Leonardo da Vinci: गूगल पर अगर आप यह सर्च करोगे 30802500 तो सबसे ऊपर कोडेक्स लेस्टर लिखा आएगा, जो एक भविष्य की किताब का नाम है और इस भविष्य की किताब को बिल गेट्स ने 1994 में 30802500 में यानी की 3 करोड़ 82500, जो भारतीय रुपयों में ढाई सौ करोड होते हैं, में खरीदी हैं। जिसकी आज की वैल्यू 400 करोड़ रुपए है, वह भी एक किताब की और इसे खरीदने वाला खुद माइक्रोसॉफ्ट का फाउंडर हैं, जिनको टेक्नोलॉजी की इतनी समझ है। उन्होंने इस किताब के अंदर साइंस एजुकेशन और टेक्नोलॉजी का फ्यूचर देखा। अभी हम जिस साइंस और टेक्नोलॉजी में जी रहे हैं, इस समय को आज से 500 साल पहले ही लियोनार्डो द् विंची ने लिख दिया था, इस किताब के अंदर। लियोनार्डो द् विंची पॉलीमथ थे, जिसे हर फिल्ड का मास्टर भी कहा जाता है।
इंसान की बॉडी के 240 स्केचेस(Leonardo da Vinci)-
500 साल पहले इन्होंने इंसान की बॉडी के 240 स्केचेस बनाए थे। तब एक्सिरा नहीं था, जो कि आज की मॉडल साइंस के स्केचेस से सेम टू से मैच करते हैं। यह इतने क्यूरियस थे, कि यह इसे जानने के लिए कब्रिस्तान जाते थे और कब्र को हटा कर लाश को निकाल के उनकी बॉडी को ऑब्जर्व करते थे। यह देखने के लिए की इंसान की बॉडी किस तरह से बनी थी। बाहुबली मूवी में भल्लालदेव का यह रथ, तो आपने देखा होगा, लेकिन अब आप ये स्केच देखिए, इस रथ का डिजाइन, तब के समय में ही लियोनार्डो द् विंची ने बना लिया था।
उनके पास इंपॉसिबल इमेजिनेशन स्किल थी, अब हम इंपॉसिबल शब्द क्यों यूज़ कर रहे हैं, इसे सुनो आप यह फोटोग्राफ देखो, यह इटली के मैप की है, जो कि सेटेलाइट से क्लिक की गई है और अब देखो यह स्केच है, 16वीं सेंचुरी में जिस वक्त सैटेलाइट नहीं हुआ करती थी, इन्होंने इसको इमेजिन करके ऐसा स्केच ड्रॉ किया है।
33 बैराल्ड ऑर्गन(Leonardo da Vinci)-
अगर सिटी को ऊपर से देखा जाए, तो यह इस तरह से नजर आएगा। उस वक्त एयरप्लेन नहीं थे, ड्रोन नहीं था, बिल्डिंग नहीं थी, जिससे सिटी को इतनी ऊंचाई से देख सकें। मतलब कि लियोनार्डो द् विंची पहले इंसान हैं, जिन्होंने किसी सिटी को इतनी ऊंचाई से इमेजिंग कर लिया था। लियोनार्डो द् विंची ने 33 बैराल्ड ऑर्गन बनाया था। जिसमें 33 छोटी कैरिब की बंदूक के एक साथ फायर कर सकते थे। 500 साल पहले के हिसाब से यह बहुत ही एडवांस मेकैनिज्म था। इन्होंने कई तरह के हथियार बनाए और यह राजाओं को चिट्ठी लिखकर चैलेंज करते थे, कि मैं आपके लिए ऐसे हथियार बन सकता हूं, कि आपके दुश्मनों की सैनिकों को चूर-चूर कर सकती है। टैंकर्स की जो खोज है, वह विंची के बनाए हुए डिजाइन को देखकर ही की गई है।
लड़ाकू मशीन का स्केच(Leonardo da Vinci)-
