अपने एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी होने का सबूत दिया है, जो ट्रैडिशनल मेडिकल सिस्टम को चुनौती दे रहा है। दरअसल हाल ही में बेंगलुरु कैपिटलमाइंड के संस्थापक दीपक शेणॉय ने एक दिलचस्प घटना सोशल मीडिया पर शेयर की है, जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया।
Bengaluru CEO ChatGPT एनालिसिस-
उन्होंने X पर अपने MRI रिपोर्ट के ChatGPT एनालिसिस के बारे में बताया। जब उन्होंने अपनी MRI रिपोर्ट के बारे में एआई से पूछा, तो AI ने उन्हें सलाह दी, कि वह डीप स्क्वाट्स करना बंद कर दें। दीपक ने ट्विटर पर लिखा, "मजेदार बात यह है कि मैं धीरे-धीरे वही सीखने की कोशिश कर रहा था!" उनके कमेंट्स में एक यूजर ने पूछा, "ऐसा क्यों?" तो दीपक ने बताया - "मेरे घुटने में थोड़ा बदलाव है। मैं फिर भी डॉक्टर से मिलूंगा।"
Just found out from the ChatGPT analysis of my MRI report that I should stop doing deep squats. Very interesting because I was slowly training to do exactly that.
— Deepak Shenoy (@deepakshenoy) January 31, 2025
तुरंत फ्रैक्चर पकड़ लिया-
इससे भी ज्यादा दिलचस्प AJ Kay की कहानी है। उनकी बेटी एक कार दुर्घटना में फंस गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने फ्रैक्चर नहीं पाया, पर बेटी के दर्द में कमी नहीं आ रही थी। तभी माँ ने एलन मस्क के AI चैटबॉट ग्रोक में एक्स-रे अपलोड किए और ग्रोक ने तुरंत फ्रैक्चर पकड़ लिया, जो डॉक्टरों से छूट गया था।
True story: @Grok diagnosed my daughter’s broken wrist last week.
One of my daughters was in a bad car accident last weekend. Car is totaled but she walked away. Everyone involved did, thankfully. It was a best case outcome for a serious, multi-vehicle freeway collision.… pic.twitter.com/fRNh81WX0N
— AJ Kay (@AJKayWriter) January 11, 2025
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क्या AI अब डॉक्टरों की जगह ले सकता है?
वहीं सवाल यह उठता है, कि क्या AI अब डॉक्टरों की जगह ले सकता है? विशेषज्ञों का मानना है कि AI एक उपयोगी टूल हो सकता है, लेकिन यह मानवीय चिकित्सा विशेषज्ञों का पूरी तरह से विकल्प नहीं हो सकता। AI की मेडिकल क्षमताएं निश्चित रूप से प्रभावशाली हैं। वह डॉक्टरों को तुरंत और सटीक जानकारी प्रदान कर सकती हैं, लेकिन मानवीय समझ, सहानुभूति और मुश्किल फैसले लेने की क्षमता अभी भी मशीनों से परे है।
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