500 साल पहले लियोनार्डो द् विंची के पास एक ऐसी लड़ाकू मशीन का स्केच था, जो की कछुए की शैप में था और इसके चारों तरफ तॉप लगी थी, जिसको किसी भी दिशा में घूमा कर हमला कर सकते हैं। दुनिया ने पहला हेलीकॉप्टर 1940 में देखा था, लेकिन लियोनार्डो द् विंची ने 500 साल पहले ही हेलीकॉप्टर कैसे उड़ेगा, हेलीकॉप्टर कैसे काम करता है, इसका पूरा नक्शा इसका पूरा डिजाइन तैयार कर लिया था। लेकिन उसेॉ वक्त टेक्नोलॉजी ना होने की वजह से वह उसे हकीकत में एक्सपेरिमेंट करके बना नहीं पाए। हमने अब तक पढ़ा है, कि एरोप्लेन का आविष्कार राइट ब्रदर्स ने किया है, पर जब इनका जन्म भी नहीं हुआ था, उससे कई सौ साल पहले विंची ने लिख दिया था, कि हवा में कैसे उड़ा जा सकता है। यहां तक की इसकी जो मशीन है, उसका पूरा मॉडल बना दिया था।
पक्षियों को ऑब्जर्व(Leonardo da Vinci)-
लियोनार्डो द् विंची पक्षियों से बहुत प्यार करते थे, तो वह अपनी सेटिस्फेक्शन के लिए पक्षियों को खरीदते थे और पिंजरों से आजाद करते थे। अब क्योंकि उन्होंने पक्षियों के साथ में बहुत अच्छा वक्त बिताया है, तो वह पक्षियों को ऑब्जर्व करते थे, कि आखिर वह उड़ते कैसे हैं। ऐसे ही एक दिन उनका भी उड़ने का मन किया। जिसके बाद उन्होंने एक मॉडल डिजाइन किया। अगर हम सोचें की, किसी को भी अगर यह पता लगाना है, कि पक्षी कैसे उड़ पाता है, तो उसे उसकी वीडियो बनानी होगी और उसको स्लोमोशन में देखना होगा, तब एक-एक कर फ्रेम बाय फ्रेम एक-एक पंख दिखाई देगा। लेकिन विंची ने पक्षी के उड़ने की एक-एक फ्रेम को कैसे कैप्चर किया, यह सुनकर आप हैरान रह जाएंगे।
पैराशूट बनाने का क्रेडिट(Leonardo da Vinci)-
इसके लिए वह केज के अंदर पक्षी को रखते थे, उसे वह खोलते हैं। फिर जैसे ही पक्षी उड़ते, वह उसको ऑब्जर्व करते और स्कैच बनाना स्टार्ट कर लेते हैं। ताकि पता लग सके, कि पक्षी उड़ कैसे पा रहा है। फिर इस प्रोसेस को समझ कर उन्होंने फ्लाइंग मशीन बना ली। जिसे आप देख सकते हैं, कि इसमें इंसान के बैठने की जगह भी है। सेबेस्टिन लिनोरमंड को पैराशूट बनाने का क्रेडिट दिया जाता है, पर अंब्रेला जैसे स्ट्रक्चर को लेकर हवा में उड़ते हुए इंसान का स्केच सबसे पहले विंची ने ही बना दिया था। वहीं आप जानकर हैरान रह जाएंगे, कि 26 जून 2000 में एंड्रेन निकोलस ने विंची के स्केच को देखकर, उन्होंने पैराशूट बनाया और उसके बाद में उसको लेकर उन्होंने 10,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगा दी।
डेस्परेटिड प्रोजेक्ट्स(Leonardo da Vinci)-
वह भी बिना किसी सेफ्टी के, लोग हैरान तब रह गए, जब निकोलस सही सलामत नीचे उतर गए और वह जो स्कैच था, वह सही साबित हो गया। लियोनार्डो द् विंची का सबसे डेस्परेटिड प्रोजेक्ट, जिसमें उन्होंने बहुत टाइम दिया है, वह मोनालिसा की पेंटिंग है, जिसको बनाने में इन्होंने बाल से भी छोटे ब्रश का इस्तेमाल किया था। कई लोग तो कहते है, कि इन्होंने अपना ही फीमेल वर्जन बनाया है। इसके साथ ही मोनालिसा के एक्सप्रेशन में भी कई राज़ छिपे हुए हैं, जिन्हें बताना भी काफी डिफिकल्ट होता है। इनकी एक और फैमस पेंटिंग थी, द् लास्ट सफर। जब जीजस और उनके 12 लोगों को शूली पर चढ़ाया था, तब इन सब लोगों ने एक आखरी बार साथ में बैठकर के खाना खाया था। यह पेंटिंग उस घटना को दर्शाती है।
सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल का मॉडल(Leonardo da Vinci)-
यह तो हम सभी जानते हैं, कि अब जाकर टेस्ला ने सेल्फ ड्राइविंग कार बनाई है, लेकिन विंची का एक स्कैच है, जिसमें उन्होंने सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल का मॉडल बनाया था। जिसका नाम इन्होंने सेल्फ प्रिपेयर्ड कार और इस दुनिया में पहली कार 1886 में बनी है। उससे भी पहले इन्होंने कार तो छोड़ो सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल बना दिया। वह भी 500 साल पहले, जिसको वह एक्सपेरिमेंट करके देख नहीं सकते हैं, तो सोचों अगर यह इस समय में होते, तो टेक्नोलॉजी का फायदा लेकर यह कार को हवा में उड़ा देते हैं। अब तक हमने जितनी भी खोज बताई है, वह इससे कई ज्यादा साइंटिफिक, आर्टिस्टिक और कई मिस्ट्रीज़ जैसे आसमान का रंग जो है, वह नीला क्यों है, पक्षी जो है वह इतनी देर तक हवा में क्यों रह पाता है।
ढाई सौ करोड़ रुपए में खरीदा-
यह सारी चीज़ें बुक में लिखी हुई है। जिसको बिल गेट्स ने ढाई सौ करोड़ रुपए में खरीदा था। जिसकी आज की वैल्यू 400 करोड़ रुपए है। विंची ने इतनी खोजें की हैं, इतने आइडियाज़ दिए हैं, इतने डिज़ाइन, इतनी पेंटिंग्स बनाई हैं, कि कुछ लोग उनको कहते हैं की वह एक आर्टिस्ट हैं, कुछ कहते थे वह साइंटिस्ट थे, कुछ कहते हैं, वह पेंटर थे। इसी वजही से इनके लिए एक वर्ड है पॉलिमैथ, जो हर फील्ड का बादशाह है। लेकिन सोचने वाली बात यह है, कि विंची के समय में आज जितनी टेक्नोलॉजी नहीं थी। पर एक लॉजिकल आउटलुक के साथ में इंसान क्या कर सकता है, वह तो आपने देख ही लिया है। वॉल्टर इजेक्शन जिसमें इन्होंने विंची की ऑब्जरवेशन का सीक्रेट बताया है, कि वह चीजों को ऑब्जर्व कैसे करते हैं, तो अगर आपको भी किसी भी चीज को डिप्ली ऑब्जर्व करना सीखना है।
दिमाग बैक ऐंड में काम करता है-
तो आपको उसकी एक-एक डिटेल्स को निकालना होगा, जितना डिटेल्स में लिख सकते हो, उतना लिखो। क्योंकि लिखने पर समझ आ जाएगा। मान लो आपके सामने एक प्रॉब्लम है, तो वह प्रॉब्लम क्यों है, वह कितनी बड़ी है, क्या नहीं हो पा रहा है, क्या करने की जरूरत है, जो भी वह सब कुछ उस चीज की वजह से है, जो आपने सोचा है। उसकी वजह से दूसरी चीजों पर क्या असर पड़ रहा है। वह लिखो, एग्जांपल कोई प्रॉब्लम है, उसकी वजह से आपकी लाइफ पर, आपकी मेंटल कंडीशन पर, आपके फाइनेंस पर क्या फर्क पड़ रहा है।
इसके लिए आप एक्सपेरिमेंट करना स्टार्ट कर दो और उसको क्या करने की जरूरत है, जो भी समझ आ रहा है, वह सब कुछ लिखो। इस लिखने से होता यह है, कि वह हमारे दिमाग में रिकॉर्ड हो जाता है, फिर आप काम नहीं कर रहे हो, तब भी आपका दिमाग बैक ऐंड में काम कर रहा होता है।
ऑब्जरवेशन लिखते जाओ-
आपका दिमाग चल रहा होता है, फिर 2 दिन बाद में एक ऐसा आईडिया देता है, जो पहले नहीं आ रहा था। एक्सपेरिमेंट करते जाओ और ऑब्जरवेशन लिखते जाओ, कुछ दिन बाद फिर से आप सोचोगे तो नया ही आपके दिमाग में आएगा। क्योंकि आपका दिमाग बैकऐंड में चलता है। इसके साथ ही जीवन में सफलता के लिए उसे अच्छे से जीने के लिए विंची ने कुछ बाते लिखी हैं, इसे ध्यान से सुनिएगा। विंची का कहना है, कि जो लोग अमीर बनना चाहता है, उसे एक साल में फांसी पर लटका दिया जाएगा, जिस तरह से बहादुर होना खतरनाक है, उसी तरीके से डर हमारी सुरक्षा करता है। आप दिन में 24 घंटे भी कुछ नया सीख रहे हैं, तो भी दिमाग को थकान नहीं होती है। विंची का कहना है, कि समय उसके लिए लंबे समय तक रहता है, जो इसका इस्तेमाल करता है।
खूबसूरत तरीके से बिताया गया जीवन लंबा-
उनका कहना है, की खूबसूरत तरीके से बिताया गया जीवन लंबा होता है और काम को लेकर वह कहते हैं, कि काम करने की इच्छा शक्ति होना ही काफी नहीं होता है, काम करके दिखाओ। इसके साथ ही उन्होंने एक लाइन और लिखी है, कि प्रकृति कभी अपना नियम नहीं तोड़ती। इस लाइन में पूरी ज़िंदगी लिखी हुई है। कहा जाता है, कि हर इंसान में कोई ना कोई काबिलियत होती है। जिसके साथ आप न्याय नहीं कर रहे, सही नहीं कर रहे, आप आपनी शक्ति कै ढंग से इस्तेमाल नहीं कर रहे हो, क्यों नहीं कर रहे हो।
उसके पीछे होता है हमारा मन और यह बहुत कमजोर होता है, यह हमें रोकता है, यह कंफर्टेबल होना चाहता है। यह कमजोर मन आपको बार-बार कहता है, कि हम इतनी मेहनत कर रहे हैं, इतना करने के बाद भी नहीं हुआ, तो आगे क्यों होगा, क्यों अपने आपको इतना कष्ट दे रहे हैं।
सेंस ऑफ ह्यूमर यूज़-
विंची कहते हैं, की लाइफ में हर इंसान एक न एक बार तो बहुत बुरी तरह से अटकता है और विंची के मुताबिक इस समय में आपको अपना सेंस ऑफ ह्यूमर यूज़ करना चाहिए। आपकी काबिलियत के साथ इंसाफ तभी होगा, जब आप मुश्किल हालातो का मजाक उड़ाकर आगे बढ़ने की हिम्मत दिखाओगे। वहीं अब बात करते हैं, विंची की इंटकनेक्टिड थ्योरी के बारे में। विंची के मुताबिक, दुनिया की हर एक चीज़ एक दूसरे से बहुत ही ब्यूटीफुल तरीके से इंटरकनेक्टिड है। उन्होंने कभी भी हिस्ट्री, साइंस, मैथ्स, शायरी किसी भी सब्जेक्ट को अलग नहीं समझा। अगर आप उनकी बुक को खोलेंगे, तो उसमें आपको कुछ भी कैटेगरी वाइज़ नहीं मिलेगा। इसमें कहीं साइंस की बातें, कहीं बायोलॉजी की बातें, सारी बातें अलग-अलग लिखी हुई हैं।
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इंटरकनेक्टिड-
अगर आपर नेचर को भी देखोगे, तो आपको काफी चीजें ऐसी मिलेंगी, जो सिमिलर हैं, एग्जांपल के तौरर पर, लंग और पेड़ की तरह है और अखरोट ब्रेन की तरह दिखता है। इस तरह सिमिलेरिटीज कितनी मिलती रहती है। ऐसै ही सभी चीज़ें एक दूसरे से जुड़ी हुई है। बस हमें अपने देखने के नज़रिए को बदलने की ज़रुरत है।
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